बहू की प्यास ससुर ने बुझाई

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Sasur Aur Bahu Ki Chudai
(बहू की प्यास ससुर ने बुझाई)

सुरेश की पत्नी कुमारी की मौत 2 साल पहले हो गई थी अब वो 45 साल का एक असंतुष्ट मर्द था और अपने लंड की गरमी निकालने के लिए किसी नयी चूत की तलाश में था उसका एक बेटा विनोद और एक बेटी रूपाली थी बेटी की शादी हर्ष के साथ हो चुकी थी sasur aur bahu ki chudai

जो की फ़ौज में काम करता था हर्ष की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर मे थी और वह रूपाली से अलग रहने पर मज़बूर था रूपाली 19 साल की जवान लड़की थी गोरी चिट्टी गदराया जिस्म भरी चूतड़ भरी हुई चूची मोटे होंठ लम्बा कद और कसरती जांघें कई बार तो सुरेश अपनी ही बेटी के नग्न जिस्म की कल्पना से उत्तेजित हो चूका था

वो एक ही शहर में होते हुए अपनी बेटी से कम ही मिलता था क्योंकि वो नहीं चाहता था की उसका हाथ अपनी ही बेटी पर लग कर इस पवित्र रिश्ते को तोड़ डाले विनोदनाश ने भी अपनी प्रेमिका सपना से शादी कर के घर बसा लिया था

सपना एक सांवली 21 साल की लड़की थी बिलकुल स्लिम सेक्सी आंखे लम्बी टांगे और भरा हुआ सीना सपना की ज़िद थी कि वो अलग घर में रहेगी तो विनोद ने अलग घर ले लिया था सुरेश अब अकेलेपन का शिकार हो रहा था sasur aur bahu ki chudai

अचानक एक दिन उसकी बहू सपना का फ़ोन आया और वो बोली बाबूजी आप यहां चले आइये मुझे आपकी ज़रूरत है विनोद ने मुझे धोखा दिया है मैं आपके बेटे से तलाक चाहती हूं आप अभी चले आओ बाबूजी सुरेश जल्दी से अपने बेटे के घर पहुंचा तो देखा कि सपना ने रो रो कर अपना बुरा हाल कर लिया था

बेटी क्या हुआ ? रोना बंद करो अब और मुझे पूरी बात बताओ बेटी तेरे बाबूजी हैं ना ? शाबाश बेटी मुझे सारी बात बताओ सुरेश अपनी बहू के पास जा कर बोला सपना कुछ ना बोली बल्कि उसने तस्वीरों का एक लिफाफा अपने ससुर की तरफ बढ़ा दिया

सुरेश ने एक नज़र जब तस्वीरों पर डाली तो हक्का बक्का रह गया विनोद किसी पराई औरत को चोद रहा था और उसकी हर तस्वीर साफ़ थी एक तस्वीर में वो औरत विनोद का लंड चूस रही थी तो दूसरी में विनोद उसकी गांड चाट रहा था चूत चुम रहा था sasur aur bahu ki chudai

तस्वीरें बिलकुल साफ थी उस औरत की शक्ल भी जानी पहचानी लग रही थी वो औरत भी बहुत सेक्सी थी गोरी गदराई हुई 27-28 साल की हसीना थी बेटी ये औरत कौन है ? कब से चल रहा है ये सब कुछ ? बाबूजी क्या आप नहीं जानते इस औरत को ?

ये सीमा है मेरी भाभी जिसको आपके बेटे ने फसाया हुआ है आपका बेटा मुझ से और मेरी सगी भाभी से सम्बन्ध बनाये हुए है शर्म की बात है उसको मर जाना चाहिए जो अपनी बहन सामान भाभी को चोद रहा है दिन रात उसके साथ चिपका रहता है और मैं यहां करवटें बदलती रहती हूं

सुरेश की नज़र अब अपनी बहू के रोते हुए चेहरे पर से ऊपर नीचे होते हुए सीने पर जा रुकी सपना का कमीज काफी नीचे गले का था और उसके सीने का उभार आधे से अधिक बाहर छलक रहा था वक्ष स्थल की गहरी घाटी देख कर ससुर का दिल बहक उठा sasur aur bahu ki chudai

सुरेश जानता था की जब औरत के साथ बेवफाई हो रही हो तो गुस्से और जलन में वो कुछ भी कर सकती है इस वक्त उसकी बहू को कोई भी ज़रा सी हमदर्दी जता कर चोद सकता था अगर कोई भी चोद सकता था तो फिर सुरेश क्यों नहीं ? ऐसा माल बाहर वाले के हाथ क्यों लगे

बेटे की पत्नी उसके बाप के काम क्यों ना आये ? बेटी घबरा मत मैं हूं ना तेरी हर किस्म की मदद के लिए बोलो कितने पैसे चाहिए तुझे दस लाख बीस लाख मैं तुझे इतना धन दूंगा की तुझे कोई कमी ना रहेगी कभी विनोदनाश के आगे हाथ नहीं फ़ैलाने पड़ेंगे

तुम बस मेरे घर की इज़्ज़त रख लो विनोद की बात किसी से मत कहना तुझे जब किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बुला लेना सुरेश ने कहा और अपनी बहू को बांहों में भर लिया sasur aur bahu ki chudai

रोती हुई बहू उसके सीने से साथ सट गई और जब सपना का गरम जिस्म ससुर के साथ लिपटा तो एक करंट उसके जिस्म में दौड़ गया जिस का सीधा असर उसके लंड पर हुआ 45 साल के पुरुष में पूरा जोश भर गया और उसने अपनी बहू को सीने से भींच लिया और उसके गालों को सहलाने लगा

उधर जवान बहू ने जब इतने दिनों के बाद मर्द के जिस्म को स्पर्श किआ तो उसकी चूत में भी एक आग सी मच गई और वो एक मिनट के लिए भूल गई की सुरेश उसका पति नहीं बलकी पति का बाप था

सुरेश ने बहू को गले से लगाया हुआ था और फिर वो सोफे पर बैठ गया और सपना उसकी गोद में जब अपने ससुर के लंड की चुभन बहू के चूतड़ पर होने लगी तो बहू भी रोमांचित हो उठी ससुर ने पैसे देने का वादा तो कर लिया था sasur aur bahu ki chudai

अब उसकी जिस्मानी ज़रूरतों की बात थी क्यों ना विनोद से बदला लेने के लिए उसके बाप को ही अपने जाल में फंसा लूं ? बाबूजी का लंड तो काफी मोटा ताज़ा महसूस हो रहा है अगर मादरचोद विनोद ने मेरी भाभी को फसाया है तो क्यों ना मैं उसके बाप को अपना पालतू चोदू मर्द बना लू ?

इससे बुजुर्ग आसानी से पट जाते हैं और फिर औरत को एक जानदार लंड तो चाहिए ही है अब तरकीब लगानी है की ससुर जी को कैसे लाइन पर लिया जाये उसके लिए खुल जाना बहुत ज़रूरी है सपना अपनी स्कीम पर मुस्कुरा उठी

मेरे प्यारे बाबूजी आप कितना ख्याल रखते हैं अपनी बहू का ? मैं आप की बात मानूंगी और घर की बात बाहर ना जाने दूंगी कहते हुए उसने प्यार से अपने ससुर के होंठों को चुम लिया सुरेश भी औरतों के मामले में बहुत समझदार था और जानता था की उसकी बहू को चोदने में कोई मुश्किल ना आएगी sasur aur bahu ki chudai

उसका लंड उनकी बहू के चूतड़ में घुसने लगा तो बहू शरारत से बोली बाबूजी ये किया चुभ रहा है मुझे ? कोई सख्त चीज़ मेरे नितम्भों में चुभ रही है सुरेश बेशर्मी से हंस कर बोला बेटी तुझे धन के साथ साथ इसकी भी ज़रूरत पड़ेगी

धन बिना तो तू रह लेगी लेकिन लंड बिना मुश्किल होगा मेरी प्यारी बेटी को इसकी ज़रूरत बहुत रहेगी बेटे का तो ले चुकी हो अब अपने बाबूजी का भी ले कर देख लो अगर तुझे खुश ना कर सका तो जिस को मर्ज़ी अपना यार बना लेना

सुरेश का हाथ सीधा बहू की चूची पर जा टिका और सपना मुस्कुरा पड़ी उसने अपने ससुर के लंड पर हाथ रखा तो लंड फुंकार उठा सुरेश का लंड पैंट में तम्बू बन चूका था सपना समझ गई थी की अब बेटे के बाद बाप को ही अपना पति मान लेने में भलाई है sasur aur bahu ki chudai

सुरेश ने बहू के सर पर हाथ फेरते हुए कहा रानी बेटी अब पैंट की ज़िप भी खोल दो ना और देख लो अपने बाबूजी का हथियार और अपने कपडे उतार फेंको और मुझे भी अपना खज़ाना दिखा दो बहू ने झट से ज़िप खोल दी और बाबूजी की पेंट नीचे सरकते हुए लंड को हाथों में ले लिया

बाबूजी आपका लंड तो आग की तरह दहक रहा है लगता है मां जी के बाद ये बेचारा प्यासा है खैर अब मैं आ गई हूं इसका ख्याल रखने के लिए बहुत बेचैन हो रहा है ये अपनी बहू को देख कर सुरेश ने भी अब अपना हाथ कमीज के गले में डाल कर सपना की चूची भींच ली और उसके निप्पल्स को मसलने लगा

जल्दी जल्दी दोनों प्यासे जिस्म नग्न होने को बेकरार हो रहे थे और बहू ने ससुर की पैंट नीचे सरका दी और उसके लंड को किस करने लगी बेटी तेरे बाबूजी का केला कैसा है स्वाद पसंद आया ? सुरेश ने पूछा बहू तो बस केला खाने में मगन हो चुकी थी sasur aur bahu ki chudai

बाबूजी मेरा मन तो केले के साथ आपके लोकाट भी खा जाने को मन कर रहा है कितने भारी हो चुके है ये लोकाट अपनी बेटी के लिए इनका पूरा रस मुझे दे दो आज बाबूजी बेटी इनका रस तुझे मिल जायेगा

लेकिन उसके लिए तुमको नंगा होना पड़ेगा और अपने बाबूजी को अपने जिस्म का हर भाग दिखाना पड़ेगा ताकि तेरे बाबूजी तुझे प्यार कर सकें अपनी बेटी के अंग अंग को चुम सकें सेहला सकें और अपना बना सकें बेटी मुझे अपने जिस्म की खूबसूरती दिखा दो

मुझे तो कल्पना करने से ही उत्तेजना हो रही है मेरी रानी बेटी आज तेरी फिर से सुहागरात होने वाली है अपने बाबूजी के साथ आज हम दो जिस्म एक हो जाने वाले हैं बेटी घर में व्हिस्की है ? मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हो रहा sasur aur bahu ki chudai

अपनी रानी बेटी को नग्न रूप में देख कर मैं मर ना जाऊँ अपना मन मज़बूत करने के लिए दो घूंट पी लूं तो अच्छा होगा आज मेरी अप्सरा जैसी बेटी मेरी हो जाएगी बेटी तुम कपडे उतार लो और ज़रा व्हिस्की ले आना सपना मुस्कुराती हुई उठी और दूसरे रूम में चली गई

10 मिनट के बाद जब वो लौटी तो केवल काली पैंटी और ब्रा में थी और सुरेश पूरी तरह से नग्न था वो अपने लंड को मुठिया रहा था और वासना भरी नज़र से सपना को घूर रहा था सपना का सांवला जिस्म देख कर उसका लंड आसमान की तरफ उठा हुआ था

कसी हुई पैंटी में उसकी बहू की चूत उभरी हुई थी और चूची तो ब्रा को फाड कर बाहर आने को उतावली हो रही थी सपना के हाथ में ट्रे थी जिस में शराब की बोतल रखी हुई थी जो उसने टेबल पर रखी और बाबूजी के लिए पैग बनाने लगी sasur aur bahu ki chudai

सुरेश ने हाथ बढ़ा कर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और वो मचल गई लेकिन मुस्कुरा पड़ी बाबूजी ने अपनी बहू की चूची को मसल दिया और बोले बेटी क्या मेरा बेटा भी तेरी चूची को इतना प्यार करता है इनको चूसता है ? और बेटी तुम भी तो एक पैग पी लो अपने लिए भी पैग बना लो

सपना पहले झिझकी लेकिन फिर दूसरे गिलास में शराब डालने लगी जब पैग बन गए तो सुरेश ने बहू को गोद में बिठा लिया और अपने हाथ से पिलाने लगा बाबूजी जब मैं पी लेती हूं तो मेरी कामुकता बहुत बढ़ जाती है और मैं अपने होश में नहीं रहती

सुरेश मुस्कुरा कर बोला आज होश में रहने की ज़रूरत भी नहीं है मुझे ज़रा अपने दूध पी लेने दो ऐसी कड़क चूची मैंने आज तक नहीं देखी है और सुरेश अपनी बहू सपना की नंगी चूची चूसने लगा जिसको कभी उसका बेटा चूसता रहा था sasur aur bahu ki chudai

गिलास ख़त्म हुआ तो सुरेश मस्ती में भर गया उसने अपनी बहू को अपने सामने खड़ा किया और अपने होंठ उसकी फूली हुई चूत पर रख दिए और पैंटी के ऊपर से किस करने लगा बाबूजी क्या इससे ही करते रहोगे या फिर बैटिंग भी करोगे ?

मैंने आपके लिए पिच से घास साफ़ कर रखी है दिखाऊं ? सुरेश हंस पड़ा चुदाई में बेशर्मी ज़रूरी होती है और उसकी लंड की प्यासी बहू बेशरम हो रही थी बेटी मेरा बैट कैसा लगा ? मैं भी देखता हूं की तेरी पिच तैयार है सेंचुरी बनाने के लिए या नहीं ?

पिच से खुशबु तो बहुत बढ़िया आ रही है कहते हुए उसने पैंटी की इलास्टिक को बहू के नितंगों से नीचे सरका दिया कसे हुए चूतड़ नंगे हो उठे और शेव की हुई चूत सुरेश के सामने मुस्कुरा उठी sasur aur bahu ki chudai

सुरेश ने धीरे से पैंटी को बहू की कसी हुई जांघों से नीचे गिरा दिया और अपने बेटे की पत्नी की चूत को प्यार से निहारने लगा चूत के उभरे हुए होंठ मानो मर्द के स्पर्श के लिए तरस गए हों सुरेश ने एक सिसकी बाहर कर अपना हाथ चूत पर फेरा और फिर अपने होंठ चूत पर रख दिए

चूत मनो आग में देहक रही हो ओह्ह्ह्हह्ह बाबूजी मेरे प्यारे बाबूजी क्यों आग भड़का रहे हैं ? इस प्यासी चूत की प्यास बुझा दो ना अब आप ही इस जवान चूत के मालिक हैं इस को चुसो चूमो चोदो अब देर मत करो बाबूजी मैं मरी जा रही हूं चुदवाने के लिए

सुरेश ने बहू के चूतड़ कस कर थाम लिए और बहू सपना की जलती हुई चूत में जीभ घुसा कर चूसने लगा जवान चूत के नमकीन रस की धारा ने उसकी जीभ का स्वागत किया जिसको सुरेश पीने लगा बहू ने अपने जांघें खोल दी थी जिससे ससुर के मुख को चूसने में आसानी हो sasur aur bahu ki chudai

कामुक ससुर किसी कुत्ते की तरह चूत चूसने लगा उधर सपना की वासना भड़की हुई थी और वो अपने ससुर के लंड को चूसने के लिए उतावली हो रही थी बाबूजी मुझे बिस्तर पर ले चलो मुझे भी आपका केला खाना है आपके बेटे को तो मेरी परवाह नहीं है

उस बहनचोद ने तो मेरी भाभी को ही मेरी सौतन बना रखा है आप मुझे चोद कर विनोद की मां का दर्जा दे दो बाबूजी सुरेश बहू की चूत से मुख हटाने वाला नहीं था लेकिन बहू का हुकम भी टाल नहीं सकता था कामुक ससुर ने अपनी नग्न बहू के जिस्म को बांहों में उठाया और अपने बेटे के बिस्तर पे ले गया

बहु का नंगा जिस्म बिस्तर पर फैला हुआ देख कर सुरेश पागल हो गया इतनी सेक्सी औरत तो उसकी सगी बेटी भी होती तो आज वो उसको भी चोद देता सुरेश अपनी बहू पर 69 की पोजिसन मे लेट गया अब उसका लंड बहू के मुख के सामने था और बहू की चूत पर उसका मुख झुक गया sasur aur bahu ki chudai

सपना समझ गई की उसे क्या करना है उसने दोनों हाथों में ससुर जी का लंड थाम लिया और उस आग के शोले को मुंह में भर लिया सपना सुरेश के सुपाड़े को चाटने लगी लंड को चूसते हुए उस पर दांत भी काटने लगी और अंडकोष को मसलने लगी

उधर ससुर भी अपनी जीभ बहू की चूत की गहरायी में घुसा कर मुख चोदन करने लगा दोनों कामुक जिस्म मुख चुदाई करते हुए सिसकियां भरने लगे आआआह्ह्ह्हह ऊउफ्फ ऊओओ आआह्हह

सुरेश को लगा की अगर ऐसा चलता रहा तो वो झड़ जायेगा इसलिए उसने बहू को अपने आप से अलग कर लियाउसने बहू को लिटा लिया और उसकी जांघों को खोल कर ऊपर उठा दिया फिर उसने अपने लौड़े का सुपाड़ा सपना की चूत पर टिकाया और चूत पर रगड़ने लगा sasur aur bahu ki chudai

उफ्फ्फफ्फ्फ़ बाबूजी क्यों तरसा रहे हो ? डाल दो ना मेरी चूत मे अपना मोटा लोड़ा वो कराह उठी बाबूजी पेल डालो अपनी बहू को आपकी बहू की चूत मस्ती से भरी पड़ी है मसल डालो अपनी बेटी की प्यासी चूत को जो काम आपका बेटा ना कर सका आज आप कर डालो बाबूजी अब जल्दी से चोदना शुरू करो

मेरी चूत जल रही है ये कहते हुए सपना ससुर के लंड को अपनी दहकती हुई चूत पर रख कर चूतड़ ऊपर उचका देती है और लोहे के जैसा तना लंड चूत में समाता चला जाता है

ऊऊऊऊओह्ह्ह्हह्ह्हह आआआह्ह्ह मर गई हे मां पेल दो बाबूजी शाबाश बाबूजी चोद डालो मुझे मेरी चूत जल रही है सपना की चूत से इतना पानी बह रहा था की लंड आसानी से चूत की गहरायी में उतर गया बहू ने अपनी टांगे बाबूजी की कमर पर कस दी और वो अपनी गांड उछालने लगी

ससुर बहू की सांसें भी बहुत भारी हो चुकी थी दोनों कामुक सिसकारियां भर रहे थे सुरेश ने बहू की चूची को ज़ोर से मसलते हुए धक्कों की स्पीड बढ़ा दी लंड फचा फच चूत के अंदर बाहर होने लगा फिर सुरेश ने बहू के निप्पल्स चूसना शुरू किया तो वो बेकाबू हो गई और पागलों की तरह चुदवाने लगी sasur aur bahu ki chudai

वाह बाबूजी वाह चोद डालिये मुझे चोद डालो अपनी बहू की चूत चोदो अपनी बेटी को बाबूजी ओह्ह्ह्ह बाबूजी बाबूजी ने भी धक्के तेज़ कर दिए इतनी जवान चूत सुरेश ने आज तक नहीं चोदी थी ऐसा बढ़िया माल उसे मिला भी तो अपने ही घर में उत्तेजना में उसने बहू के निप्पल को काट लिया तो बहू चिल्ला उठी

आआआह्ह्हह्हह ऊऊऊऊओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह आआआह्ह्ह मुम्ममइय्यययययय ऊईईई आआह्हह्ह ऊऊआह ममअअअअ माआआआअम्म्मम्म्म्म

बहु पूरी तरह से होश खो चुकी थी मदहोश हो कर अपने ससुर की चुदाई का मज़ा ले रही थीपूरा कमरा कामुक सिसकारिओं से गूंज रहा था बाबूजी मुझे मार डाला आपने बाबूजी आआआह्ह्ह्ह मैं जन्नत में पहुंच गई sasur aur bahu ki chudai

सुरेश ने अपना लंड बहू की चूत की गहराई में उतार दिया और पागलों की तरह चोदने लगा बहू ससुर चुदाई के परम आनंद में डूब चुके थे ससुर का लंड तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था और बहू की चूत की दीवारों ने उसको जकड रखा था

अह्ह्ह्ह मर गई मैं मेरे राजा बाबूजी पेलो मुझ को और जोर से मेरे बाबूजी आज मेरी चूत की तृप्ति कर डालो मुझे निहाल कर दो अपने मूसल लंड के साथ मुझे चोद दो मेरे बाबूजी मेरी चूत किसी भी वक्त पानी छोड़ सकती है बहू ने बिखरती सांसों के बीच कहा

सुरेश का भी काम नज़दीक ही पहुंच चूका था और वो बहू को जकड़ कर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदाई में लग गया कमरे में हर तरफ बस फच फच की आवाज़ें गूंज रहीं थी

सुरेश ने पुरे जोर से धक्के मरते हुए कहा बहू मेरी रानी बेटी चुदवा ले मुझ से अब जोर लगा कर मेरा लंड भी झड़ने के पास ही है ले लो इसको अपनी चूत की गहराई में मेरा लंड अब तेरी चूत में अपना पानी छोड़ने को है मेरी रानी बेटी तेरी चूत गज़ब की टाइट है sasur aur bahu ki chudai

मैं सदा ही तेरी चूत को चोदने का वादा करता हूं मेरी रानी लो मैं झड़ा ओह्ह मेरी बेटी मेरा लंड पानी छोड़ रहा है तेरी चूत में मेरा रस समा रहा है तेरी प्यारी चूत में मैं झड़ रहा हूं इसके साथ ही उसके लंड ने और सपना की चूत ने एक साथ पानी छोड़ना शुरू कर दिया

दोनों निढाल हो कर एक दूसरे से लिपट कर सो गए इस तरह ससुर और बहू की चुदाई की शुरुआत हुई कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कमैंट में जरूर लिखे ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियां पेश कर सके

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