दोस्त की भाभी अपने ससुर का बिस्तर गर्म कर रही थी

New Hindi Sex Story

Village Sambhog

ये बात आज से करीब 4 महीने पहले की है, जब में अपने दोस्त के गाँव गया था. में वहाँ घूमने के इरादे से गया था कि गाँव कैसा होता है? फिर में उसके गाँव मेरठ के करीब एक गाँव पहुँच गया, तो वो मुझे लेने नहीं आया बल्कि उसके पापा मुझे लेने आए, तो में उनके साथ उनके घर चला गया. Village Sambhog

अब वहाँ पर उसकी भाभी थी, वो घर में 4 चार लोग ही थे. मेरा दोस्त, उसका बड़ा भाई, उसकी बीवी और उसके पिताजी. उस गाँव में करीब 60 घर ही थे और आस पास खेत थे. वहाँ का नज़ारा बड़ा अच्छा था. उसकी भाभी वसुंधरा बड़ी सुंदर और सुडोल थी.

उसकी हाईट करीब 5 फुट 5 इंच और फिगर साईज 36-30-32 होगा. गजब का कसा हुआ बदन था, जो भी उसे एक बार देख ले तो उसका लंड खड़ा हो जाए. अब में उसकी भाभी को देखता ही रह गया था. फिर अंकल ने मेरा सामान एक कमरे में रखवा दिया.

ये कमरा अंकल के कमरे के पास ही था और भाभी का कमरा उनके कमरे के पास यानि कि पहले मेरा कमरा, फिर अंकल का और बाद में भाभी का कमरा था और चारों तरफ से दिवार ऊँची थी कि कोई अंदर नहीं देख सकता था कि अंदर क्या हो रहा है?

वही आँगन में टॉयलेट और बाथरूम बना हुआ था, जिस पर लकड़ी का दरवाजा लगा हुआ था. उससे अंदर और बाहर देखा जा सकता था. फिर मैंने पूछा कि अंकल विनोद कहाँ है? तो वो बोले कि वो काम से अपने भाई के पास चला गया है 2-3 दिन में आ जाएगा, वो तुम्हें रुकने के लिए कह गया है.

अब शाम हो चुकी थी, तो मैंने अपने को फ्रेश किया और गाँव में घूमने चला गया. फिर करीब रात के 8 बजे में वापस आया तो मैंने देखा कि अंकल भाभी के पास बैठे है और बातें कर रहे थे. फिर उन्होंने मुझे बतया कि बड़ा भाई शहर में नौकरी करता है और महीने में एक या दो बार आता है.

फिर तभी में सोचने लगा कि दाल में कहीं काला है, क्योंकि जिस तरह भाभी अंकल के सामने बैठी थी, उस समय उनकी छाती पर साड़ी नहीं थी और उनके मोटे-मोटे बूब्स नजर आ रहे थे, जिन्हें देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था, जबकि अंकल तो वहीं पास में बैठे थे.

रात को गाँव में लाईट का वोल्टेज कम आता है, तो हमने जल्दी से खाना खाकर बातें की. मैंने कहा कि मुझे जोर से नींद आ रही है इसलिए में नींद की गोली खाकर सो रहा हूँ. तभी मैंने देखा कि अंकल की आँखे चमक उठी और अब में पूरी बात समझ गया था कि अंकल भाभी की चुदाई कर चुके है.

फिर में उठा और अपने कमरे में आकर लेट गया, जब कमरे में रोशनी काफ़ी हल्की थी. अब मैंने अपना गेट बंद कर लिया था, ताकि उन्हें लगे कि में सो गया हूँ. फिर वो दोनों भी अपने-अपने कमरे में चले गये, उन कमरो की एक खूबी ये थी कि तीनों कमरो के बीच एक-एक दरवाजा था, जिसे अपने हिसाब से खोल और बंद कर सकते थे.

अब भाभी अपने सारे काम ख़त्म करने के बाद अपने कमरे में चली गयी थी, तो इसी बीच उन्होंने अपनी और से दरवाजा खोल दिया और दूसरी तरफ से अंकल ने दरवाजा खोल दिया, जो उनके ससुर थे. फिर रात के करीब 11 मुझे हल्के से आवाज़ आनी शुरू हुई तो में अपने बेड से उठा और कान लगाकर दूसरे कमरे की आवाज़ सुनने लगा.

तभी अंकल बोले कि वसुंधरा आज बड़ी देर कर दी, देख कैसे तरस रहा है? जल्दी से आजा. तब कमरे में हल्की सी रोशनी थी, लेकिन रात होने के कारण मुझे साफ-साफ़ दिख रहा था, क्योंकि मेरे कमरे में अँधेरा था. फिर भाभी अंकल के करीब आ गयी और बोली कि आज तो दिनभर प्यासी रही.

तो तभी अंकल बोले कि चिंता क्यों करती हो? हमारे पास पूरी रात है, तेरी प्यास बुझा दूँगा और उन्होंने जल्दी से भाभी के सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगी कर दिया. फिर मैंने देखा कि इस काम में भाभी भी कम नहीं थी.

तो उन्होंने भी बिना कोई मौका छोड़े अपने ससुर को नंगा कर दिया और फिर एक दूसरे से लिपट गये. तो तभी भाभी बोली कि कही वो जाग तो नहीं रहा. अंकल बोले कि वो नींद की गोली खाकर सो गया है इसलिए चिंता वाली कोई बात नहीं है.

और तभी अंकल ने भाभी की चूचीयाँ कसकर दबानी शुरू कर दी और भाभी ने अंकल के लंड को मसलना शुरू कर दिया. अब वो दोनों एक दूसरे को ऐसे रगड़ रहे थे जैसे वो पति पत्नी हो. अब भाभी को नंगी देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था, अब मन तो मेरा भी करने लगा था कि में भी चुदाई में कूद जाऊं.

फिर अंकल भाभी की चूचीयाँ दबा-दबाकर चूसने लगे. फिर उसके बाद भाभी बोली कि मुझे भी तो चूसने दो. फिर अंकल ने भाभी को अपनी गोद में लिया और बेड पर आ गये. फिर भाभी बोली कि तुम ज़रा इसको तैयार कर लो, में इसको तैयार कर दूँ.

तो अंकल ने भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया और भाभी ने अंकल के लंड को चूसना शुरू कर दिया, तो कुछ देर के बाद भाभी की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया. अब मेरा लंड सलामी दे रहा था कि अब चूत फटेगी.

फिर अंकल ने भाभी को सीधा किया और उनकी टाँगे चौड़ी करके अपने लंड का सुपाड़ा उनकी चूत पर रखकर हल्का सा धक्का मारा, तो अंकल का आधा लंड भाभी की चूत को सलामी देता हुआ अंदर घुस गया, लेकिन भाभी ने अपने मुँह से आवाज़ नहीं निकलने दी.

तभी अंकल ने और एक जोरदार धक्का मारा तो उनका पूरा लंड भाभी की चूत में घुस गया. भाभी थोड़ी ऊपर उठ गयी और बोली कि आराम से चोदो, में कहीं भाग नहीं रही हूँ. फिर अंकल बोले कि अगर भाग गयी तो, फिर तभी भाभी बोली कि 4 महीने से मेरी चुदाई कर रहे हो, कभी किसी का लंड इस चूत की तरफ आया है क्या? “Village Sambhog”

तो अंकल बोले कि तभी तो मेरी जान तुझे इतनी अच्छी तरह से चोदता हूँ कि तू कहीं और ना चली जाए. तभी भाभी बोली कि में इतना मोटा और लंबा लंड छोड़कर क्यों जाउंगी? जो घर के अंदर ही मिल रहा है. अब अंकल के लंड में जूस भर रहा था.

अब वो धक्के पे धक्के मारे जा रहे थे और भाभी मज़े से चुदाई करवा रही थी. फिर करीब 20 मिनट के बाद अंकल ने भाभी की चूत में अपना सारा पानी छोड़ दिया और अंकल उनके साथ में लेट गये. फिर थोड़ी देर के बाद भाभी उठी और अंकल के लंड को चूसने लगी, तो कुछ देर में ही अंकल का लंड फिर से खड़ा हो गया. 

