मैं पुजा आज फिर से अपनी एक ओर नई चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूं। यह कहानी मेरी और मेरी कार चलाने वाले अंकल हामिद के बीच की सच्ची कहानी है। अब कहानी पर आती हूं।
बात कुछ दिन पहले की है। मैं मम्मी पापा को कार लेने की जिद्द करने लगी। पहले मम्मी ने साफ मना कर दिया, पर पापा को मैंने कार लेने के लिए तैयार कर लिया। पापा ने बोल दिया पहले कार चलाना सीखना होगा, फिर मैं कार ले दूंगा। मैं खुश हो गई ओर सोचा बॉयफ्रेंड से कार चलाना सिख लूंगी।
पर अगले दिन पापा मुझे एक कार सिखाने वाले स्कूल में ले गए। वहां पापा ने पैसे ओर फार्म भर दिया। मुझे कार सिखाने वाला एक अंकल था। उनका नाम हामिद खान है। पाप सब से मिल कर घर चले गए। मैं हामिद अंकल के साथ कार चलाना सीखने लगी। अंकल ने मुझे कार चलाने के बहुत से नियम बताए।
2 घंटे के बाद मैं घर आ गई। मम्मी बहुत गुस्से में थी। मुझे आते ही पुछने लगी, “पुजा उस ड्राइवर ने तेरे साथ कुछ गलत तो नहीं किया? या कुछ बोला हो?”
मैं: नहीं मम्मी, अंकल ने तो बहुत अच्छे से कार चलाने के नियम और कार चलाना सिखाया।
आज मैं यह बोल कर कमरे में आ गई, पर मम्मी पापा को सुनाये जा रही थी। अगले दिन मैं नहाई और सब पहन कर तैयार हो गई। फिर मैंने दुबारा से कपड़े बदल लिए। अब मैं बिना ब्रा पेंटी के एक खुले सूट में हो गई। मैंने सोचा मेरी पहली चुदाई भी मेरी क्लास में पढ़ने वाले मुस्लिम ने की थी, अब यह अंकल भी कर दें तो कितना मजा आएगा। मैं घर पर सब को बाय बोल कर चली गई।
अंकल कार लेकर मेरा इंतजार कर रहे थे। मैंने अंकल को नमस्ते की। आज मेरी नजर अंकल के लंड पर ज्यादा जा रही थी। मैं कार चलाते हुए जब गियर बदलती, तो अंकल की जांघों को भी हाथ से स्पर्श करती। अंकल मेरे बूब्स देखे, इसलिए मैंने सूट का गला थोड़ा नीचे कर रखा था।
शायद अंकल समझ गए थे मेरी पूरी चाल, पर बोल नहीं पा रहे थे। तो अंकल ने एक जगह कार रुकवा दी, और मुझे बोले-
अंकल: पूजा आप एक काम करो, मेरे ऊपर बैठ कर कार चलाना सीखो, जल्दी चलानी आ जाएगी।
मैं बोली: ठीक है।
अब अंकल कार की सीट पर आ गए, और मैं उनके ऊपर बैठ कर कार चलाने लगी। कुछ ही दूर गए हम, तभी अंकल का लंड मेरी गांड में चुभने लगा। अंकल स्टेयरिंग पकड़ने के बहाने मेरे बूब्स पर हाथ लगाने लगे। मुझे मजा आ रहा था, तो मैं कुछ नहीं बोल रही थी, बस कार चलाने और अंकल के लंड को गांड में रगड़ खाने का मजा ले रही थी।
अंकल समझ गए थे मैं मजा ले रही थी, तो एक जगह अंकल ने जान-बूझ कर अपना एक हाथ स्टेयरिंग से गिराया, जो सीधा मेरे बूब्स पर आ गया। अंकल ने उसी बहाने मेरा एक बूब्स सहला दिया। मैं कुछ बोलती उससे पहले ही अंकल ने मुझसे माफी मांग ली।
मैं बोली: कोई बात नहीं।
आज अंकल ने मेरे पूरे बदन को नाप लिया। फिर मैं घर आ गई रात भर अंकल के लंड की चुभन अपनी गांड में महसूस करती रही। अगले दिन भी मैं एक खुले गले का बिना ब्रा के एक सूट पहन कर गई। मैंने देखा आज अंकल पजामा पहन कर कार में बैठे थे। मैं जाते ही उनकी गोदी मैं बैठने लगी, तो अंकल ने मुझे मना किया।
वो बोले: यहां नहीं आगे जाकर बैठना।
मैं फिर साइड की सीट पर बैठ गई। अंकल तेजी से कल वाली जगह लेकर आ गए मुझे। मैं भी अपनी सीट से उठी और अंकल की गोदी में जा कर बैठ गई। फिर कार स्टार्ट करके चलाने लगी। अंकल का लंड खड़ा हुआ साफ मेरी गांड के अंदर चुभ रहा था। तो मैंने एक हाथ नीचे करके लंड को साइड में कर दिया।
अंकल मेरी इस हरकत से कुछ सहम से गए। कुछ देर सब नोर्मल चलता रहा। पर अंकल का लंड फिरसे मेरी गांड के छेद में चुभने लगा। अब मेरे से भी रहा नहीं गया। मैं अपना एक हाथ अंकल के लंड पर ले गई, और लंड को पकड़ लिया। अंकल ने भी अपने दोनों हाथ मेरे बूब्स पर रख दिए और दबाने लगे।
मैं अंकल की गोद से थोड़ा उपर हुई, और अंकल के पजामे के अंदर से लंड को बाहर निकाल लिया। अंकल के लंड को जब मैंने पकड़ा, तो अंकल का लंड मुझे काफी मोटा लगा। मैं अब अंकल के लंड पर अपनी गांड रगड़ने लगी। अंकल मेरे बूब्स बहुत जोर-जोर से दबाने लगे।
अब मेरे से रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया। अंकल का एक हाथ मेरी चूत पर आ गया, और चूत को मसलने और सहलाने लगा। मैं आहें भरने लगी और फिर अंकल को बोली-
मैं: अब और सहन नहीं हो रहा है, डाल दो अंदर अब।
अंकल एक मंझा हुआ खिलाड़ी निकला।
अंकल बोला: अभी कहां, अभी तो तेरी चूत में और आग लगने दे।
पर मैं चुदाई के लिए पागल हो रही थी। तो मैं अंकल की गोद से उठ कर दूसरी सीट पर चली गई। मैंने देर ना करते हुए अंकल का लंड चाटना शुरु कर दिया। फिर मुंह में लेकर चूसना शुरु कर दिया। अंकल मेरे सिर को पकड़ कर बोलने लगे-
अंकल: बहुत बड़ी रंडी है तू।
मैं’ हां बहुत बड़ी रांड हूं मैं। लंड देख कर ही मेरी चूत मचलने लगती है।
अंकल: साली रंडी की औलाद, कुतिया।
मैं: हां रंडी की ही औलाद हूं। अब मुझे अपनी कुतिया बना लो आप।
मैं लंड चूसते हुए बोले जा रही थी। अंकल का लंड 6″ लम्बा पर 3″ मोटा था। मैं मजे से चूसे चाटे जा रही थी। अंकल मेरी कमीज के अंदर हाथ डाल कर मेरे बूब्स को दबा रहे थे।
फिर अंकल मुझे बोले: बहन की लोड़ी, कुतिया, आज मेरे लंड को अच्छे से चाट। कल तुझे और तेरी मां दोनों को साथ में चोदूंगा।
मैं बोली: आज ही चोद दो ना।
तो अंकल बोले: कल तुझे कमरे में ले जाकर चुदाई क्या होती है बताऊंगा।
मैं लंड चूसती रही। काफी देर बाद अंकल के लंड ने पानी छोड़ दिया, जो मैं चाट कर पी गई। मेरी चूत भी पानी छोड़ चुकी थी। मैं अंकल के लंड को हाथ में पकड़े रही।
फिर अंकल बोले: चल अब गाड़ी चला।
तो मैंने मना कर दिया। मैंने फिर से लंड के ऊपर किस किया। अंकल ने अब लंड पजामे के अंदर डाल लिया। मैंने भी अपनी सलवार को नाड़े से कस दिया। फिर अंकल का हाथ मेरी कमीज के अन्दर आ गया, और मेरे बूब्स से खेलने लगा।
अंकल मुझे बोले: साली रंडी, तू इतनी चुदाई की प्यासी है, तो तेरी मां भी बहुत होगी। चल अपनी रंड मां को दिखा मुझे।
मैंने फोन पर अंकल को अपनी मम्मी की फोटो दिखा दी। अंकल का लंड खड़ा हो गया मम्मी को देख कर। अंकल ने मम्मी को देख कर फिरसे लंड बाहर निकाल लिया, और हाथ से हिलाने लगे और बोले-
अंकल: मादरचोद क्या मस्त रंडी है तेरी मां। साली को तो दिन रात चोदने में मजा आएगा।
और जोर-जोर से लंड हिलाने लगे। साथ में हम दोनो को गंदी-गंदी गालियां देने लगे। कुछ समय बाद अंकल लंड मेरे मुंह में डाल कर मेरा मुंह चोदने लगे।
अंकल मुझे मम्मी समझ कर मुंह चोद रहे थे। कुछ देर मेरा मुंह चोदने के बाद अंकल फिर से झड़ गए। हम दोनों ने फिर अपने आप को ठीक किया। फिर अंकल मुझे घर छोड़ कर चले गए। कैसी लगी अब तक की कहानी जरूर बताना। अगली कहानी बहुत जल्द।