मेरी भाभी के भाई ने मेरी गांड मारी-4 (आखरी भाग)

Gay Chudai

पिछला भाग पढ़े:- मेरी भाभी के भाई ने मेरी गांड मारी-3

दिशा को चाहने वाले सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। आप मेरी कहानी को काफी प्यार दे रहे हैं। ये कहानी का लास्ट पार्ट है। कहानी के पिछले तीनों पार्ट को आपने अपना भरपूर प्यार दिया है। जिसके लिए मैं दिल से आपकी शुक्रगुज़ार हूं। आप मुझे मेल लिख कर मुझे कहानी आगे लिखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, और इसी वजह से मैं आज अगला पार्ट लिखने को मजबूर हूं।

तो पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने नितिन की बीवी आरती बन कर करीब 25 मिनट तक उसका लंड चूसा, और लंड से निकले अमृत की एक-एक बूंद पी ली। अब मैं सोफे पर नितिन से चिपक कर उसके सीने पर सिर रख कर बैठी थी। तो नितिन ने मेरे होंठ चूसने की इच्छा जाहिर की थी। तो मैंने नितिन के होंठो पर अपने होंठ रख कर खुद को उसके हवाले कर दिया था। अब आगे पढ़िए-

नितिन मेरे होंठ तो चूस रहा था पर उसमें अब वो तेजी नहीं थी। वो बड़े आराम से मेरे होंठो को अपने होंठों से दबा रहा था। नितिन अब बेहद खुश और शांत लग रहा था। क्योंकि अभी-अभी मैंने उसे वो सुख दे दिया था, जो उसे उसकी बीवी ने कभी नहीं दिया था। और शायद ही कभी भविष्य में भी मिल पाता।

थोड़ी देर में ही नितिन का एक हाथ मेरी पीठ पर और दूसरा कमर पर हरकत कर रहे थे। धीरे-धीरे किसिंग भी स्पीड पकड़ने लगी। थोड़ी देर में ही नितिन उठा। अपनी गोद में उठा कर बेड रूम में ले गया। मुझे बेड पर लिटा कर मेरे ऊपर आ गया और फिर से मेरे लिप्स चूसने लगा। अब वो गर्म हो चुका था। लिप्स से मेरी गर्दन तक पहुंच गया था।

नितिन फिर मेरी साड़ी उतारने लगा। उसने झट से मेरी साड़ी उतार कर फेंक दी। अब मैं ब्लाउज़ और पेटीकोट पर थी। नितिन ने देर ना करते हुए पेटिकोट का नाड़ा भी खींच दिया, और पेटीकोट नीचे खिसका दिया। पेटीकोट मेरे पैरों में जा अटका।

तभी नितिन ने अपना हाथ मेरी पैंटी के ऊपर रखा और सहलाने लगा। अब तक मैं पूरी तरह भूल चुकी थी कि मैं एक लंड की मालकिन हूं। नितिन के सहलाते ही मुझे मेरे लंड का एहसास हुआ, जो पैंटी के अंदर ही खड़ा होकर सलामी दे रहा था। लंड से थोड़ा पानी की बूंदे भी निकली थी जिससे मेरी पैंटी थोड़ी गीली हो चुकी थी।

तभी नितिन ने अपना हाथ पीछे से मेरी पैंटी के अंदर घुसा दिया। वो अब मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। तभी नितिन ने मेरी पैंटी भी उतार दी और मुझे उल्टा लेटने को बोला। मैं उल्टा घूम गई।

मेरे उल्टा घूमते ही नितिन ने मेरे दोनों चूतड़ों पर 4-5 चांटे जड़ दिए। मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी। मुझे थोड़ा दर्द हुआ पर अच्छा भी लगा। अब नितिन मेरी गांड के छेद से खेलने लगा।

थोड़ी देर में ही नितिन वापस ऊपर आ गया और मेरे ब्लाउज के हुक खोलने लगा।

मैंने भी उसका सहयोग किया तो उसने ब्लाउज मेरे शरीर से अलग करने में सफलता हासिल कर ली। फाइनली एक मर्द के सामने नंगा होने का मेरा सपना पूरा हो गया था। नितिन ने मेरी ब्रा भी उतारनी चाही, पर मैंने उसे रोक लिया।

मैं पेट के बल लेटी थी इसलिए नितिन को देख नहीं पा रही थी। तभी नितिन मेरे ऊपर से हट कर खड़ा हो गया। शायद वो अपने कपड़े निकाल रहा था। तो मैं भी घूम कर पीठ के बल गई। वो अपनी टी-शर्ट उतार रहा था। मैं ऐसे ही लेट कर नितिन को देखती रही। उसने अपनी पैंट भी उतार दी। अब वो सिर्फ अंडरवियर में था और मैं सिर्फ ब्रा में।

नितिन ने मुझे उठने का इशारा किया। मैं उठ कर घुटनों के बल बैठ गयी। नितिन का लंड अंडरवियर से आजाद होने को बेताब था। मैंने बाहर से ही उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर थोड़ी देर में उसका अंडरवियर उतारा। और लंड मुंह में भर लिया। 1-2 मिनट चूसने के बाद उसका लंड मेरी गांड की सैर करने को तैयार था। तो उसने लंड मेरे मुंह से बाहर निकाला और मुझे घोड़ी बनने को कहा। फिर उसने क्रीम ली और एक मिनट में ही मेरी गांड को लंड लेने के लिए तैयार कर दिया।

फिर उसने थोड़ी क्रीम अपने लंड पे लगाई और लंड को मेरी गांड पर टिका दिया। दिन में ही मैं एक बार गांड में लंड ले चुकी थी। इसलिए इस बार ज़्यादा परेशानी नहीं होने वाली थी। नितिन ने थोड़ा दबाव बनाया तो सुपाड़ा अंदर घुस गया। फिर उसने एक ही झटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया।

लंड तो आराम से बिना रुके पूरा अंदर घुस गया। पर मेरी चीख जरूर निकल गई। पर नितिन रुका नहीं। उसने लंड अंदर घुसाते ही मुझे चोदना शुरू कर दिया। 1-2 मिनट में मैं भी नॉर्मल हो गई, तो मैं भी उसका साथ देने लगी। ये देख कर नितिन और जोश के साथ मेरी गांड में धक्के मारने लगा।

फिर नितिन ने पीछे से मेरी ब्रा ली और मुझे अपने लंड पर आगे-पीछे खींचने लगा। मैं भी बराबर आगे-पीछे हो कर गांड मरवा रही थी। मुझे चुदते हुए करीब मिनट हो चुके थे।अब घोड़ी बने-बने मेरे घुटने दर्द कर रहे थे, तो मैंने नितिन को किसी ओर पोजीशन में करने को बोला।

तो नितिन ने लंड गांड से बाहर निकाल लिया और बेड पर लेट गया, और मुझे अपने ऊपर आने को बोला। मैं ऊपर आ गई, लंड को पकड़ कर गांड के छेद पर रखा, और आराम से उसके ऊपर बैठने लगी। इस बार तो लंड मेरी गांड को चीरता हुआ पूरी गहराई तक जा पहुंचा।

अब चुदाई का पूरा कंट्रोल मेरे पास आ चुका था। मैं ऊपर-नीचे होकर गांड मरवा रही थी। कभी स्लो, कभी फ़ास्ट। बीच-बीच में झुक कर नितिन के लिप्स भी चूस रही थी। अब करीब 10-12 मिनट बाद नितिन का निकलने वाला था, तो उसने मुझे थोड़ा गांड ऊपर करके एडजस्ट होने को बोला।

हर मर्द लंड का पानी निकालने के दौरान चुदाई का कंट्रोल अपने पास रखना चाहता है। ताकि पूरी गहराई में जैसे चाहे वैसे पानी निकाल सके। तो मैं उठ कर घुटनों के बल पर थोड़ा एडजस्ट हो गई। अब नितिन ने दोनों हाथ मेरे चूतड़ों पर रखे, और उचक-उचक कर मेरी गांड पेलने लगा।करीब 20-25 सेकंड में उसने मेरी गांड में अपना सारा लावा निकाल दिया, और शांत होकर लेट गया। मैं भी वैसे ही उसके ऊपर बैठ गई।

लंड अभी भी मेरी गांड में ही था, और धीरे-धीरे छोटा होकर बाहर निकल रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर से उठ कर उसके बगल में उससे चिपक कर लेट गई। रात के 9 बज गए थे। थोड़ी देर बाद हमने खाना ऑर्डर किया, और खाना खाने के बाद नितिन ने रात को 2 बार और मेरी गांड मारी।

इसके बाद मैं जब तक चंडीगढ़ में रही, नितिन की पत्नी बन कर रही, और उसने रोज़ मेरी गांड मारी। क्योंकि नितिन मेरी भाभी का भाई था, इस वजह से हमें बाद में भी चुदाई के कई मौके मिले, और हमने हर बार मौके का फायदा उठाया। ये इस कहानी का अंतिम पार्ट था। आपको पसंद आया हो तो कमेंट करके जरूर बताएं।

अगर आप मेरी और नितिन की चुदाई की और कहानियां भी पढ़ना चाहते है, कि इसके बाद हमने कैसे-कैसे और कहां-कहां चुदाई कि तो मुझे जरूर बताना, मैं तभी लिखूंगी। नितिन के अलावा मैंने जिन भी और मर्दों से गांड मरवाई, आने वाले समय में मैं वो कहानियां भी आपके साथ शेयर करूंगी।

तब तक अगर आपको यह कहानी पसन्द आई हो तो आप कमेंट करके भी बता सकते हैं, और मुझे मेल भी कर सकते हैं। अगर आप चाहते है कि मैं कहानी का अगला पार्ट लिखूं तो भी मुझे मेल करके बताएं। और यदि आप मुझसे बात करना चाहते हैं, तो भी मुझे मेल कर सकते हैं। या गूगल चैट पर मुझे मैसेज कर सकते हैं। मुझे जो भी मेल या मैसेज आता है, मैं सबका रिप्लाई करती हूं।

मेरी ईमेल आईडी है-

Visited 41 times, 1 visit(s) today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *