अब आगे दिल्ली में राज और सुषमा जी की कहानी राज की जुबानी…
यहां मैं पाठकगण से यह पूछना चाहता हूँ की क्या उनको यह कहानी पसंद आ रही है, या नहीं? अगर आ रही हो तो अपने कमैंट्स लिखें। कुछ कमैंट्स जरूर लिखे जा रहे हैं पर ज्यादातर जो कमैंट्स जो मैं देखता हूँ वह किसी लड़की की कमैंट्स के पीछे लिखे हुए ही होते हैं। जिसमें दूसरे लड़के लड़की को ललचा ने की, पटाने की और अपनी और आकर्षित करने की कोशिश में ही लगे रहते हैं, उनके होते हैं।
मेरे लिखने के लिए प्रोत्साहन या प्रेरणा आप लोगों के कमैंट्स से ही मिलती है। वरना क्यों मैं अपना समय बर्बाद कर यह सब लिखूं? करने को मेरे पास बहुते काम है जो ज्याद लाभकर हैं।
तो अगर आपको कहानी पसंद आये तो कमैंट्स लिखिए त्या मुझे