बहन की सहेली ने लिया चुदाई का मजा

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नमस्कार दोस्तो मैं रंजीत आपका स्वागत करता हु अपने कहानी की दुनिया मे। दोस्तों ये कहानी नही ये हकीकत है जो मैं आपको सुनाने जा रहा हु जिसे सुन कर आप बहुत इन्जॉय करेंगें। दोस्तो मैं अपने जॉब के सिलसिले में लखनऊ रहा करता था. Young Girl Blowjob XXX

वैसे मेरा घर सिर्फ 40 किलोमीटर दूर था बस पर मेरा काम ऐसा था कि रात के 11 बज जाते थे और कभी कभी तो सुबह 4 बजे से ही लगना पड़ता था। दोस्तो मैं पराग दुग्ध कम्पनी में डीलर का काम करता था तो मैं यही Lucknow में एक छोटा सा रूम लिया था।

मैं हप्ते दो हप्ते में घर जाया करता था। क्योंकि घर मे रहने वाला कोई नही था। बस मेरा छोटा भाई माँ और छोटी सी बहन थी। अगर ज्यादा दिन हों जाता था तो मेरी छोटी बहन बहुत ज्यादा लड़ा करती थी तो मिलने जाया करता था।

मेरी छोटी बहन की एक सहेली है नेहा नाम की जो काफी सुन्दर है भगवान ने काफी फुरसत से बनाया था उसे। बॉलीवुड की हिरोइन भी उसके आगे पानी भरे इतनी सुंदर थी वो पर उसको ले कर मेरे मन मे कोई ऐसी वैसी कोई भावना नही थी मैं भी उसे छोटी बहन ही मानता था।

चुकी मैं जब घर जाता थी तो छोटी बहन को पैसे देता तो मेरी छोटी बहन वर्षा कहती कि नेहा हो भी पैसे दो तो मैं नेहा को भी पैसे दिया करता था तब वो भी थैंक्स भैया बोला करती थी। जब भी मैं उसे अपने बाइक पर बिठाता तब उसकी सुडौल चुचिया मेरे पीठ में रगड़ खाती थी तो कुछ समय के लिए तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था.

पर ये भी मेरी छोटी बहन है ये सोच कर शान्त भी हो जाता था। एक दिन मैं काम कर के अपने रम पर गया तो नेहा का फ़ोन आया और बोली कि भइया आप कहाँ है तो मैं बोला कि मैं अपने रूम पर हु अमीनाबाद में तो वो बोली भइया मैं चारबाग बस स्टेशन पर हु आयी थी एग्जाम देने पर घर जाने के लिए कोई बस नही मिल रहा है और ऑटो से जाने में बहुत डर लग रहा है।

तो बोला कि वहाँ तुरन्त रुको मैं आता हूँ। मैं उसके पास गया वो मुझसे देखते ही गले लग कर रोने लगी और बोली भइया 4 घंटे से परेसान हु न कोई बस है और ना कोई सहेली है जिसके साथ मैं घर जाऊ मुझे बहुत डर लग रहा था तभी मुझे याद आया कि आप यहाँ हो।

मैंने बोला पागल जब मैं हु तो रोना कैसा जब भी कहती मैं जहा होता वहाँ से आ जाता तुम्हारे पास। मैं उसे एक ढाबे पर ले गया और खाना खिलाया क्योकि मैं भी खुद बाहर ही खाता हूं। उसने खाना खाया और फिर मेरे पीछे मेरे मोटरसाइकिल पर बैठ कर मेरे रूम पर आई।

चुकी मेरा रूम छोटा है और सिर्फ एक ही बिस्तर और एक ही बड़ा सा कम्बल है तो मैंने नेहा से बोला कि बहन तुम सो जा मैं यही कुर्सी पर बैठे बैठे सो जाऊँगा तब बोली नही भइया आप मेरे साथ ही सो जाइये आप मेरे भाई है और मैं आपकी बहन कोई दिक्कत नही होगी।

वैसे मैं भी बहुत थका था तो उसकी बात मान ली मैं सो गया और वो भी मेरे बगल में बाये तरफ सो गई हम दोनों एक ही कम्बल में थे तो दोनों का शरीर एक दूसरे से चिपका था। रात में जैसे लगा कि कोई चीज मेरे लण्ड पर रेंग रहा है जब नीद टूटा तो पता चला कि वो नेहा का हाथ है जो मेरे लण्ड को सहला रही थी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

फिर अपना हाथ मेरे लोवर में दाल कर मेरे लण्ड को मसलने लगी अब तो मुझे जोश आ गया और मेरा लण्ड भी कड़क हो गया। वो मेरे लोवर को नीचे कर के मेरे लण्ड को मुह में भर लिया और चूसने लगी मुझे बहुत अच्छा लगने लगा. मेरे मुंह से सिसकारी निकल गयी जिससे वो डर गयी और झट से मेरे लण्ड को मुह से निकल कर सोने का नाटक करने लगी।

अब मैं जोश में आ गया था तो मैं उसके चुचियो को मसलने लगा तो वो जोर से कहने लगी कि भइया और तेज से दबाओ मेरे चुचियो को मेरे बुर में अपना लण्ड डालो न। जल्दी से लण्ड डाल कर मेरे बुर को फाड़ दो नही तो मैं पागल हो जाऊंगी। मैंने भी उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया और ऊपर से नीचे तक उसे चूमने लगा और नीचे उसके बुर का रस पीने लगा.

अब वो सिसकारी ले कर कह रही थी “आह भइया और चुसो अपने जीभ से मेरे बुर साफ कर दो। ओह भइया कहाँ थे अब तक। मैं कब से आपसे पेलवाना चाहती थी। कब से आपको लाइन दे रही थी आप कभी नही समझ रहे थे। मैं अपनी चुचिया आपके पीठ पर रगड़ रही थी फिर भी आपने कुछ नही किया” और वो ये बोल कर झड़ गयी.

मैंने उसके बुर का नमकीन पानी पी लिया अब वो मेरे लण्ड को मुह में लेकर चूस रही थी मुझे भी मजा आ रहा था मैंने भी बोला कि कास तुम मुझे और पहले मिली होती । वो मेरे लण्ड को बहुत अच्छे तरह से चूस रही थी। मेरा भी माल उसके मुँह में छूट गया वो मेरा गाड़ा माल पी गयी। “Young Girl Blowjob XXX”

फिर दोनों साथ मे लेट गए और एक दूसरे को चूम रहे थे। मैंने बोला कि नेहा मुझे विश्वास नही हो रहा है तुम मेरी बहो में हो तो उसने भी कहा कि भइया मैं आपके साथ आपके बिस्तर में हु मुझे भी भरोसा नही हो रहा है।

जब लखनऊ घर से चली थी तब आपकी बहन वर्षा ने बताया कि भैया अमीनाबाद में ही रहते है तभी मैंने सोचा लिया था कि आज आपसे बुर फड़वा कर ही रहूंगी। वैसे बस तो मिल रहे थे गाँव की पर मैं नही गयी और घर पर फ़ोन कर के कह दी कि मैं नही आ पाऊँगी किसी सहेली के पास रुकी हु।

तो मैंने बोला कि पूरी रंडी हो गई हो नेहा तो वो बोली कि भइया मैं सिर्फ आपकी रंडी हु बाकी तो लोग तरस रहे है मुझसे बोलने के लिए पर मैं किसी को भाव नही देती। मैन अब अपना लण्ड पर थूक लगाया और नेहा के बुर के मुह पर रख दिया।

धीरे धीरे उसके बुर की गहराई में अपना लण्ड उतार दिया। अब वो रोने लगी थी और उसके बुर से खून भी निकलने लगा था। मुझे लगा कि सच मे ये तो मुझे ही सिर्फ चाहती है। उस रात उसे खूब पेला उसके बुर उसका गाँड और उसका मुझ कोई भी छेद नही बचा जिसमे मैंने अपना लण्ड नही डाला हो। फिर चोदते चोदते सुबह हो गयी।

दोनों थक कर चूर हो गए थे। मुझे भी नीद आ रही थी तो मैंने अपने आदमी को फ़ोन पर काम समझा दिया और सो गया लगभग 12 बजे मेरी आँख खुली तो नेहा फिर मेरे लण्ड को चूस रही थी मैं उस दिन फिर उसे चोदा। 2 दिन तक लगातार चुदाई के बाद वो घर गयी। अब जब भी वो लखनऊ आती तो खूब चुदती थी मुझसे। मैं भी उसका इंतजार किया करता हु।

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