चाची की चूत में आग लगी तो मुझसे चुदवाने लगी

Other Languages

Dehati Aurat Sex

मेरा नाम विरेन्द्र सिंह है उम्र बीस साल कद नार्मल और शरीर थोड़ा पतला पर मजबूत है। प्यार से सभी मुझे बिंदु कह कर पुकारते हैं। मैं एक गांव का रहने वाला हूं जो पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। हम लोग खेती बाड़ी तो करते ही हैं पर अपनी जरूरत के लिए सभी प्रकार के पशु भी पालते हैं। Dehati Aurat Sex

हमारे गांव के काफ़ी मर्द पैसा कमाने के लिए बड़े शहरों में चले जाते हैं। और गांव में सिर्फ बूढ़े और स्कूल जाने वाले लड़के ही परिवारों की देखभाल करते हैं। गांव की औरतें भी बहुत मेहनती हैं और उनके मर्द जब मक्की और धान की फसलें लगा कर शहरों को चले जाते हैं तो औरतें ही फसलों की देखभाल और कटाई करके अनाज निकालने का काम करती हैं।

मैं तब दसवीं कक्षा में पढ़ता था मुझे लंड फुद्दी और चौदाई के बारे में सब पता था क्योंकि घर में पशुओं को मेटिंग करते हुए अक्सर सभी देखते थे। गांव की औरतें भी अक्सर जलाशयों पर नंगी बैठ कर नहाती हैं। इसलिए कभी कभी उनको देखने का मौका भी मिल जाता था।

औरत की नंगी पीठ, गांड़, जांघें और स्तन तो कई बार देखे थे पर औरतें अपनी एड़ियों से अपनी चूत को ऐसे छुपा कर नहाती हैं कि कोई भी उनकी चूत नहीं देख सकता। इसलिए हम लड़कों को चूत देखने की लालसा बहुत होती थी। पर एक दिन मुझे चूत देखने और चोदने का मौका मिल ही गया जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।

जुलाई का महीना था और हमें स्कूल से गर्मियों की छुट्टियां पड़ी हुई थीं। तभी एक दिन दोपहर को हमारे गांव की एक औरत जो रिश्ते में मेरी दूर की चाची लगती थी और जो मेरी भाभी की सहेली भी और हमारे घर में अक्सर आती जाती रहती थी.

हमारे घर आई और मेरी मम्मी को बोली कि बिंदु को मेरे साथ जंगल में भेजो क्योंकि मेरी भैंस अपना रस्सा तोड़ कर जंगल की तरफ भाग गयी है और हमें उसे ढूंढने जंगल में जाना पड़ेगा पर मुझे अकेले में बहुत डर लगता है। मेरे पति तो बाहर हैं इसलिए मैं बिंदु को अपने साथ ले जाना चाहती हूं।

तो मेरी मां मान गयी। मां के कहने पर मैं अपने हाथ में एक दराती ले कर चाची के साथ जंगल की तरफ चल पड़ा। चाची ने अपने हाथ में एक प्लास्टिक की मोटी रस्सी इकट्ठा कर के पकड़ी हुई थी। चाची का नाम संतोष था और वह दो बच्चों की मां थी।

छोटी उम्र में शादी होने की वजह से वह अभी कोई पच्चीस साल की ही थी। पर काफ़ी गोरी थी और उसकी कद काठी काफी बड़ी थी। बह काफी लम्बी थी और मोटे मोटे स्तन और उसकी उभरी हुई चौड़ी गांड़ थी। गर्मी की वजह से उसने पतले से कपड़े का लाइट पिंक कलर का सलवार सूट पहना हुआ था जिसमें बह काफी सुंदर लग रही थी।

और मैंने लोअर और बनियान पहने हुए थे। थोड़ी दूर जाने पर ही पसीने की वजह से चाची का कुर्ता भीग कर उनके जिस्म से चिपक गया था जिससे उनकी नाभि और मोटे मोटे स्तन और निप्पल साफ़ दिख रहे थे क्योंकि चाची ने ब्रा भी नहीं पहनी थी पर वह अपनी काली चुनरी से उन्हें छुपाने की कोशिश कर रही थी।

तभी हम कुछ बातें करते हुए जंगल में दो पहाड़ियों के बीच पहुंच गए यहां बरसात की वजह से घने जंगल में एक संकरे नाले में साफ़ पानी बह रहा था। हम दोनों ने वहां ठंडा पानी पिया और बड़े से पत्थर पर बैठ कर कुछ आराम करने लगे और बातें करने लगे।

तभी मैंने चाची से पूछा,” चाची मुझे समझ में नहीं आ रहा कि आप की भैंस का दिमाग क्यों ख़राब हो गया था जो घर से भाग गयी। क्या आप ने उसे घास नहीं डाली थी या पानी नहीं पिलाया था? ” तो चाची ने कहा ,” ऐसी कोई बात नहीं थी पर जब कोई हीट में आ जाए तो उसे भूख प्यास कहां लगती है। बह कल से हीट में बोल रही थी और कुछ भी खा पी नहीं रही थी। मैंने तो सोचा था कि एक आद दिन में वह खुद ही ठंडी हो जाएगी पर वह नहीं हुई और किसी भैंसे को ढूंढने घर से निकल गई “।

तो मैंने कहा,” आपको उसे ठंडे पानी से ख़ूब नहलाना चाहिए था.”

तो चाची बोली,” अरे बुद्धु यह आग पानी से नहीं बुझती”।

हम अभी बातें कर ही रहे थे तभी भैंस के बोलने की आवाज आई और हम जल्दी से उसके पास पहुंच गए। जब हमने देखा तो भैंस के गले का रस्सा एक टूटे हुए से फंसा हुआ था और भैंस उससे छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।

हमने जाकर भैंस को पकड़ लिया और उसे प्लास्टिक के मज़बूत रस्से बहते हुए नाले के पास एक पेड़ से बांध दिया। भैंस फिर भी लम्बी लम्बी आवाजें लगा रही थी। तभी दूर से एक भैंस की आवाज सुनाई दी। और जब हमारी भैंस ने दोबारा आवाज लगाई तो दूर से आवाजें लगाती हुई वह भैंस हमारी तरफ आने लगी.

थोड़ी देर में जब वह हमारे पास पहुंची तो हमने देखा कि वह एक बड़ा सा भैंसा था। उसके पास आते ही भैंस ने पेशाब करना शुरू कर दिया और वह भैसा भैंस की चूत में से वहते हुए पेशाब को चाटने लगा। फिर उसने अपना मुंह ऊपर की करके उसे अच्छी तरह सूंघा तो उसका लाल लंड बड़ी गाजर की तरह बाहर निकलने लगा.

फिर देखते ही देखते उसने अपना लंड काफ़ी बाहर निकाल लिया और भैंस पर चढ़ कर धक्के लगाने लगा पर उसका लम्बा लंड भैंस की पीठ पर ही घिसने लगा। थोड़ी देर बाद भैसा नीचे उतर गया। तो चाची मायूस होकर बोली इसका तो अंदर ही नहीं गया।

तभी भैंस ने झुककर दोबारा पेशाब किया और तो भैंसा दोबारा उसपर चढ़ने की तैयारी करने लगा तो मैंने कहा,” चाची इस भैंसे को भगा देते हैं यह बहुत बड़ा और वजनी है और इसका तो वह भी बड़ा लम्यह है यह हमारी भैंस का कचूमर निकाल देगा।”

तो चाची बोली,” कुछ नहीं होता बस एक बार अंदर चला जाना चाहिए ” तभी भैंसे ने भैंस पर दोबारा छलांग लगा दी और उसका लंड फिर आगे पीछे फिसलने लगा और जब आखिर में भैंस के अंदर चला गया तो चाची बहुत खुश हुई और मुझे अपनी बाहों में कस कर बोली,” बिंदु देखो पूरा अंदर तक चला गया है हाय और देखो भैंसा कितने ज़ोर से धक्का लगा रहा है”।

जब तक भैंसे का लंड भैंस के अंदर रहा तब तक चाची उन्हें देख देख कर मुझसे लिपटी हुई किस करती रही। और काफ़ी देर बाद जब भैंसा नीचे उतरा तो उसका लंड दो फुट अभी भी बाहर निकला हुआ था। तब चाची के हाथ ढीले पड़ गए और चाची ने मुझे छोड़ दिया और सारी कहने लगी।

मैंने कहा कि आप को क्या हो गया था तो चाची बोली,” इनको देखकर मुझे भी आग सी लग गई थी और मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर सकी। जब तक यह दोबारा करने को तैयार होते हैं चलो हम नाले के ठंडे पानी में नहा कर खुद को ठंडा कर लेते हैं.”

फिर चाची ने झट से अपनी सलवार उतार फैंकी और और चुनरी को भी उसपर रख कर खुद पानी में चली गई। पानी तो सिर्फ चाची की छाती तक ही पहुंच रहा था पर चाची ने पानी में झुक झुक कर अपना पूरा कुर्ता भी गीला कर लिया था और बोली कि बड़ा मज़ा आ रहा है तू भी आकर मेरे साथ नहा ले। “Dehati Aurat Sex”

यह सुनकर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अंडरवियर पहने पानी में चला गया। मैं चाची से दूरी बनाए हुए नहाने लगा तो चाची ने कहा,” मेरे पास आकर मेरे साथ नहाने से क्यों डर रहा है मेरे पास आकर नहा”। और फिर चाची ने मुझे अपने पास खींच लिया और मुझ से लिपट कर बोली,” साले जब मैं कुर्ता उठा कर सलवार खोल रही थी तब तो तू चोरी से मेरी जांघों के बीच देखने की कोशिश कर रहा था। अब क्यों शर्मा रहा है। क्या कभी किसी औरत की चूत नहीं देखी थी?

तो मैंने शरमाते हुए कहा,” चाची सच में नहीं देखी है क्या आप दिखाओगी?” तो चाची ने कहा,” ज़रूर दिखाऊंगी पर जो मैं बोलूंगी बह करना पड़ेगा”। तो मैंने कहा,” चाची आप जो कहोगी मैं करूंगा पर सिर्फ एक बार अपनी फुद्दी दिखा दीजिए।” तो चाची ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी टांगों के बीच रख दिया जहां छोटे छोटे बाल थे।

तो मैंने कहा,” फुद्दी कहा है मुझे पानी में दिखाई नहीं दे रही” तो चाची पानी में से थोड़ा बाहर निकल कर एक बड़े पत्थर पर टांगें फैला कर बैठ गई और फिर उसने अपना गीला कुर्ता ऊपर उठा कर मुझे अपनी चूत के दर्शन करवाए और मुझे अपने पास खींच कर मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी उंगली पकड़ कर अपनी गर्म चूत में घुसा दी और बोली,” यह है फुद्दी जिसमें लंड डालते हैं। काश तू बच्चा न होता तो तेरा लंड इसमें डाल कर मज़ा लेते.” “Dehati Aurat Sex”

तो मैंने कहा,” चाची आपकी फुद्दी तो बहुत छोटी है और मेरा लंड तो उसमें जा ही नहीं सकता” तो चाची चौंक पड़ी और बोली कि दिखा तो सही तो मैं जब पानी से थोड़ा बाहर निकला तो मेरे गीले अंडरवियर में मेरा लंड देख कर हैरान हो गई उसने झट से मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लन्ड को पकड़ लिया जो अभी मुरझाया हुआ था और उसके हिलाने लगी।

मैं चुपचाप खड़ा मज़ा ले रहा था तभी मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो कर तन गया। तो चाची की सांसें तेज़ हो गईं और वह बोली,” मादरचोद पहले क्यों नही बताया कि तेरा इतना लंबा और मोटा है, मैं कब से तड़प रही थी अब तक इससे चुदवा नहीं लेती” और फिर चाची नीचे पानी में बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी।

तभी भैंसा भैंस पर चढ़ने की तैयारी करने लगा तो चाची ने अपनी चूत पर एक हाथ फेरना शुरू कर दिया और आहें भरने लगी। फिर चाची ने मुझे पानी में खड़ा कर दिया और खुद पत्थर पर टांगें चौड़ी करके बैठ गई और मेरे तने हुए लंड को अपनी फुद्दी के सुराख पर घिसने लगी जिससे मेरा लंड लोहे की तरह सख्त हो गया.

तभी चाची पलटी और मेरी तरफ अपनी गांड़ करके पत्थर पर झुक गई और अपनी टांगें चौड़ी कर दीं और पीछे हाथ करके मेरे लंड को अपनी चूत के सुराख पर सैट किया और उसे अंदर लेने की कोशिश करने लगी मुझे चाची की गोरी और मोटी गांड़ को देख कर बड़ा मज़ा आ रहा था.

तभी भैंसे ने भैंस पर छलांग लगा दी और पहले ही झटके में अपना लंड अंदर कर लिया तो चाची जोश में आकर बोली,” साले जोर से धक्का लगा और फाड़ दे मेरी चूत” तो मैंने भी आंखें बंद करके पूरे जोर से धक्का लगाया तो चाची चीख पड़ी और मेरा पूरा लंड चाची की चिकनी फुद्दी को चीरता हुआ अंदर घुस गया। “Dehati Aurat Sex”

मैं चाची की क़मर को जोर से पकड़ कर ऐसे ही खड़ा रहा तो थोड़ी देर बाद चाची बोली,” हरामजादे अब धक्के तेरा बाप लगाएगा क्या, जल्दी से लंड को पीछे खींच कर आगे पीछे करके धक्के लगा.” जब मैं ऐसा करने लगा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा।

चाची भी अपनी गांड़ आगे पीछे कर कर के पूरा लंड अंदर लेने लगी थोड़ी देर बाद भैंसा तो उतर गया पर मैं धड़ाधड़ धक्के लगाता रहा। तभी मेरी और चाची की स्पीड बहुत बढ़ गई और चाची ज़ोर ज़ोर से चार पांच बार अपनी कमर हिला कर शांत हो गई। पर मैं धक्के पर धक्का लगाता रहा और थोड़ी देर बाद मेरा पानी भी चाची की चूत में निकल गया।

काफी देर बाद मैंने लंड जब बाहर निकाला तो अभी तक तना हुआ था। चाची ने हांफते हुए उसे अपने हाथ में पकड़ लिया और फिर बैठकर उसे चाटने और चूसने लगी। थोड़ी देर आराम करने के बाद हम पानी में नहाने लगे और मैं चाची के दोनों मम्मों को सहलाने लगा. “Dehati Aurat Sex”

तो चाची ने अपना कुर्ता उतार कर बाहर फेंक दिया और अपने नंगें स्तन मेरे मुंह में डाल कर चूसने को बोली। मैं भी चूसते हुए चाची की पीठ और गांड़ पर हाथ फिराने लगा। मेरा लंड गहरे पानी के अंदर ही तन कर खड़ा हो गया था।

मैंने चाची को पानी में ऊपर उठाया तो चाची ने अपनी बाहों से मेरी गर्दन को पकड़ लिया और मेरे दोनों ओर टांगें फैला दीं। मैंने चाची के चूतड़ों के नीचे हाथ डाल कर नीचे हाथ डालकर चाची को ऊपर उठाया और एक हाथ से लंड चूत पर सेट किया।

फिर चाची के चूतड़ों को अपनी ओर खींच कर ज़ोर से धक्का लगाया और अपना पूरा लंड चाची की चूत में घुसा दिया और फिर धक्के लगाने लगा। चाची ने भी अपनी टांगें मेरी कमर से लिपेट लीं और उछल उछल कर चुदवाने लगी। इस बार तो बहुत ही मजा आया।

फिर हम अच्छी तरह नहाए और फिर अपने अपने कपड़े पहन कर जब भैंस के पास पहुंचे तो भैंसा फिर भैंस पर चढ़ गया और भैंस में काफ़ी देर तक लंड डाल कर चढ़ा रहा। अब तो उससे उतारा ही नहीं जा रहा था। फिर भैंस ही उछली और भैंसे को नीचे उतारा।

भैंसा बहुत सुस्त हो गया था और बह पानी पीने के लिए चला गया और हम भैंस को घर के लिए हांकने लगे तो भैंस चुपचाप अपने घर को चल पड़ी। रास्ते मैंने चाची से पूछा कि भैंस कितनी शांत हो गई है तो चाची ने कहा कि इसने तो चार बार मरवाई है शांत तो होगी ही तो मैंने कहा कि क्या अभी तक आप शांत नहीं हुई। “Dehati Aurat Sex”

तो चाची बोली कि बहुत देर बाद इतना प्यारा लंड मिला है एक बार और कर लेते तो कयी दिनों तक शांत रहती तो मैंने कहा कि चलो एक बार और कर लेते हैं। फिर मैंने कुछ पत्ते काटकर जमीन पर बिछाए ओर फिर चाची को पीठ के बल लिटा कर उसकी सलवार खोल दी और टांगें उठाकर चोदने लगा। यह चुदाई काफ़ी देर तक चलती रही। फिर हमने अपने कपड़े पहने और घर की तरफ चल दिए। भैंस हमें कहीं दिखाई भी नहीं दे रही थी। जब हम घर पहुंचे तो देखा भैंस घर में रखी हुई घास खा रही थी।

फिर चाची हमारे घर मेरे साथ आई और भाभी को आंख मार कर बोली, “आपका देवर तो बहुत ही काम का है पर आज बहुत थक गया है इसे आज दूध जरूर पिला देना। आज इसने मेरा बहुत काम किया है.” तो भाभी ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ़ देख कर चाची से कहा,” दूध तो मैं रोज ही पिलाती अगर मेरा भी काम करे तो ” तो चाची ने भाभी की गांड़ पर चुटकी ली और कहा कि बिंदु अभी बच्चा है इसे थोड़ा सिखाना भी पड़ेगा” और चाची मुस्कुराते हुए चली गई।

Visited 37 times, 1 visit(s) today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *