दोस्तों ये मेरी पहली कहानी हैं जिसे में इस प्लेटफार्म पर पोस्ट कर रही हूं, ये कहानी सच्ची घटना पर आधारित हैं जिसे मैंने थोड़ी अलग तरीके से लिखा हैं।
मेरा नाम पूजा हैं, और मैं 19 साल की हूं, कद पांच फुट एक इंच हैं, रंग गोरा और बेहद ही आकर्षक बनावट वाला मुजस्सम जिस्म जिसे कोई एक दफा देखे तो बार बार देखने पर मजबूर हो जाए, मेरी कमर की चौड़ाई बत्तीस इंच हैं जो किसी भी मर्द को आसानी से आकर्षित कर सकता हैं और ब्रेट की साइज चौतीस इंच हैं पूरे उभरे हुए गोल और भरा हुआ बदन, गांड़ की चौड़ाई भी चौतीस हैं, जो फिलहाल मर्द की चाहत में तड़प रहा हैं, छूत पूरी फुली हुई और मखमली जो एक बार देखे तो लन्ड अन्दर डाले बिना रह नहीं पाए।
मैं अपनी मां बाप की एकलौती औलाद हूं और मेरी मां काफी सालों से एक भयंकर बीमारी से जूझ रहीं थीं, और हम दोनों बाप बेटी उनकी इस हालत को देख कर बहुत रोते थें, उनको ब्लड से सम्बन्धित बीमारी थीं जिसे कैंसर भी कहा जाता था, पहले जब ही मां की तबियत ख़राब होती तो वो घर में कुछ न कुछ बोल कर टाल दिया करती थीं ताकि पापा ज्यादा परेशान न हो, लेकिन बात हांथ से फिसलने लगी और एक दिन वो किचन में चक्कर खा कर बेहोश हो गई, मैं उसी वक्त स्कूल से आई थीं, और जब मैंने पानी मां से मांगा तो कोई जवाब नहीं मिला, और मैं किचन में चली आई तो देखा मां फर्श पर पड़ी हैं, मैं देखते साथ डर गई और रोने लगी,
पापा ऑफिस गए थें और मैं अकेली घबरा रही थीं आखिर मैं थीं तो एक बच्ची ही, मैं करीब तेरह साल की थीं, मैंने तुरंत भाग कर पड़ोस में गई और एक आंटी को बुला लाई, फिर उन्होंने अपने बेटे को फोन कर बुलाया और तुरंत बाहर ऑटो वालो को घर बुला कर मेरी मां को ऑटो में रखा, मैं भी घर बंद कर ऑटो में उस आंटी के साथ बैठ गई, कुछ देर में हॉस्पिटल गए और डॉक्टर ने इमरजेंसी में एडमिट किया, इलाज़ हुआ तब तक पापा को भी उस आंटी के बेटे से खबर मिल गई थीं, वो भी हॉस्पिटल पहुंच गए। फिर डॉक्टर ने सारी बात बताई और साथ में इलाज़ का खर्चा भी, पापा सुन्न पड़ गए थें ये सब सुन कर, उनकी हालात खराब हो रही थीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत दिखाई और कहा आप इलाज कीजिए पैसे जमा कर देंगे,
पापा को उम्र उस वक्त 35 की थीं उस दिन की हैं, और मम्मी 28 की थीं, इलाज हुआ मगर लास्ट स्टेज हो गई थीं और अब तक खबर भी नहीं लगी कि मम्मी इस बीमारी से पीड़ित हैं। उनका रहना अब हॉस्पिटल में था, हम लोग समय समय पर मिलने जाते लेकिन एक रोज वो हम दोनों को अलविदा कह गई, पापा बहुत रोए, मैं भी बहुत राई पर बीवी के खोने का गम तो सिर्फ वही जानते थें, उनकी लव मैरिज थीं।
साल गुजरता गया, पापा मेरा ख्याल रखते ऑफिस और बाहर की जिम्मेदारी बखूबी निभाते थें।
मैं अब बड़ी होने लगी थीं, मेरी उम्र करीब पंद्रह हो गई थीं, और चीज़ों को मैं समझने लगी थीं और उस वक्त भी समझती थीं। मेरे पापा तोह जवान थे उनकी शरीर की मजबूती भी कायम थी, कड़क चौड़ा सीना, बाइसेप्स एकदम आकर्षक और चेहरा बेहद खूबसूरत जो किसी भी लड़की को अपनी और लुभा दे,
बचपन से अकेले रही, दोस्त के नाम पर एक अच्छी दोस्त थीं सारी बातें उसे ही बताते थीं, मस्ती भी उसी के साथ करती थीं, एक दिन मैं उसके घर गई और हमलोग अच्छे से बातें करने लगे, उसकी मम्मी ने दोनों के लिए अच्छा खाना बनाया फिर दोनो ने उसी रूम में खाया और उसके साथ लैपटॉप पर मूवीज देखने लगी, फिर उसने मुझसे पूछा तुझे एक मस्त मूवी देखनी हैं, मैंने हां बोल दिया और उसने एक मूवी लैपटॉप पर चला दी,
पहले तो एक इंग्लिश मूवी की तरह लगा लेकिन धीरे धीरे सीन पर होने लगी और उसने एक लड़की पूरी नंगी हो गई और साथ में एक लड़का, उसकी छूत और बूब्स को दबाने और छुने लगा, मुझे बहुत ही अजीब महसूस हुआ और मैंने फौरन अपनी दोस्त (मुस्कान) को देखा, मुस्कान ने हल्की शैतानी मुस्कान होंठों पर लिए कहा”अरे आज कल ऐसी चीज़ें सब देखते हैं, हम लोग बड़े हो रहे हैं, मेरा तो बहुत मन करता हैं, कभी कभी तो मैं अपनी उंगली भी डाल देती हूं छूत में, तब आराम मिलता हैं, क्या तेरा नही करता।
मेरे तोह कान गरम हो गए थें ये सुन कर पर फिर मैंने मुस्कान से कुछ नही कहा और हल्की फीकी सी मुस्कान दे कर मूवी देखनी लगी, पर जब वो उसकी छूत को चाटता था तो एक अजीब सी सरसराहट मेरे पूरे बदन में होती हैं, जैसे तैसे वो वीडियो को देखा और फिर उसे अलविदा बोल कर घर चली आई तो देखा पापा किचन में कुछ बना रहे थे, मैं चुप चाप अपने कमरे में चली आई और फौरन वॉशरूम घुस गई। मेरी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थीं और जब मैंने खोल कर देखा तो पूरा पैंटी में एक चिपचिपा का पानी लगा गया हैं, मैने उसे उतार कर धोने को रख दिया और पूरे कपड़े खोल दिए फिर शावर ऑन कर नहाने लगी, बूब्स मेरे उस वक्त 30 की थीं पूरी टाइट, निपल्स खड़े हुए,
मैं न चाहते हुए भी सोचने लगी उस वीडियो के बारे और अपने बूब्स को हल्के हल्के दबाने लगी, मुझे बहुत ही अजीब सा महसूस हो रहा था दोस्तो, क्या ही बताऊं, मैंने निपल्स को अंगीलियन के बीच रखे सहलाने लगी, और दूसरी हाथों से छूत को छूने लगी, और देखते ही देखते मेरी उंगली छूत के दानों पर रंगने लगी। काफी देर तक मैं क्लिटोरिस को सहलाती रही अंदर डालने की हिम्मत नही हो रहीं, क्योंकि मैंने ऐसा कभी किया नहीं था, मैने बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं रखा था, लेकिन मुझे ऐसा लगा जैसे पापा कमरे में आए हैं तो मैं फटा फट खुद को टॉवेल में लपेटी और झांक कर दरवाज़े से देखा तो पापा खाना ले कर आए थें।
मैने राहत की सांस खींची मुझे लगा कहीं पापा ने मुझे कुछ करते देख तो नहीं लिया है, पर ऐसा कुछ नहीं था। मैं कपड़े ले कर नही आई थीं, और फिर बाहर कैसे निकलती तो मैंने खुद पापा को आवाज़ लगाई कि वो मुझे कपड़े ला दे, पापा बेड पर ही बैठे हुए थें जब उन्होंने मेरी आवाज़ सुनी, उन्होंने एक नज़र बाथरूम की ओर देखा और फिर अलमीरा से कपड़े निकलने लगे, उन्हें पता था कि मैं घर में जादतर क्या पहनती हूं, वो कपड़े लिए दरवाजे के बाहर से आवाज लगने लगे
“पूजा ले अपने कपड़े पकड़, और जल्दी से बाहर आ जा खाना ठंडा हो रहा हैं”
मैने भी हल्के से दरवाजा खोल कर कपड़ा ले लिया और अंदर से ही जवाब दिया ” आ रही हूं बस आप इंतजार कीजिए”
थोड़ी देर बाद हम दोनों ने साथ खाना खाया और पापा बर्तन ले कर चल गए, मैं भी निश्चिंत हो कर बेड में लेट गई हालांकि अभी तक वो सीन ज़हन में तूफान मचा रहा था, जिससे मैं बेकाबू होने लगी, बूब्स अपने आप ही tishirt से उभर कर दिखने लगे, मैं खुद को रोक नहीं पा रही हैं, अब एक 15 साल की लड़की पर क्या गुजरती हैं वही समझ सकती हैं, मेरी फ्रेंड ने जो किया सो किया पर मैं अब तड़प रहीं थीं, खुद को संभालते संभलते कब नींद की आगोश में गई पता नहीं चला।
दूसरे दिन की सुबह और दिन के मुताबिक़ कुछ अलग सी लगी, वो ऐसा इसलिए क्योंकि मैं खुद बदल गई थीं, एक 15 साल की लड़की जब पहली बार पोर्न वीडियो देखेगी तो क्या ही असर होगा उसके दिलों दिमाग पर, जो मेरे साथ भी हुआ, मैं नहा धो कर तैयार हुई और हॉल रूम आई तो देखा पापा मोबाइल पर कुछ देख रहे थें, मैंने उन्हें गुड मॉर्निंग विश किया और खुद उनके बगल बैठ गई, और स्कूल के रिलेटेड बातें करने लगी, मेरे ज़ेहन में फिर एक बार मुस्कान की बातें याद आने लगी, कि वो कैसे ऑनलाइन वीडियो सेक्स या खुद से उंगली डाल कर लेती थी, अब मैं हल्की गर्म होने लगी थीं, और मेरे हांथ न चाहते हुए भी मेरे खुद के बूब्स पर आ गया, मगर जब पापा को बगल में देखा तो एहसास हुआ कि मैं क्या करने जा रहीं थीं,
उन्होंने पर कहा” बेटा चलो जल्दी से नाश्ता कर लो, फिर मुझे तुम्हें स्कूल छोड़ना हैं और आज एक जरूरी मीटिंग हैं तोह मैं लेट से आऊंगा, खाना बना दिया अगर कुछ चाहिए तो बाहर से ले लेना, कह वो मेरे सर पर हांथ फेरने लगे।
मैंने भी प्यार से मुस्कुरा कर जवाब दिया” कोई बात नहीं पापा काम जरूरी हैं, मैंने आपके के आने का इंतज़ार करूंगी, मुझे बाहर से कुछ नहीं खान, आप मेरा बहुत ख्याल रखते हैं, i love you so much”
पापा ने भी मुस्कुरा कर मेरे माथे पर चूमा, फिर गाल को चूम कर उठ खड़े हुए, मुझसे एक अजीब सा करेंट जैसे महसूस हुआ, जब पापा मुझे चूमे, मैंने उस हिस्से को हाथों से छुआ और एकदम से शर्मा गई, जैसे वो पापा नहीं कोई बॉयफ्रेंड हो।
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