भाभी ने अपनी दोनों टाँगे चौड़ी की और अंकल के लंड पर बैठ गयी और ऊपर नीचे होने लगी. अब उन दोनों के मुँह से आवाज़े निकल रही थी और अंकल भाभी की चूचीयों को चूस और दबा रहे थे, वसुंधरा आज मेरे लंड की ऐसी की तैसी कर दे, में तेरा गुलाम हूँ.

फिर भाभी बोली कि चिंता मत करो आज तुम्हारे लंड को चूस-चूसकर सूजा दूँगी, ताकि तुम 3-4 दिन तक मेरी चूत को तरस जाओ और अब भाभी पहले से भी ज्यादा जोर से ऊपर नीचे होने लगी थी. फिर करीब 15 मिनट के बाद भाभी एकदम से अंकल से लिपट गयी और निढाल हो गयी. “Village Sambhog”

तभी अंकल ने नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए, तो भाभी बोली कि रुक जाओ बहुत दर्द हो रहा है. अब अंकल ने भाभी को कसकर पकड़ लिया था और नीचे से कस-कसकर धक्के मारने लगे थे. फिर उसके बाद उन्होंने भाभी को घोड़ी बनने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं मानी.

अंकल जबरदस्ती उनको घोड़ी बनाकर भाभी के ऊपर चढ़ गये और पहले उन्होंने भाभी की चूत में अपना लंड घुसा दिया और फिर बाद में भाभी की गांड भी मारी और उनका सारा काम रात को 1 बजे के करीब ख़त्म हुआ. फिर दूसरे दिन सुबह मैंने देखा कि भाभी बाथरूम में गयी थी.

तो तभी अंकल भी उनके पीछे से अंदर घुस गये. मेरे कमरे का दरवाजा बंद था, लेकिन में दरार में से सब देख रहा था. फिर में बाहर आया और बाथरूम के पास आकर खड़ा हो गया. अब भाभी बोल रही थी कि रात को कर लेना.

लेकिन अंकल बोले कि नहीं पहले में तेरी चुदाई करूँगा तो उन्होंने भाभी का पेटीकोट ऊपर कर दिया और अपना लंड उनकी चूत में एक ही धक्के के साथ डाल दिया, तो भाभी चीख पड़ी, लेकिन अंकल ने अपने धक्के लगाने जारी रखे. फिर भाभी बोली कि क्यों रात को आराम नहीं मिला क्या? “Village Sambhog”

जो सुबह-सुबह ही चुदाई कर दी. अब भाभी मस्त होकर अपनी चुदाई करवा रही थी. फिर करीब 20 मिनट के बाद वो दोनों हल्के हो गये. फिर उन्होंने बाहर देखा कोई है तो नहीं, तो में दबे पैर अपने कमरे में आ गया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि भाभी फिर से आराम से अपने सारे काम कर रही थी.

फिर दिन में अचानक से अंकल को अपने दोस्त के साथ 2-3 दिन के लिए बाहर जाना पड़ गया, तो उन्होंने अपना सामान लिया और मेरा ध्यान रखने को बोल गये. फिर मैंने दिन में देखा कि भाभी अपने कमरे में अपनी चूत में उंगली से मालिश कर रही थी.

तभी उनकी नज़र मुझ पर पर गयी और उस समय भाभी अपने कमरे में बिल्कुल नंगी थी तो उन्होंने अपने शरीर पर कपड़ा डाल लिया. फिर में उनके कमरे में गया, तो भाभी बोली कि क्या देख रहे थे? तो मैंने कहा कि भाभी तुम तो बड़ी प्यासी हो, कोई तुम्हारी चुदाई नहीं करता क्या?

तो मेरी बातें सुनकर भाभी चौंक पड़ी और बोली कि तुम्हें शर्म नहीं आती क्या? तो में बोला कि जब से कल रात की चुदाई देखी है, तब से शर्म नहीं आती. फिर वो चौंक पड़ी और बोली कि क्या देखा? तो मैंने कहा कि ससुर बहू की चुदाई और वो भी कस- कसकर. “Village Sambhog”

फिर भाभी ने अपनी नज़रे झुका ली और बोली कि तुमने सब देखा. मैंने कहा कि हाँ मन तो मेरा भी कर रहा था, लेकिन क्या करूँ? अगर तुम चाहो तो हमारे पास 2 दिन पूरे है, जितनी मर्ज़ी चुदाई करवा लो, जवान लंड की चुदाई का मजा ही कुछ और होता है.

फिर वो कुछ नहीं बोली, तो में बाहर आया और मैन दरवाजा बंद कर दिया और उसके बाद भाभी के कमरे में गया. फिर मैंने कहा कि वसुंधरा मेरी जान इस जवान लंड से अपनी चूत की दोस्ती तो करा दे और फिर मैंने वसुंधरा के बदन पर पड़ा हुआ कपड़ा हटा दिया.

अब वो बिल्कुल नंगी थी और फिर में नीचे बैठा और उसकी चूत को चूमकर चुदाई के लिए सलामी दी. फिर उसके बाद मैंने वसुंधरा की दोनों चूचीयाँ करीब आधे घंटे तक चूसी और उसके बंद मैंने अपना लंड वसुंधरा से चुसवाया.

फिर मैंने उसकी चूत को चूस-चूसकर गीला कर दिया और बोला कि तुम्हारा ससुर तो बड़ा ही ठरकी है. फिर भाभी बोली कि उन्होंने मेरी इतनी चुदाई की है जितनी मेरे पति ने भी नहीं की है और अब तुम मेरी चुदाई करोगे. फिर इसके बाद मैंने भाभी की दोनों टाँगे चौड़ी करके अपने कंधो पर रख ली. “Village Sambhog”

और अपने लंड को भाभी चूत के मुँह पर रखकर कसकर एक धक्का मारा तो मेरा लंड भाभी की चूत में आधा घुस गया. फिर भाभी मचल उठी, तो मैंने बिना कुछ सोचे एक और झटका मारा तो मेरा पूरा लंड भाभी की चूत के अंदर चला गया, अब में हल्के-हल्के भाभी को चोदने लगा था.

फिर काफ़ी देर के बाद भाभी बोली कि क्यों धक्के नहीं मारने क्या? तो मैंने कहा कि भाभी चूत को उसका असली मजा धीरे-धीरे चोदने में ही आता है, तो में लगातार धीरे-धीरे लगा रहा. फिर कुछ देर के बाद भाभी को भी मजा आने लगा.

और करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद भाभी बोली कि अब तो चूत को कसकर चोदो, तो मैंने जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए. अब भाभी भी बड़े मजे से अपनी गांड ऊपर कर-करके अपना पूरा ज़ोर मेरे लंड पर डाल रही थी. इस तरह से लंड और चूत दोनों कस जाते है. “Village Sambhog”

उस दिन मैंने भाभी को शाम तक नंगी ही रखा और 6 बार उनकी चुदाई की और 2 बार उनकी गांड भी मारी. फिर मैंने हर बार एक अलग तरीके से भाभी की चुदाई की. अब वो मस्त हो चुकी थी और कहने लगी कि आज रात को हम दोनों सुहागरात मनाएंगे.

फिर तभी भाभी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और पूरा चाटकर साफ कर दिया. फिर मैंने रात को करीब 9 बजे दुल्हन की तरह सजी हुई भाभी को धीरे-धीरे नंगी किया और कसकर चुदाई की. अब भाभी बहुत खुश हो गयी थी और मुझे अपनी पहली चुदाई पर मिला गिफ्ट दिया, उसमें एक नंगा आदमी एक कमसिन लड़की को चोद रहा था. फिर मैंने भी भाभी को 2 दिनों तक कस-कसकर चोदा और खूब मजा किया.

Visited 46 times, 1 visit(s) today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *