Saas Ko Choda Kahani
(कविता की कहानी और सासु मां की चुदाई)
कविता अपने मां बाप की एकलौती लड़की है दिल्ली में रहती है कविता के पिता जी नीरज शर्मा दिल्ली में ही एल आई सी में ऑफ़िसर थे और चार साल पहले स्वर्गवासी हो गए थे कविता की मां श्रीमती माया हाऊस वाईफ है कविता के और दो भाई भी है और उनकी शादी भी हो गई है saas ko choda kahani
कविता ने पिछले साल ही M.A इंगलिश में पास किया है कविता का रंग बहुत ही गोरा है और उसका फिगर 36-25-38 है वो जब चलती है तो उसकी कमर एक अजीब सी बल खाती है और चलते समय उसके चूतड़ बहुत हिलते है
उसके हिलते हुए चूतड़ को देख कर पड़ोस के कई नौजवान और बूढ़े आदमियों का दिल मचल जाता है और उनके लंड खड़े हो जाते है पड़ोस के कई लड़कों ने काफी कोशिश की लेकिन कविता उनके हाथ नहीं आई कविता ने अपनी पढ़ाई और युनिवरसिटी के संगी साथी में ही व्यस्त रहती थी
थोड़े दिनो के बाद कविता की शादी उसी शहर के रहने वाले एक पुलिस ऑफ़िसर से तय हो गई उस लड़के के नाम रमेश था और उसके पिता जी का नाम गोविंद था और सब उनको गोविंद जी कहकर बुलाते थे गोविंद जी की पत्नी का नाम कुमारी है और वो एक लेखिका है अब तब गोविंद जी की पत्नी करीब 8-10 किताबे लिख चुकी है saas ko choda kahani
गोविंद जी अपनी जवानी के दिनो में और अपनी शादी के बाद भी हर औरत को अपनी नज़र से चोदते थे और जब कभी मौका मिलता था तो उनको अपने लौड़े से भी चोदते थे गोविंद जी बहुत चोदू है और अब तक वो अपने घर में कई लड़कियों और औरतों को चोद चुके थे और अब जब कि उनकी काफी उमर हो गई थी मौका पाते ही कोई ना कोई औरत को पटा कर अपना बिस्तर गर्म कराते थे
गोविंद जी के लंड की लम्बाई करीब साढे आठ इन्च लम्बा और मोटाई करीब साढे तीन इन्च है और वो जब कोई औरत की चूत में अपना लंड डालते थे तो 25-30 मिनट के पहले वो झड़ते नहीं है इस लिए जो औरत उनसे अपनी चूत चुदवा लेती है फिर दोबारा मौका पाते ही उनका लंड अपनी चूत में पिलवा लेती है
आज कविता की सुहागरात है परसों ही उसकी शादी रमेश के साथ हुई थी कविता इस समय अपने कमरे में सज धज कर बैठी अपनी पति का इन्तज़ार कर रही है उसका पति कैसे उसके साथ पेश आयेगा यह सोच सोच कर कविता का दिल जोर जोर से धड़क रहा है सुहागरात में क्या क्या होता है यह उसको उसकी भाभी और सहेलियों ने सब बता दिया था saas ko choda kahani
कविता को मालूम है कि आज रात को उसके पति कमरे में आ कर उसको चूमेगा उसकी चूची को दबायेगा मसलेगा और फिर उसके कपड़ों को उतार कर उसको नंगी करेगा फिर खुद अपने कपड़े उतार कर नंगा हो जायेगा इसके बाद उसका पति अपने खड़े लंड से उसकी चूत की चटनी बनते हुए उसको चोदेगा
वैसे तो कविता को चुदवाने का तजुरबा शादी के पहले से ही है कविता अपने कॉलेज के दिनो में अपने क्लास के कई लड़कों का लंड अपने चूत में उतरवा चुकी है एक लड़के ने तो कविता को उसकी सहेली के घर ले जा कर सहेली के सामने ही चोदा था और फिर सहेली की गांड भी मारी थी
एक बार तो कविता अपनी एक सहेली के घर पर शादी में गई हुई थी वहां उस सहेली के भाई मुकेश ने उसको अकेले में छेड़ दिया था और कविता की चूची दबा दिया कविता ने तो सिर्फ मुसकुरा दिया था फिर सहेली के भाई ने आगे बढ कर कविता को पकड़ लिया और चूम लिया तब कविता ने भी बढ कर सहेली के भाई को चूम लिया saas ko choda kahani
तब मुकेश ने कविता के ब्लाऊज के अन्दर हाथ डाल उसकी चूची मसलने लगा और कविता भी गर्म हो कर अपनी चूची मसलवाने लगी और एक हाथ उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड पर रख दिया तब मुकेश कविता को पकड़ कर छत पर ले गया छत पर कोई नहीं था क्योंकि सारे घर के लोग नीचे शादी में व्यस्त थे
छत पर जा कर मुकेश ने कविता को छत की दीवार के सहारे खड़े कर दिया और कविता से लिपट गया मुकेश एक हाथ से कविता की चूची दबा रहा था और दूसरा हाथ साड़ी के अन्दर डाल कर उसकी बुर को सहला रहा था थोड़ी देर में ही कविता गर्मा गई और उसके मुंह से तरह तरह की आवाज निकलने लगी
फिर जब मुकेश ने कविता कि साड़ी उतरना चाहा तो कविता ने मना कर दिया और बोली नहीं मुकेश हमको एकदम से नंगी मत करो तुम मेरी साड़ी उठा कर पीछे से अपना गधे जैसा लंड मेरी चूत में पेल कर मुझे चोद दो लेकिन मुकेश नही माना और उसने कविता को पूरी तरह नंगी करके उसको छत के मुंडेर से खड़े करके उसके पीछे जा कर अपना लंड उसकी चूत में पेल कर उसको खूब रगड़ रगड़ कर चोदा saas ko choda kahani
चोदते समय मुकेश अपने हाथो से कविता की चूची को भी मसल रहा था कविता अपनी चूत की चुदाई का बहुत मजा ले रही थी और मुकेश के हर धक्के के साथ साथ अपनी कमर हिला हिला कर मुकेश का लंड अपनी चूत में खा रही थी थोड़ी देर के बाद मुकेश कविता की चूत चोदते चोदते झड़ गया
मुकेश के झड़ते ही कविता ने अपनी चूत से मुकेश का लंड निकाल दिया और खुद मुकेश के सामने बैठ कर उसका लंड अपने मुंह में ले कर चाट चाट कर साफ कर दिया थोड़ी देर के बाद कविता और मुकेश दोनों छत से नीचे आ गए
आज कविता अपनी सुहागरात की सेज पर अपनी कई बार की चुदी हुई चूत लेकर अपने पति के लिए बैठी थी उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था क्योंकि कविता को डर था कि कहीं उसके पति को यह ना पता चल जाए कि कविता पहले ही चुदाई का आनन्द ले चुकी है थोड़ी देर के बाद कमरे का दरवाजा खुला saas ko choda kahani
कविता ने अपनी आंख तिरछी करके देखा कि उसके ससुर जी गोविंद जी कमरे में आए हुए है कविता का माथा ठनका कि सुहागरात के दिन ससुर जी को क्या काम आ गया है खैर कविता चुपचाप अपने आप को सिकोड़े हुए बैठी रही थोड़ी देर के बाद गोविंद जी सुहाग की सेज के पास आए और कविता की तरफ देख कर बोला
बेटी मैं जानता हूं कि तुम अपने पति के लिए इनतजार कर रही हो आज के दिन सब लड़कियां अपने पति का इन्तजार करती है इस दिन के लिए सब लड़कियों को बहुत दिनो से इन्तजार रहता है लेकिन तुम्हारा पति रमेश आज तुमसे सुहागरात मनाने नहीं आ पायेगा अभी अभी थाने से फोन आया था और वह अपनी यूनिफ़ार्म पहन कर थाने चला गया
जाते जाते रमेश यह कह गया कि शहर के कई भाग में डकैती पड़ी है और वोह उसकी छानबीन करने जा रहा है लेकिन बेटी तू बिल्कुल चिन्ता मत करना मैं तेरी सुहागरात खाली नहीं जाने दूंगा saas ko choda kahani
कविता अपने ससुर जी की बात को सुन तो लिया पर अपने ससुर की बात उसके दिमाग में नहीं घुसी और कविता अपना चेहरा उठा कर अपने ससुर को देखाने लगी गोविंद जी ने आगे बड़ कर कविता को पलंग पर से उठा लिया और जमीन पर खड़े कर दिया
तब गोविंद जी मुसकुरा कर कविता से बोले घबराना नहीं मैं तुम्हारा सुहागरात बेकार जाने नहीं दूंगा कोई बात नहीं रमेश नहीं तो क्या हुआ मैं तो हूं इतना कह कर गोविंद जी आगे बड़ कर कविता को अपनी बाहों में भर कर उसके होठों पर चूम्मा दे दिया
जैसे ही गोविंद जी ने कविता के होठों पर चूम्मा दिया कविता चौंक गई और अपने ससुर जी से बोली यह आप क्या कर रहे है मैं तो आपके बेटे की पत्नी हूं और उस लिहाज से मैं आप की बेटी लगती हूं और आप मुझको चूम रहे है? saas ko choda kahani
गोविंद जी ने तब कविता से कह पागल लड़की अरे मैं तो तुम्हारी सुहागरात बेकार ना जाए इस लिए तुमको चूमा अरे लड़कियां जब शादी के पहले जब शिव लिंग पर पानी चढाते है तब वो क्या मांगती है? वो मांगती है कि शादी के बाद उसका पति उसको सुहागरात में खूब रगड़े समझी?
कविता ने अपना चेहरा नीचे करके पूछा मैं तो सब समझ गई लेकिन सुहागरात और रगड़ने वाली बात नहीं समझी गोविंद जी मुसकुरा कर बोले अरे बेटी इसमे ना समझने की क्या बात है? तू क्या नहीं जानती कि सुहागरात में पति और पत्नी क्या क्या करते है? क्या तुझे यह नहीं मालूम कि सुहागरात में पति अपनी पत्नी को कैसे रगड़ता है?
कविता अपनी सिर को नीचे रखती हुइ बोली हां मालूम तो है कि पहली रात को पति और पत्नी क्या क्या करते और करवाते है लेकिन आप ऐसा क्यों कह रहे है?
तब गोविंद जी ने आगे बड़ कर कविता को अपनी बांहो में भर लिया और उसके होठों को चूमते हुए बोले अरे बहू तेरी सुहागरात खाली ना जाए इस लिए मैं तेरे साथ वो सब काम करुंगा जो एक आदमी और औरत सुहागरात में कराते हैं saas ko choda kahani
कविता अपने ससुर के मुंह से उनकी बात सुन कर शर्मा गई और अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया और अपने ससुर से बोली यह बात आप कह रहे है मैं आपके बेटे की पत्नी हूं और इस नाते से मैं आपकी बेटी समान हूं और मुझसे आप ये क्या कह रहे है?
तब गोविंद जी अपने हाथो से कविता की चूची को पकड़ कर दबाते हुए बोले हां मैं जानता हूं कि तू मेरी बेटी के समान है लेकिन मैं तुझे अपनी सुहागरात में तड़पते नहीं देख सकता और इस लिए मैं तेरे पास आया हूं
तब कविता अपने चेहेरे से अपना हाथ हटा कर बोली ठीक है बाबूजी आप मेरे से उमर में बड़े है आप जो ही कह रहे है ठीक ही कह रहे है लेकिन घर में आप और मेरे सिवा और भी तो लोग है कविता का इशारा अपनी सासू मां के लिए था
तब गोविंद जी ने कविता की चूची को अपने हाथो से ब्लाऊज के उपर से मलते हुए कहा कविता तुम चिंता मत करो तुम्हारी सासू मां को सोने से पहले दूध पीने की आदत है और आज मैंने उनको दूध में दो नींद की गोली मिला कर उनको पिला दिया है अब रात भर वो आरम से सोती रहेंगी saas ko choda kahani
तब कविता ने अपने हाथो से अपने ससुर जी की कमर पकड़ते हुए बोली अब आप जो भी करना है कीजिए मैं मना नहीं करुंगी तब गोविंद जी कविता को अपनी बाहों में कस लिया और उसके मुंह को बेतहाशा चूमने लगे और अपने दोनों हाथों से उसकी चूची को पकड़ कर दबाने लगे कविता भी चुप नहीं थी वो अपने हाथो से अपने ससुर का लंड उनके कपड़े के ऊपर से पकड़ कर मुठ मार रही थी
गोविंद जी अब रुकने के मूड में नहीं थे उन्होंने कविता को अपने से अलग किया और उसकी साड़ी के पल्लू को कंधे से नीचे गिरा दिया पल्लू को नीचे गिराते ही कविता की दो बड़ी बड़ी चूची उसके ब्लाऊज के ऊपर से गोल गोल दिखने लगी उन चूची को देखते ही गोविंद जी उन पर टूट पड़े और अपना मुंह उस पर रगड़ने लगे
कविता के मुंह से ओह ओह आह क्या कर रहे हो की आवाजे आने लगी
थोड़ी देर के बाद गोविंद जी ने कविता की साड़ी को उतार दिया और तब कविता अपने पेटीकोट पहने ही दौड़ कर कमरे का दरवाजा बंद कर दिया लेकिन जब कविता ने कमरे की लाईट बुझाना चाहा तो गोविंद जी ने मना कर दिया और बोले नहीं बत्ती मत बंद करो पहले दिन रोशनी में तुम्हारी चूत चोदने में बहुत मजा आयेगा saas ko choda kahani
कविता शर्मा कर बोली ठीक है मैं बत्ती बंद नहीं करती लेकिन आप भी मुझको बिल्कुल नंगी मत कीजियेगा अरे जब थोड़ी देर के बाद तुम मेरा लंड अपनी चूत में पिलवाओगी तब नंगी होने में शरम कैसी चलो इधर मेरे पास आओ मैं अभी तुमको नंगी कर देता हूं कविता चुपचाप अपना सर नीचे किए अपने ससुर के पास चली आई
जैसे ही कविता नज़दीक आई गोविंद जी ने उसको पकड़ लिया और उसके ब्लाऊज के बटन खोलने लगे बटन खुलते ही कविता की बड़ी बड़ी गोल गोल चूची उसके ब्रा के उपर से दिखाने लगी गोविंद जी अब अपना हाथ कविता के पीछे ले जाकर कविता की ब्रा का हुक भी खोल दिया
हुक खुलते ही कविता की चूची बाहर गोविंद जी के मुंह के सामने झूलने लगी गोविंद जी ने तुरंत उन चूची को अपने मुंह में भर लिया और उनको चूसने लगे कविता की चूची को चूसते चूसते वो कविता के पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया और पेटीकोट कविता के नितम्बों से सरकते हुए कविता के पैर के पास जा गिरा अब कविता अपने ससुर के समने सिर्फ अपनी पैंटी पहने खड़ी थी saas ko choda kahani
गोविंद जी ने झट से कविता की पैंटी भी उतार दी और कविता बिल्कुल नंगी हो गई नंगी होते ही कविता ने अपनी चूत को अपने हाथो से छुपा लिया और शरमा कर अपने ससुर को कनखियों से देखाने लगी गोविंद जी नंगी कविता के सामने जमीन पर बैठ गए और कविता की चूत पर अपना मुंह लगा दिया पहले गोविंद जी अपनी बहू की चूत को खूब सूंघा
कविता की चूत से निकलती सौंधी सौंधी खुशबु गोविंद जी के नाक में भर गई वो बड़े चाव से कविता की चूत को सूंघने लगे थोड़ी देर के बाद उन्होंने अपनी जीभ निकाल कर कविता की चूत को चाटना शुरु कर दिया जैसे ही उनकी जीभ कविता की चूत में घुसा तो कविता जो कि पलंग के सहारे खड़ी थी पलंग पर अपनी चूतड़ टिका दिए
अपने पैर फैला कर अपनी चूत अपनी ससुर से चटवाने लगी थोड़ी देर तक कविता की चूत चाटने के बाद गोविंद जी अपनी जीभ कविता की चूत के अन्दर डाल दिया और अपनी जीभ को घुमा घुमा कर चूत को चूसने लगे अपनी चूत चाटने से कविता बहुत गर्म हो गई और उसने अपने हाथो से अपने ससुर का सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी saas ko choda kahani
उसके मुंह से सी सी की आवाजे निकलने लगी अब गोविंद जी उठ कर कविता को पलंग पर पीठ के बल लेटा दिया जैसे ही कविता पलंग पर लेटी गोविंद जी झपट कर कविता पर चढ कर बैठ गए और अपने दोनों हाथो से कविता की चूची को पकड़ कर मसलने लगे गोविंद जी अपने हाथों से कविता की चूची को मसल रहे थे और मुंह से बोल रहे थे मुझे मालूम था कि तेरी चूची इतनी मस्त होगी
मैं जब पहली बार तुझको देखने गया था तो मेरी नज़र तेरी चूची पर ही थी और मैंने उसी दिन सोच लिया था इन चूची पर मैं एक ना एक दिन जरूर अपना हाथ रखूंगा और इनको रगड़ रगड़ कर दबाऊंगा हाय अह ओह यह आप क्या कह रहे है? एक बाप होकर अपने लड़के के लिए लड़की देखते वक्त आप उसकी सिरफ चूची को घूर रहे थे
छी कितने गन्दे है आप कविता मचलती हुई बोली तब गोविंद जी कविता को चूमते हुए बोले अरे मैं तो गन्दा हूं ही लेकिन तू क्या कम गन्दी है? अपने ससुर के सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई है और अपनी चूची को ससुर से मसलवा रही है? अब बता कौन ज्यादा गन्दा है मैं या तू? फिर गोविंद जी ने कविता से पूछा अच्छा यह बता कि चूची मसलने से तेरा क्या हाल हो रहा है? saas ko choda kahani
कविता अपने ससुर से लिपट कर बोली ऊऊह्हह्हह और जोर से हां ससुर जी और जोर से दबाओ बड़ा मजा आ रहा है मुझे आपका हाथ औरतों की चूची से खेलने में बहुत ही माहिर है आपको पता है कि औरतों की चूची कैसे दबाया जाता है और जोर से दबाईये मुझे बहुत मजा आ रहा है
फिर कविता अपने ससुर को अपने हाथों से बांधते हुए बोली अब बहुत हो गया है चूची से खेलना आपको इसके आगे जो भी करने वाले है ना जल्दी कीजिये कहीं रमेश ना आ जाए और मेरी भी चूत में खुजली हो रही है अभी लो मैं अभी तुझको अपने इस मोटे लंड से चोदता हूं आज तुझको मैं ऐसा चोदुंगा कि तु जिंदगी भर याद रखेगी
इतना कह कर गोविंद जी उठकर कविता के पैरों के बीच होकर बैठ गए ससुर जी को अपने ऊपर से उठते ही कविता ने अपनी दोनों टांगों को फैला कर ऊपर उठा लिया और उनको घुटने से मोड़ कर अपना घुटना अपनी चूची पर लगा लिया इससे कविता की चूत पूरी तरह से खुल कर ऊपर आ गई और अपने ससुर का लंड अपनी चूत को खिलाने के लिये तैयार हो गई saas ko choda kahani
गोविंद जी भी उठ कर अपना धोती उतार चड्डी कुरता और बनियान उतार कर नंगे हो गए और फिर से कविता के खुले हुए पैरो के बीच में आकर बैठ गए तब कविता उठ कर अपने ससुर का तनतनाया हुआ लंड अपने नाजुक हाथों से पकड़ लिया और बोली ऊओह्हह्हह ससुर जी कितना मोटा और सख्त है अपका यह गोविंद जी तब कविता के कान से अपना मुंह लगा कर बोले मेरा क्या?
बोल ना कविता बोल गोविंद जी अपने हाथों से कविता की गदराई हुई चूची को अपने दोनों हाथों से मसल रहे थे और कविता अपने ससुर का लंड पकड़ कर मुट्ठी में बांधते हुए बोली आआअह्ह ऊओफफफ ऊईईइम्म म्ममाआ ऊऊह्हह्ह ऊऊउह्ह आपका यह पेनिस स्सास्सह्ह ऊऊम्माआह गोविंद जी फिर से कविता के कान पर धीरे से बोले कविता हिन्दी में बोलो ना इसका नाम प्लीज
कविता ससुर के लंड को अपने हाथों में भर कर अपनी नज़र नीची कर के अपने ससुर से बोली मैं नहीं जानती आप ही बोलीए ना हिन्दी में इसको क्या कहते हैं गोविंद जी ने हंस कर कविता कि चूची को चूसते हुए बोले अरे ससुर के सामने नंगी बैठी है और यह नहीं जानती कि अपने हाथ में क्या पकड़ रखा है? saas ko choda kahani
बोल बेटी बोल इसको हिन्दी में क्या कहते और इससे अभी हम तेरे साथ क्या करेंगे तब कविता ने शर्मा कर अपने ससुर की नंगी छाती में मुंह छुपाते हुए बोली ससुर जी मैं अपने हाथों से आपका खड़ा हुआ मोटा लंड पकड़ रखा है और थोड़ी देर के बाद आप इस लंड को मेरी चूत के अन्दर डाल कर मेरी चुदाई करेंगे
बस अब तो खुश है ना आप अब मैं बिल्कुल बेशरम होकर आपसे बात करुंगी इतना सुन कर गोविंद जी ने तब कविता को फिर से पलंग पर पीठ के बल लेटा दिया और अपनी बहू की टांगो को अपने हाथों से खोल कर खुद उन खुली टांगो के बीच बैठ गए बैठने के बाद उन्होंने झुक कर कविता की चूत पर दो तीन चूम्मा दिया
फिर अपना लंड अपने हाथों से पकड़ कर अपनी बहू की चूत के दरवाजे पर रख दिया चूत पर लंड रखते ही कविता अपनी कमर उठा उठा कर अपनी ससुर के लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी कविता की बेताबी देख कर गोविंद जी अपने बहू से बोले रुक चूत के सामने लंड आते ही अपनी कमर उचका रही है मैं अभी तेरी चूत की खुजली दूर करता हूं saas ko choda kahani
कविता तब अपने ससुर की छाती पर हाथ रख कर उनकी निप्पल को अपनी अंगुलियों से मसलते हुए बोली ऊऊह्हह ससुर जी बहुत हो गया है अब बार्दाश्त नहीं हो रहा है आओ ना ऊऊओह्हह प्लीज ससुर जी आओ ना आओ और जल्दी से मुझको चोदो अब देर मत करो अब मुझे चोदो ना और कितनी देर करेंगे ससुर जी
ससुर जी जल्दी से अपना यह मोटा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दीजीए मैं अपनी चूत की खुजली से पागल हुए जा रही हूं जल्दी से मुझे अपने लंड से चोदीए अह ओह क्या मस्त लंड है आपका गोविंद जी अपना लंड अपनी बहू की चूत में पेलते हुए बोले वाह रे मेरी बहू तू तो बड़ी चुद्दकड़ हैं
अपने मुंह से ही अपने ससुर के लंड की तारीफ कर रही है और अपनी चूत को मेरा लंड खिलाने के लिए अपनी कमर उचका रही है देख मैं आज रात को तेरी चूत की क्या हालत बनाता हूं साली तुझको चोद चोद कर तेरी चूत को भोसड़ा बना दूंगा और उन्होंने एक ही झटके के साथ अपना लंड कविता की चूत में डाल दिया saas ko choda kahani
चूत में अपने ससुर का लंड घुसते ही कविता के मुंह से एक हलकी सी चीख निकल गई और उसने अपने हाथों से अपने ससुर को पकड़ उनका सर अपनी चूची से लगा दिया और बोलने लगी वाह वह ससुर जी क्या मस्त लंड है आपका मेरी तो चूत पूरी तरह से भर गई अब जोर जोर से धक्का मार कर मेरी चूत की खुजली मिटा दो चूत में बहुत खुजली हो रही हैं
अभी लो मेरी चुद्दकड़ बहू अभी मैं तेरी चूत की सारी की सारी खुजली अपने लंड के धक्के के साथ मिटाता हूं गोविंद जी कमर हिला कर झटके के साथ धक्का मारते हुए बोले कविता भी अपने ससुर के धक्के के साथ अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी चूत में अपने ससुर का लंड लेते बोली आह आह आह ससुरजी मजा आ गया
मुझे तो तारे नज़र आ रहे है आपको वाकई में औरत की चूत चोदने की कला आती है चोदीए चोदीए अपनी बहू की मस्त चूत में अपना लंड डाल कर खूब चोदीए बहुत मजा मिल रहा है अब मैं तो आपसे रोज़ अपनी चूत चुदवाऊंगी बोलीए चोदेंगे ना मेरी चूत? saas ko choda kahani
गोविंद जी अपनी बहू की बात सुन कर मुसकुरा दिए और अपना लंड उसकी चूत के अन्दर बाहर करना जारी रखा कविता अपनी ससुर के लंड से अपनी चूत चुदवा कर बेहाल हो रही थी और बड़बड़ा रही थी आआह्हह्हह ससुर जीईए जोरर सीई हन्नन्न ससुरजी जोररर से धक्कक्काअ लगाओ औरर जोररर से चोदिईईए अपनी बहू की चूत्त को
मुझे बहुत्तत्त अस्सह्ह्हाअ लाअग्ग रह्हह्हाअ हैईइ ऊऊओह्ह्ह और जोर से चोदो मुझे आआहह्ह ससुर जी और जोर से करो आआह्हह और अन्दर जोर से ऊऊओह्हह्ह दीआरर ऊऊओह्हह ऊऊफफ आआह्ह आआह्हह ऊउईई आअह्हहह ऊम्मम्माआह्ह्ह ऊऊह्ह
थोड़ी देर तक जोर जोर के धक्को से अपने बहू की चूत चोदने के बाद गोविंद जी ने अपना धक्को की रफ़्तार धीमी कर दी और कविता की चूची को फिर से अपने हाथों में पकड़ कर कविता से पूछा बहू कैसा लग रहा है अपने ससुर का लंड अपनी चूत में पिलवा कर? saas ko choda kahani
तब कविता अपनी कमर उठा उठा कर चूत में लंड की चोट लेती हुइ बोली ससुरजी अपसे चूत चुदवा कर मैं और मेरी चूत दोनों का हाल ही बेहाल हो गया है आप चूत चोदने में बहुत एक्सपर्ट है बड़ा मजा आ रहा है मुझे ससुरजी ऊओह्हह्हह ससुरजी आप बहुत अच्छा चोदते है आआह्हह ऊऊह्हह ऊऊओफफ
ससुर जी आप बहुत ही एक्सपर्ट है और आपको औरतों कि चूत चोद कर औरतों को सुख देना बहुत अच्छी तरह से आता है मुझे बहुत अच्छा लग रहा है यूं ही हां ससुर जी यूं ही चोदो मुझे आप बहुत अच्छे हो बस यू ही चुदाई करो मेरी ऊओह्हह्ह खूब चोदो मुझे
गोविंद जी भी कविता की बातों को सुन कर बोले ले रण्डी लंड ले अपनी चूत में अपने ससुर का लंड का ठोकर ले आज देखते है कि तू कितनी बड़ी चुद्दकड़ है आज मैं तेरी चूत को अपने हलवी लंड से चोद चोद कर भोसड़ा बना दूंगा ले मेरी चुदक्कड़ बहू ले मेरा लंड अपनी चूत में खा saas ko choda kahani
गोविंद जी इतना कह कर फिर से कविता की चूत में अपना लंड जोर जोर से पेलने लगे
थोड़ी देर के बाद अपना लंड जड़ तक ठूंस कर अपनी बहू की चूत के अन्दर झड़ गए कविता भी अपने ससुर के लंड को चूत को उठा कर अपनी चूत में खाती खाती झड़ गई थोड़ी देर तक दोनों ससुर और बहू अपनी चुदाई से थक कर सुस्त पड़े रहे
थोड़ी देर के बाद कविता ने अपनी आंखे खोली और अपने ससुर और खुद को नंगी देख कर शर्मा कर अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया तब गोविंद जी उठ कर पहले बाथरूम में जा कर अपना लंड धो कर साफ कर के बाद में फिर से कविता के पास आकर बैठ गए और उसके शरीर से खेलने लगे
गोविंद जी ने अपने हाथों से कविता का हाथ उसके चेहरे से हटा कर अपने बहू से पूछा क्यों चुद्दकड़ रण्डी कविता मजा आया अपने ससुर के लंड से अपनी चूत चुदवा कर? बोल कैसा लगा मेरा लंड और उसके धक्के?
कविता अपने हाथों से अपने ससुर को बांध कर उनको चूमते हुए बोली बाबूजी अपका लंड बहुत शानदार है और इसको किसी भी औरत की चूत को चोद कर मजा देने की कला आती है saas ko choda kahani
लेकिन सबसे अच्छा मुझे आपका चोदते हुए गन्दी बात करना लगा सच जब आप गन्दी बात करते है और चोदते है तो बहुत अच्छा लगता है गोविंद जी ने अपने हाथों से कविता की चूची को पकड़ कर मसलते हुए बोले अरे जब हम गन्दा कम कर रहे है तो गन्दी बात करने में क्या फरक पड़ता है और मुझको तो चुदाई के समय गाली बकने की आदत है
अच्छा अब बोल तुझे मेरा चुदाई कैसी लगी? मजा आया कि नहीं चूत की खुजली मिटी कि नहीं? कविता ने तब अपने हाथों से अपने ससुर का लंड पकड़ कर सहलाते हुए बोली ससुर जी आपका लंड बहुत ही शानदार है और मुझे आपसे अपनी चूत चुदवा कर बहुत मजा आया लगता है कि आपके लंड को भी मेरी चूत बहुत पसंद आई
देखिये ना आपका लंड फिर से खड़ा हो रहा है क्या बात है एक बार और मेरी चूत में घुसना चहता है क्या?
गोविंद जी ने तब अपने हाथ कविता की चूत पर फेरते हुए बोले साली कुतिया एक बार अपने ससुर का लंड खाकर तेरी चूत का मन नहीं भरा फिर से मेरा लंड खाना चाहती है? ठीक है मैं तुझको अभी एक बार फिर से चोदता हूं saas ko choda kahani
गोविंद जी की बात सुनकर कविता झट से उठ कर बैठ गई और अपने ससुर के सामने झुक कर अपने हाथ और पैर के बल बैठ कर अपने ससुर से बोली बाबू जी अब मेरी चूत में पीछे से अपना लंड डाल कर चोदिए मुझे पीछे से चूत में लंड डलवाने में बहुत मजा आता हैं
गोविंद जी ने तब अपने सामने झुकी हुई कविता की चूतड़ पर हाथ फेरते हुए कविता से बोले साली कुत्ती तुझको पीछे से लंड डलवाने में बहुत मजा आता है? ऐसा तो कुतिया चुदवाती है क्या तू कुतिया है? कविता अपना सिर पीछे घुमा कर बोली हां मेरे चोदू ससुर जी मैं कुतिया हूं और इस समय आप मुझे कुत्ता बन कर मेरी चूत चोदेंगे अब जल्दी भी करिए और शुरु हो जाओ
जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डालिये गोविंद जी अपने लंड पर थूक लगाते हुए बोले ले मेरी रण्डी बहू ले मैं अभी तेरी फुदकती चूत में अपना लंड डाल कर उसकी खबर लेता हूं साली तू बहुत चुद्दकड़ है पता नहीं मेरा बेटा तुझको शान्त कर पायेगा कि नहीं और इतना कहकर गोविंद जी अपनी बहू के पीछे जाकर उसकी चूत अपनी अंगुलियों से फैला कर उसमे अपना लंड डाल कर चोदने लगे
चोदते चोदते कभी कभी गोविंद जी अपना अंगुली कविता की गांड में घुसा रहे थे और कविता अपनी कमर हिला हिला अपनी चूत में ससुर के लंड को अन्दर बाहर करवा रही थी थोड़ी देर चोदने के बाद दोनों बहू और ससुर जी झड़ गए तब कविता उठ कर बाथरूम में जाकर अपनी चूत और जांघे धोकर अपने बिस्तर पर आकर लेट गई और गोविंद जी भी अपने कमरे जाकर सो गए saas ko choda kahani
अगले हफ्ते रमेश और कविता अपना हनीमून मनाने अपने एक दोस्त जो कि शिमला में रहता है चले गए जैसे ही रमेश और कविता शिमला एयरपोर्ट से बाहर निकले तो देखा कि रमेश का दोस्त गौतम और उसकी बीवी सुमन दोनों बाहर अपनी कार के साथ उनका इन्तज़ार कर रहे है रमेश और गौतम आगे बढ कर एक दूसरे के गले लग गए
फिर दोनों ने अपनी अपनी बीवियों से परिचय करवा दिया और फिर कार में बैठ कर घर की तरफ चल पड़े घर पहुंच कर रमेश और गौतम बैठक में बैठ कर पुरानी बातो में मशरूफ हो गए और कविता और सुमन दूसरे कमरे में बैठ कर बाते करने लगी थोड़ी देर के बाद रमेश और गौतम अपनी बीवियों को बुलाकर उनसे कहा कि खाना लगा दो बहुत जोर की भूख लगी है
सुमन ने फटाफ़ट खाना लगा दिया और चारों डाईनिंग टेबल पर बैठ कर खाने लगे खाना खाते समय कविता देख रही थी कि रमेश सुमन को घूर घूर कर देख रहा है और सुमन भी धीरे धीरे मुसकुरा रही है कविता को दाल में कुछ काला नज़र आया लेकिन वो कुछ नहीं बोली saas ko choda kahani
अगले दिन सुबह गौतम नहा धो कर और नाश्ता करने के बाद अपने ऑफ़िस के लिए रवाना हो गया घर पर कविता रमेश और सुमन पर बैठ कर नाश्ता करने के बाद गप लड़ा रहे थे कविता ने आज सुबह भी ध्यान दिया कि रमेश अभी भी सुमन को घूर रहा है और सुमन धीरे धीरे मुसकुरा रही है थोड़ी देर के बाद कविता नहाने के लिए अपने कपड़े लेकर बाथरूम में गई
करीब आधे घण्टे के बाद जब कविता बाथरूम से नहा धो कर सिरफ एक तौलिया लपेट कर बथरूम से निकली तो उसने देखा कि सुमन सिरफ ब्लाऊज और पेटीकोट पहने टांगे फैला कर अपनी कुरसी पर फैली आधी लेटी और आधी बैठी हुई है और उसके ब्लाऊज के बटन सब के सब खुले हुए है
रमेश झुक कर सुमन की एक चूची अपने हाथों से पकड़ चूस रहा है और दूसरे हाथ से सुमन की दूसाड़ी चूची को दबा रहा है कविता यह देख कर सन्न रह गई और अपनी जगह पर खड़ी की खड़ी रह गई तभी सुमन की नज़र कविता पर पर गई तो उसने अपनी हाथ हिला कर कविता को अपने पास बुला लिया और अपनी एक चूची रमेश से छुड़ा कर कविता की तरफ बढा कर बोली लो कविता तुम भी मेरी चूची चूसो saas ko choda kahani
रमेश चुपचाप सुमन की चूची चूसता रहा और उसने कविता की तरफ देखा तक नहीं सुमन ने फिर से कविता से बोली लो कविता तुम भी मेरी चूची चूसो मुझे चूची चुसवाने में बहुत मजा मिलता है तभी मैं रमेश से अपनी चूची चुसवा रही हूं कविता अब कुछ नहीं बोली और सुमन की दूसरी चूची अपने मुंह में भर कर चूसने लगी
थोड़ी देर के बाद कविता ने देखा कि सुमन अपना हाथ आगे कर के रमेश का लंड उसके पैजामे के ऊपर से पकड़ कर अपनी मुट्ठी में लेकर मारोड़ रही है और रमेश सुमन की एक चूची अपने मुंह में भर कर चूस रहा है अब तक कविता भी गर्म हो गई थी तभी सुमन ने रमेश का पैजामे का नाड़ा खींच कर खोल दिया और रमेश का पैजामा सरक कर नीचे गिर गया
पैजामा नीचे गिरते ही रमेश नंगा हो गया क्योंकि वो पैजामे के नीचे कुछ नहीं पहन रखा था जैसे ही रमेश नंगा हो गया वैसे ही सुमन आगे बढ कर रमेश के खड़े लंड को पकड़ लिया और उसका सुपारा खोलने और बंद करने लगी और अपने होठों पर जीभ फेरने लगी saas ko choda kahani
यह देख कर कविता ने अपने हाथों से पकड़ कर रमेश का लंड सुमन के मुंह से लगा दिया और सुमन से बोली लो सुमन मेरे पति का लंड चूसो लंड चूसने से तुम्हे बहुत मजा मिलेगा मैं भी अपनी चूत मारवाने के पहले रमेश का लंड चूसती हूं फिर रमेश भी मेरी चूत को अपने जीभ से चाटता है
जैसे ही कविता ने रमेश का लंड सुमन के मुंह से लगाया वैसे ही सुमन ने अपना मुंह खोल कर के रमेश का लंड अपने मुंह में भर लिया और उसको चूसने लगी अब रमेश अपनी कमर हिला हिला कर अपना लंड सुमन के मुंह में अन्दर बाहर करने लगा और अपने हाथों से सुमन की दोनों चूची पकड़ कर मसलने लगा
तब कविता ने आगे बढ कर सुमन के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया पेटीकोट का नाड़ा खुलते ही सुमन ने अपनी चूतड़ कुरसी पर से थोड़ा सा उठा दिया और कविता अपने हाथों से सुमन की पेटीकोट को खींच कर नीचे गिरा दिया सुमन ने पेटीकोट के नीचे पैंटी नहीं पहनी थी और इस लिए पेटीकोट खुलते ही सुमन भी रमेश की तरह बिल्कुल नंगी हो गई saas ko choda kahani
कविता ने सबसे पहले नंगी सुमन की जांघो को खोल दिया और उसकी चूत को देखाने लगी सुमन की चूत पर झांटे बहुत ही अच्छे तरीके से हटाई गई थी और इस समय सुमन की चूत बिल्कुल चमक रही थी सुमन की चूत से चुदाई के पहले निकलने वाला रस रिस रिस कर निकल रहा था कविता झुक कर सुमन के सामने बैठ गई और सुमन की चूत से अपना मुंह लगा दिया
कविता का मुंह जैसे ही सुमन की चूत पर लगा तो सुमन ने अपनी टांगे और फैला दी और अपने हाथों से अपनी चूत को खोल दिया अब कविता ने आगे बढ कर सुमन की चूत को चाटना शुरु कर दिया कविता अपनी जीभ को सुमन की चूत के नीचे से लेकर चूत के ऊपर तक ला रही थी और सुमन मारे गर्मी के कविता का सर अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रही थी
उधर रमेश ने जैसे ही देखा कि कविता अपनी जीभ से सुमन की चूत को चाट रही है तो उसने अपना लंड सुमन के मुंह से लगा कर एक हलका सा धक्का दिया और सुमन अपना मुंह खोल कर रमेश का लंड अपने मुंह में भर लिया नीचे कविता अपनी जीभ से सुमन की चूत को चाट रही थी और कभी कभी सुमन के दाने को अपने दांतो से पकड़ कर हलके हलके से दबा रही थी saas ko choda kahani
थोड़ी देर तक सुमन की चूत को चाटने और चूसने के बाद कविता उठ कर खड़ी हो गई और रमेश का लंड पकड़ सुमन के मुंह से निकाल दिया और सुमन से बोली सुमन अब बहुत हो गया लंड चूसना और चूत चटवाना चलो अब अपने पैर कुरसी के हत्थो के ऊपर रखो और रमेश का लंड अपनी चूत में पिलवाओ
मुझे मालूम है कि अब तुम्हे रमेश का लंड अपने मुंह में नहीं अपनी चूत के अन्दर चाहिए और कविता ने अपने हाथों से अपने पति का खड़ा हुआ लंड सुमन की गीली चूत के ऊपर रख दिया चूत पर लंड रखते ही सुमन ने अपने हाथों से उसको अपनी चूत के छेद से भिड़ा दिया
और रमेश की तरफ देख कर मुसकुरा कर बोली लो अब तुम्हारी बीवी ने ही तुम्हारे लंड को मेरी चूत से भिड़ा दिया अब देर किस बात की है चलो चुदाई शुरु कर दो इतना सुनते ही रमेश ने अपनी कमर हिला कर अपना तना हुआ लंड सुमन की चूत के अन्दर उतार दिया saas ko choda kahani
चूत के अन्दर लंड घुसते ही सुमन ने अपने पैर को कुरसी के हत्थों पर रख कर और फैला दिया और अपने हाथों से रमेश की कमर पकड़ कर उसको अपनी तरफ खींच लिया अब रमेश अपने दोनों हाथों से सुमन की दोनों चूची को पकड़ कर अपनी कमर हिला हिला कर सुमन को चोदना शुरु कर दिया
सुमन अपनी चूत में रमेश का लंड पिलवा कर बहुत खुश थी और वो मुड़ कर कविता से बोली कविता तेरे पति का लंड बहुत ही शानदार है बहुत लम्बा और मोटा है रमेश का लंड मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है तेरी ज़िन्दगी तो रमेश से चुदवा कर बहुत आराम से कट रही होगी?
कविता तब रमेश का एक हाथ सुमन की चूची पर से हटा कर सुमन की चूची को मसलते हुए बोली हां मेरे पति का लंड बहुत ही शानदार है और मुझे रमेश से चुदवाने में बहुत मजा मिलता है मैं तो हर रोज़ तीन चार बार रमेश का लंड अपनी चूत में पिलवाती हूं क्यों गौतम तेरी चूत नहीं चोदता? कैसा है गौतम का लंड?
सुमन बोली गौतम का लंड भी अच्छा है और मैं हर रोज़ दो तीन बार गौतम के लंड से अपनी चूत चुदवाती हूं गौतम रोज़ रात को मुझे रगड़ कर चोदता है और रात की चुदाई के समय मैं कम से कम चार पांच बार चूत का पानी गिराती हूं लेकिन रमेश के लंड की बात ही कुछ और है यह लंड तो मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है saas ko choda kahani
असल में मुझे अपने पति के अलावा दूसरे लंड से चुदवाने में बहुत मजा आता है और जब से मैंने रमेश को देखा है तभी से मैं रमेश का लंड खाने के लिए तड़प रही थी अब मेरे मन की मुराद पूरी हो गई है अब शाम को जैसे ही गौतम ऑफ़िस से घर आयेगा उसका लंड मैं तेरी चूत में पिलाऊंगी तब देखना कि गौतम कैसे तुमको चोदता है
मुझे मालूम है कि गौतम के लंड को अपनी चूत से खाकर तुम बहुत खुश होगी कविता चुपचाप सुमन की बात सुनती रही और झुक कर रमेश का लंड सुमन की चूत के अन्दर बाहर होना देखती रही थोड़ी देर के बाद कविता ने झुक कर सुमन की एक चूची को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी
थोड़ी देर के बाद कविता को अहसास हुआ कि कोई उसके चूतड़ के ऊपर से उसकी तौलिया हटा कर उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ने की कोशिश कर रहा है कविता ने चौंक कर पीछे मुड़ कर देखा तो पाया कि उसकी चूत में लंड घुसेड़ने वला और कोई नहीं बल्कि गौतम है हुआ यह कि गौतम के ऑफ़िस में किसी का देहान्त हो गया था और इसीलिए ऑफिस में छुट्टी हो गई थी saas ko choda kahani
इस लिए गौतम ऑफ़िस जाकर वापस आ गया था गौतम अब तक कविता के बदन से उसकी तौलिया हटा कर अपना तन्नाया हुअ लंड कविता की चूत में डाल चुका था और कविता की कमर को पकड़ के कविता की चूत में अपने लंड की ठोकर मारना शुरु हो गया था गौतम जोर जोर से कविता कि चूत अपने लंड से चोद रहा था और अपने हाथों से कविता कि चूची को मसल रहा था
रमेश इस समय सुमन को जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था और उसने अपना सिर घुमा कर जब कविता की चुदाई गौतम के साथ होते देखा तो मुसकुरा दिया और गौतम से बोला देख गौतम देख मैं तेरे ही घर में और तेरे ही समने तेरी बीवी को चोद रहा हूं तुझे तेरी बीवी की चुदाई देख कर कैसा लग रहा है?
गौतम ने तब कविता को चूमते और उसकी चूची को मसलते हुए रमेश से बोला अबे रमेश तू क्या मेरी बीवी को चोद रहा है अरे मेरी बीवी तो पुरानी हो गई है उसकी चूत मैं पिछले दो साल से रात दिन चोद रहा हूं सुमन की चूत तो अब काफी फैल चुकी है saas ko choda kahani
अबे तू देख मैं तेरे समने तेरी नई ब्याही बीवी को कुतिया की तरह झुका कर उसकी टाईट चूत में अपना लंड डाल कर चोद रहा हूं अब बोल किसे ज्यादा मजा मिल रहा है सही में यार रमेश तेरी बीवी की चूत बहुत ही टाईट है मगर तेरी बीवी बहुत चुद्दकड़ है देख देख कैसे तेरी बीवी की चूत ने मेरा लंड पकड़ रखा है
फिर गौतम कविता की चूची को मसलते हुए कविता से बोला ओह ओह मुझे कविता की चूत चोदने में बहुत मजा मिल रहा है आह कविता रानी और जोर से अपनी गांड हिला कर मेरे लंड पर धक्का मार मैं पीछे से तेरी चूत पर धक्का मार रहा हूं कविता रानी बोल बोल कैसा लग रहा मेरे लंड से अपनी चूत चुदवना
बोल मजा मिल रहा कि नहीं? तब कविता अपनी गांड को जोर जोर से हिला कर गौतम का लंड अपनी चूत को खिलाते हुए गौतम से बोली चोदो मेरे राजा और जोर से चोदो मुझे तुम्हारी चुदाई से बहुत मजा मिल रहा है तुम्हारा लंड मेरी चूत की आखरी छोर तक घुस रहा है saas ko choda kahani
ऐसा लग रहा कि तुम्हारा लंड का धक्का मेरी चूत से होकर मेरी मुंह से निकल पड़ेगा और जोर से चोदो और सुमन और रमेश को दिखा दो कि चूत की चुदाई कैसे की जाती है गौतम और कविता की चुदाई देखते हुए सुमन कविता से बोली क्यों कविता गौतम का लंड पसन्द आया कि नहीं?
मैं ना बोल रही थी कि गौतम का लंड बहुत ही शानदार है और गौतम बहुत अच्छी तरह से चोदता है? अब जी भर मस्त चुदवा ले अपनी चूत गौतम के लंड से मैं भी अपनी चूत रमेश से चुदवा रही हूं रमेश जोरदार धक्को के साथ सुमन को चोदते हुए बोला यार गौतम यह दोनों औरत बड़ी चुदासी है चल आज दिन भर इनकी चूत चोद चोद कर इनकी चूतों को भोसड़ा बना देते है
तभी इनकी चूतों की खुजली मिटेगी इतना कह कर रमेश सुमन की चूत पर पिल पड़ा और दना दन चोदने लगा गौतम भी पीछे नहीं था वो अपना हाथों से कविता की दोनों चूची पकड़ कर अपनी कमर के झटकों से कविता की चूत चोदना चालू रखा थोड़ी देर तक ऐसे ही चुदाई चलती रही saas ko choda kahani
दोनों जोड़े अपने अपने साथियों की जम कर चुदाई चालू रखी और थोड़ी देर के बाद दोनों जोड़े साथ ही झड़ गए जैसे ही रमेश और गौतम सुमन और कविता की चूत के अन्दर झड़ने के बाद अपना अपना लंड बाहर निकाला तो दोनों का लंड सफेद सफेद पानी से सना हुआ था और उधर सुमन और कविता कि चूतों से भी सफेद सफेद गाढा पानी निकल रहा था
झट से सुमन और कविता उठ कर अपने अपने पतियों का लंड अपने मुंह में भर कर चूस चूस कर साफ किया और फिर एक दूसरे की चूत में मुंह लगा कर अपने अपने पतियों का वीर्य चाट चाट कर साफ किया थोड़ी देर के बाद रमेश और गौतम का सांस नोरमल हुआ और उठ कर एक दूसरे के गले लग गए और बोले
यार एक दूसरे की बीवीयों को चोदने का मजा ही कुछ अलग है अब जब तक हमलोग एक साथ है बीवीयों को अदल बदल करके ही चोदेंगे थोड़ी देर के बाद सुमन और कविता अपनी कुरसी से उठ कर खड़ी हो गई और तौलिया से अपनी चूत और जांघे पोंछ कर नंगी ही किचन की तरफ चल पड़ी saas ko choda kahani
उनको नंगी जाते देख कर रमेश और गौतम के लंड खड़े होना शुरु हो गए थोड़ी देर के बाद सुमन और कविता नंगी ही किचन से चाय और नाश्ता ले कर कमरे में आई और कुर्सी पर बैठ गई रमेश और गौतम भी नंगे ही कुरसी पर बैठ गए थोड़ी देर के बाद सुमन झुक कर प्याली में चाय पलटने लगी सुमन के झुकने से उसकी चूची दोनों हवा ने झूलने लगी
यह देख कर रमेश ने आगे बढ कर सुमन की चूची को पकड़ लिया और उन्हे दबाने लगा यह देख कर कविता अपनी कुरसी से उठ कर खड़ी हो गई और गौतम के नंगे गोद पर जाकर बैठ गई जैसे ही कविता गोद में बैठी गौतम ने अपने हाथों से कविता को जकड़ लिया और उसकी चूची को दबाने लगा
कविता झुक कर गौतम के लंड को पकड़ कर सहलाने लगे और थोड़ी देर के गौतम के लंड को अपने मुंह में भर लिया यह देख कर सुमन चाय बनना छोड़ कर रमेश के पैरो के पस बैठ गई उसने भी रमेश का लंड अपने मुंह में भर लिया थोड़ी देर के बाद रमेश ने अपने हाथों से सुमन को खड़े किया और उसको टेबल के सहारे झुका कर सुमन कि चूत में पीछे से जाकर अपना लंड घुसेड़ दिया saas ko choda kahani
सुमन एक हल्की से सिसकरी भर कर अपने चूतड़ हिला हिला अपनी चूत में रमेश का लंड पिलवती रही और वो खुद कविता और गौतम को देखने लगी रमेश और सुमन को फिर से चुदाई शुरु करते देख गौतम भी अपने आप को रोक नहीं पाया और उसने कविता को अपनी गोद से उठा कर फिर से उसके दोनों पैर अपने दोनों तरफ करके बिठा लिया
इस तरीके से कविता की चूत ठीक गौतम के लंड के सामने थी कविता ने अपने हाथों से गौतम के लंड को पकड़ कर अपनी चूत से भिड़ा कर गौतम की गोद पर झटके साथ बैठ गई और गौतम का लंड कविता की चूत के अन्दर चला गया कविता अब गौतम की गोद पर बैठ कर अपने चूतड़ उठा उठा कर गौतम के लंड का धक्का अपनी चूत पर लेने लगी
कमरे में सिर्फ फस्सह फस्सह की आवाज गूंज रही थी और उसके साथ साथ सुमन और कविता की सिसकियां रमेश थोड़ी देर तक सुमन की चूत पीछे से लंड डाल कर चोदता रहा थोड़ी देर के बाद उसने अपनी एक अंगुली में थूक लग कर सुमन की गांड में अंगुली करने लगा अपनी गांड में रमेश की अंगुली घुसते ही सुमन ओह ओह आह कर उठी saas ko choda kahani
उसने रमेश से बोला क्या बात है अब मेरी गांड पर भी तुम्हारी नज़र पड़ गई है अरे पहले मेरी चूत की आग को शान्त करो फिर मेरी गांड की तरफ देखना लेकिन रमेश अपनी अंगुली सुमन की गांड के छेद पर रख कर धीरे धीरे घुमाने लगा थोड़ी देर के बाद रमेश ने अपनी अंगुली सुमन की गांड में घुसेड़ दी और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा
सुमन भी अपना हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत की घुण्डी को सहलाने लगी जब अपनी थूक और अंगुली से रमेश ने सुमन की गांड का छेद काफी गीला कर लिया तब रमेश ने अपने लंड पर थूक लगाकर सुमन की गांड के छेद पर रखा अपनी गांड में रमेश का लंड छूते ही सुमन बोल पड़ी अरे अरे क्या कर रहे हो
मुझे अपनी गांड नहीं चुदवाना है मुझे मालूम है कि गांड मरवाने से बहुत तकलीफ़ होती है हटो रमेश हटो अपना लंड मेरी गांड से हटा लो लेकिन तब तक रमेश ने अपना खड़ा हुअ लंड सुमन की गांड के छेद पर रख कर दबाने लगा था और थोड़ी से देर के बाद रमेश के लंड का सुपारा सुमन की गांड के छेद में घुस गया saas ko choda kahani
सुमन चिल्ला पड़ी उईमा मर गई मार डालाआआ ओह ओह रमेश निकाल लो अपना लंड बाहर आह आह आह मर गई आह उह ओह आह लेकिन रमेश कहां सुनने वाला था वो अपनी कमर घुमाकर के और अपना लंड को हाथ से पकड़ के एक धक्का मारा तो उसका आधा लंड सुमन की गांड में घुस गया सुमन छटपटाने लगी
थोड़ी देर के बाद रमेश थोड़ा रुक कर एक धक्का और मारा तो उसका पूरा का पूरा लंड सुमन की गांड में घुस गया और वो झुक कर एक हाथ से सुमन की चूची सहलाने लगा और दूसरे हाथ से सुमन की चूत में अंगुली करने लगा लेकिन सुमन मारे दर्द के छटपटा रही थी और बोल रही थी
अबे साले भड़वे गौतम देखो तुम्हारे सामने तुम्हारी बीवी की गांड कैसे तुम्हारा दोस्त जबरदस्ती से मार रहा है तुम कुछ करते क्यों नहीं अब मेरी गांड आज फट जायेगी लग रहा है आज यह चोदु रमेश मेरी गांड मार मार कर मेरी गांड और बुर एक कर देगा गौतम प्लीज तुम रमेश से मुझे बचाओ saas ko choda kahani
तब रमेश अपनी अंगुलियों से सुमन की चूत में अंगुली करते हुए सुमन से बोला अरे सुमन रानी बस थोड़ी देर तक सबर करो फिर देखना आज गांड मरवाने ने तुम्हे कितना मजा मिलता है आज मैं तुम्हारी गांड मार कर तुम्हारी चूत का पानी निकालूगा बस तुम ऐसे ही झुक कर खड़ी रहो
रमेश की बात सुन कर गौतम अपना लंड से कविता की चूत चोदता हुअ सुमन से बोला रानी आज तुम रमेश का मोटा लंड अपनी गांड में डलवा कर खूब मज़े उड़ाओ मैं भी अभी अपना लंड रमेश की नई बीवी की गांड में घुसेड़ता हूं और फिर कविता की गांड मारता हूं मैं कविता की गांड मार कर तुम्हारी गांड मारने का बदला निकलता हूं
कविता जैसे ही गौतम की बात सुनी तो बोल पड़ी अरे वाह क्या हिसाब है रमेश आज मौका पा कर सुमन की गांड मार रहा है और उसकी कीमत मुझे अपनी गांड मारवा कर चुकनी पड़ेगी नहीं मैं तो अपनी गांड में लंड नहीं पिलवाती गौतम तुम मेरी गांड के बजाय रमेश की गांड मार कर अपना बदला निकालो saas ko choda kahani
गौतम तब कविता से बोला नहीं मेरी चुद्दकड़ रानी जिस तरह से रमेश मेरी बीवी की गांड में अपना लंड घुसेड़ कर मेरी बीवी की गांड मार रहा है मैं भी उसी तरह से रमेश की बीवी की गांड में अपना लंड घुसेड़ कर रमेश की बीवी की गांड मारुंगा और तभी मेरा बदला पूरा होगा
इतना कह कर गौतम ने अपना लंड कविता की चूत से निकाल लिया और उस पे फिर से थोड़ा थूक लगा कर कविता की गांड से भिड़ा दिया कविता अपनी कमर इधर उधर घुमाने लगी लेकिन गौतम ने अपने हाथों से कविता की कमर पकड़ कर अपना लंड का आधा सुपारा कविता की गांड के छेद में डाल दिया कविता दर्द के मारे छटपटाने लगी
कविता अपनी गांड से गौतम के लंड को निकालने की कोशिश कर रही थी और गौतम अपने लंड को कविता की गांड में घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था इसी दौरान गौतम ने एक बार कविता की कमर को कस कर पकड़ लिया और अपनी कमर हिला कर एक धक्का मारा तो उसके लौड़े का सुपारा कविता की गांड के छेद में घुस गया saas ko choda kahani
फिर गौतम ने जलदी से एक और जोरदार धक्का मारा तो उसका पूरा का पूरा लंड कविता की गांड में घुस गया और गौतम की झांटे कविता की चूतड़ को छूने लगी अपनी गांड में गौतम का लंड घुसते ही कविता जोर से चीखी और चिल्ला कर बोली साले बहनचोद दूसरे की बीवी की गांड मुफ्त में मिल गई तो क्या उसको चोदना जरूरी है?
भोसड़ी के निकाल अपना मूसल जैसा लंड मेरी गांड से और जा अपना लंड अपनी मां की गांड में यां उसकी बुर में घुसा दे अरे रमेश तुमहे दिख नहीं रहा है तुम्हारा दोस्त मेरी गांड फाड़ रहा है? अरे कुछ करो भी रोको गौतम को नहीं तो गौतम मेरी गांड मार मार कर मुझे गांडु बना देगा फिर तुम भी मेरी चूत छोड़ कर के मेरी गांड ही मारना
रमेश अपना लंड सुमन की गांड में अन्दर बाहर करते कविता से बोला अरे रानी क्यों चिल्ला रही हो गौतम तुम्हे अभी छोड़ देगा और 1-2 बार गांड मरवाने से कोइ गांडु नहीं बन जाता है देखो ना मैं भी कैसे गौतम की बीवी की गांड में अपना लंड अन्दर बहर कर रहा हूं तुमको अभी थोड़ी देर के बाद गांड मारवने में भी बहुत मजा मिलेगा saas ko choda kahani
बस चुपचाप अपनी गांड में गौतम का लंड पिलवाती जाओ और मजा लूटो इतना सुनते ही गौतम ने अपना हाथ आगे बढा कर कविता की एक चूची पकड़ कर मसलने लगा और अपना कमर हिला हिला कर अपना लंड कविता की गांड में अन्दर बाहर करने लगा थोड़ी देर बाद कविता को भी मजा आने लगा और वो अपनी कमर हिला हिला कर गौतम का लंड अपनी गांड से खाने लगी
थोड़ी देर के बाद रमेश और गौतम दोनों ही सुमन और कविता की गांड में अपने लंड की पिचकारी से भर दिया और सुस्त हो कर सोफे पर लेट गए इस तरह से रमेश और कविता जब तक गौतम और सुमन के घर पर रुके रहे तब तक दोनों दोस्त एक दूसरे की बीवीयों की चूत चोद चोद कर मजा मारते रहे कभी कभी तो दोनों दोस्त कविता या सुमन को एक साथ चोदते थे
एक बिस्तर पर लेट कर नीचे से अपना लंड चूत में डालता था और दूसरा अपना लंड ऊपर से गांड में डालता था कविता और सुमन भी हर समय अपनी चूत या गांड मरवाने के लिए तैयार रहती थी जब सब लोग घर के अन्दर रहते थे तो सभी नंगे ही रहते थे saas ko choda kahani
कविता और सुमन भी नंगी होकर ही चाय या खाना बनाती थी और जब भी रमेश या गौतम उनके पास अता था तो वो झुक कर उनका लंड अपने मुंह में भर कर चूसती थी और जैसे ही लंड खड़े हो जाते थे तो खुद अपने हाथों से खड़े लंड को अपनी चूत से भिड़ा कर खुद धक्का मार कर अपनी चूत में भर लेती थी
एक हफ्ते तक कविता और रमेश अपने दोस्त के घर बने रहे और फिर वापस अपने घर के लिए चल पड़े जब प्लेन में रमेश और कविता अपने घर के लिए जा रहे थे तो रमेश ने कविता से पूछा क्यों कविता रानी एक बात सही सही बातओ कौन ज्यादा अच्छा चोदता है मैं गौतम या पिताजी? रमेश की बात सुन कर कविता बिल्कुल अचम्भित हो गई
फिर उसने धीरे से पूछा पिता जी से चुदाई की बात तुमको कैसे मालूम? तुम तो अपनी सुहागरात पर ड्यूटी पर थे? तब रमेश धीरे से कविता को चूमते हुए बोला हां तुम ठीक कह रही हो मुझे उस दिन ड्यूटी पर जाना पड़ा जब मैं अपनी ड्यूटी से करीब एक घण्टे के बाद लौटा तो देखा तुम पिता जी का लंड पकड़ चूस रही हो और पिता जी तुम्हारी चूत में अपनी अंगुली पेल रहे है saas ko choda kahani
यह देख मैं चुपचाप कमरे के बहर खड़े होकर तुम्हारी और पिता जी की चुदाई खत्म होने वक्त तक देखा और फिर लौट गया और सुबह ही घर पर आया क्या तुम मुझसे नाराज़ हो कविता धीरे से रमेश से पूछा नहीं मैं तुम से बिल्कुल भी नाराज नहीं हूं
तुमने पिता जी को अपनी चूत देकर एक बहुत बड़ा उपकार किया है रमेश बोला कविता यह सुन कर बोली वो कैसे तब रमेश बोला अरे हमारी माता जी अब बुड्ढी हो गई है और उनको टांगे उठाने में तकलीफ होती है लेकिन पिता जी अभी भी जवान है उनको अगर घर पर चूत नहीं मिलती तो वो जरूर से बाहर जाकर अपना मुंह मारते
उसमे हम लोगो की बदनामी होती हो सकता कि पिता जी को कोई बिमारी ही हो जाती लेकिन अब यह सब नहीं होगा क्योंकि उनको घर पर ही तुम्हारी चूत चोदने को मिल जाया करेगी तो क्या मुझको पिता जी से घर में बार बार चुदवाना पड़ेगा? कविता ने पलट कर रमेश से पूछा saas ko choda kahani
नहीं बार बार नहीं लेकिन जब उनकी मरज़ी हो तुम उनको अपनी चूत देने से मना मत करना लेकिन अगर तुम्हारी माता जी ने देख लिया तो? कविता ने पूछा तब की बात तब देखी जायेगी रमेश ने कहा फिर कविता और रमेश अपने घर आ गये और वो अपने अपने कम पर लग गए
रमेश अब पूरी तरह से ड्यूटी करता और रात को कविता को नंगी करके खूब चोदता था गोविंद जी भी कभी कभी कविता को मौका देख चोद लेते थे फिर कुछ दिनो के बाद कविता और रमेश साथ साथ कविता के माइके गए ससुराल में रमेश का बहुत आव भगत हुअ कविता के जितने रिशतेदार थे उन सभी ने रमेश और कविता को खाने पर बुलया
रमेश और कविता को मज़े ही मज़े थे अपने ससुराल पर भी रमेश कविता को रात को 2-3 दफा जरूर चोदता था और कभी मौका मिल गया तो दिन को भी कविता की बिसतर पर लेटा कर चुदाई चालू कर देता था एक दिन रमेश पास की किसी दुकन पर गया हुआ था कविता कमरे में बैठ कर पेपर पढ़ रही थी एकाएक कविता को अपनी मां माया जी के रोने की अवाज़ सुनाई दी saas ko choda kahani
कविता भाग कर अन्दर गई तो देखा कि माया जी भगवान जी की फोटो सामने खड़ी खड़ी रो रही है और भगवान जी से बोल रही है भगवन तुमने यह क्या किया तुम मेरे पति को इतनी जल्दी क्यों उठा लिया और अगर उनको उठा लिया तो मेरे बदन में इतनी गर्मी क्यों भर दी
अब मैं जब जब अपनी लड़की और दामाद की चुदाई देखती हूं तो मेरे शरीर में आग लग जती है अब क्या करूं? कोइ रास्ता तुम्ही दिखला दो मैं अपने गर्म शरीर से बहुत परेशान हो गई हूं कविता समझ गई कि क्या बात है वो झट अपनी मां के पास जकर मां को अपनी बाहों में भर लिया और पीछे से चूमते हुए बोली
मां तुमको इतना दुख है तो मुझसे क्यों नहीं बोली? माया जी अपने आपको कविता से चुराते हुए बोली मैं अगर तुझे बता भी दूं तो तू क्या कर लेती? तुम भी तो मेरी ही तरह से एक औरत हो? अरे मुझसे कुछ नहीं होता तो क्या तुम्हारा दामाद तो है? तुम्हारा दामाद ही तुमको शान्त कर देगा कविता अपनी मां को फिर से पकड़ कर चूमते हुए बोली saas ko choda kahani
क्या बोली तू अपने दामाद से मैं अपने जिस्म की भूख शान्त करवाऊंगी? तेरा दिमाग तो ठीक है? माया जी अपनी बेटी कविता से बोली तब कविता अपने हाथों से अपनी मां की चूची को पकड़ कर दबाते हुए बोली इसमे क्या हुआ? तुम जिस्म की भूख से मरी जा रही हो और तुम्हारा दामाद तुम्हारे जिस्म की भूख को नहीं मिटा सकता है क्या?
अगर तुम्हारी जगह मैं होती तो मैं अपने दामाद के समने खुद लेट जाती और उससे कहती आओ मेरे प्यारे दामाद जी मेरे पास आओ और मेरे जिस्म की आग बुझाओ चल हट बड़ी चुद्दकड़ बन रही है मुझे तो यह सोच कर ही शरम आ रही है कि मैं अपने दामाद के सामने नंगी लेट कर अपनी टांगे उठवाऊंगी और वो मेरी चूत में अपना लंड पेलेगा माया जी मुड़ कर अपनी बेटी की चूची को मसलते हुए बोली
तभी रमेश जो कि बाहर गया हुआ था कमरे में घुसा और घुसते हुए उसने अपनी बीवी और सास की बातों को सुन लिया रमेश ने आगे बढ कर अपनी सास के सामने घुटने के बल बैठ गया और अपनी सास के चूतड़ों को अपने हाथों से घेर कर पकड़ते हुए सास से बोला मां आप क्यों चिन्ता कर रही है मैं हूं ना? saas ko choda kahani
मेरे रहते हुए आपको अपने जिस्म की भूख की चिन्ता नहीं करनी चाहिए अरे वो दामाद ही बेकार का है जिसके होते हुए उसकी सास अपने जिस्म की भूख से पागल हो जाए नहीं नहीं छोड़ो मुझे मुझे बहुत शरम आ रही है माया जी ने अपने आप को रमेश से छुड़ाते हुए बोली
तभी कविता ने आगे बढ कर अपनी मां की चूची को पकड़ कर मसलते हुए कविता अपनी मां से बोली क्यों बेकार की शरम कर रही हो मां मान भी जाओ अपने दामाद की बात और चुपचाप जो हो रहा उसे होने दो तब थोड़ी देर चुप रहने के बाद माया जी अपनी बेटी की तरफ देख कर बोली ठीक है जैसे तुम लोगो कि मरज़ी
लेकिन एक बात तुम दोनों कान खोल कर सुन लो मैं अपने दामाद के सामने बिल्कुल नंगी नहीं हो पाऊंगी आगे जैसा तुम लोग चाहो इतना सुन कर रमेश मुसकुरा कर अपने सास से कहा अरे सासु मां आप को कुछ नहीं करना है जो कुछ करना मैं ही करुंगा बस आप हमारा साथ देती जाए saas ko choda kahani
फिर रमेश उठ कर खड़े हो गया और अपनी सास को अपनी दोनों बाहों में जकड़ कर चूमने लगा माया जी चुपचाप अपने आप को अपने दामाद की बाहों में छोड़ कर खड़ी रही थोड़ी देर तक अपनी सास को चूमने के बाद रमेश ने अपने हाथों से अपनी सास की चूची पकड़ कर दबाने लगा
अपनी चूची पर दामाद का हाथ पड़ते ही माया जी मारे सुख के बिलबिला उठी और बोलने लगी और जोर से दबाओ मेरी चूंचियो को बहुत दिन हो गए किसी ने इस पर हाथ नहीं लगाया है मुझे अपने दामाद से चूची मसलवाने में बहुत मजा मिल रहा है और दबाओ आ बेटी तू भी आ मेरे पास आजा और मेरे इन चूची से खेल
अब रमेश फिर से अपनी सास के पैरों के पास बैठ गया और उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी चूत को चूमने लगा माया जी अपनी चूत के ऊपर अपने दामाद के मुंह लगते ही बिलबिला उठी और जोर जोर से सांस लेने लगी saas ko choda kahani
रमेश भी उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी चूत को चूमता रहा थोड़ी देर के बाद माया जी से सहा नहीं गया और खुद ही अपने दामाद से बोली अरे अब कितना तड़पाओगे तुम्हे चूत में अंगुली या जीभ घुसानी है तो ठीक तरीके से घुसाओ साड़ी के ऊपर से क्या कर रहे हो?
अपनी सास की बात सुन कर रमेश बोला मैं क्या करता आपने ही कहा था आप साड़ी नहीं उतारेंगे इसि लिए मैं आपकी साड़ी के ऊपर से ही आपकी चूत चूम रहा हूं वो तो ठीक है लेकिन तुम मेरी साड़ी उठा कर भी तो मेरी चूत का चुम्मा ले सकते हो? माया जी ने अपने दामाद से बोली
अपनी सास की बात सुनते ही रमेश ने जल्दी से अपनी सास की साड़ी को पैरों के पास से पकड़ कर ऊपर उठाना शुरु कर दिया और जैसे ही साड़ी माया जी की जांघो तक उठ गई तो माया जी मारे शरम के अपना चेहरा अपने हाथों से ढक लिया और अपने दामाद से बोली अब बस भी करो और कितना साड़ी उठाओगे saas ko choda kahani
अब मुझे शरम आ रही है अब तुम अपना सर अन्दर डाल कर मेरी चूत को चूम लो लेकिन रमेश अपनी सास की बात को अनसुनी करते हुए माया जी की साड़ी को उनकी कमर तक उठा दिया और उनकी नंगी चूत पर अपना मुंह लगा कर चूत को चूम लिया थोड़ी देर तक माया जी की नंगी चूत को चूम कर
रमेश अपनी सास की चूत को गौर से देखने लगा और अपनी अंगुलियों से उनकी चूत की पत्तियों और दाने से खेलने लगा रमेश की हरकतों से माया जी गर्मा हो गई और उनकी सांस जोर जोर से चलने लगी अपनी मां की हालत देख कर कविता आगे बढ कर अपनी मां की चूंचियो से खेलने लगी और धीरे धीरे उनकी ब्लाऊज के बटन खोलने लगी
माया ने अपने हाथों से अपने ब्लाऊज को पकड़ते हुए अपने बेटी से पूछने लगी क्या कर रही हो? मुझे बहुत शरम आ रही है छोड़ दे बेटी मुझको कविता ने अपना काम जारी रखते हुए अपनी मां से बोली अरे मां जब तुम अपने दामाद का मूसल अपने चूत में पिलवाने जा रही हो तो फिर अब शरम कैसी? saas ko choda kahani
खोल दे अपने इन कपड़ों को और पूरी तरह से नंगी हो कर मेरे पति के लंड का सुख अपनी चूत से लो छोड़ो अब मुझको तुम्हारे कपड़े खोलने दो इतना कह कर कविता ने अपनी मां का ब्लाऊज ब्रा साड़ी और फिर उनकी पेटीकोट भी उतार दिया अब माया जी अपने दामाद के समने बिल्कुल नंगी खड़ी थी
रमेश अपने नंगी सास को देखते ही उन पर टूट पड़ा और एक हाथ से उनकी चूंचियो को मलता रहा और दूसरे हाथ से उनकी चूत को मसलता रहा माया जी भी गर्म हो कर अपने दामाद का कुरता और पैजामा उतार दिया फिर झुक कर अपने दामाद का अन्डरवियर भी उतार दिया अब सास और दामाद दोनों एक दूसरे के सामने नंगे खड़े थे
जैसे ही माया जी ने रमेश का मोटे मस्त लंड को देखा माया जी अपने आप को रोक नहीं पाई और झुक कर उस मस्त लंड अपने मुंह में भर कर चूसने लगी कविता भी चुपचाप खड़ी नहीं थी वो अपनी मां के चूतड़ की तरफ बैठ कर उसकी चूत से अपना मुंह लगा दिया और अपनी मां की चूत को चूसने लगी saas ko choda kahani
माया जी अपने दामाद का मोटा लंड अपने मुंह में भर कर चूसने लगी और कभी कभी उसको अपने जीभ से चाटने लगी लंड को चाटते हुए माया जी ने अपने दामाद से बोली हाय रमेश तुमहरा लंड तो बहुत मोटा और लम्बा है पता नहीं कविता पहली बार कैसे इसको अपनी चूत में लिया होगा चूत तो बिल्कुल फट गई होगी?
मेरा तो मुंह दर्द होने लगा इतना मोटा लंड चूसते चूसते वैसे मुझे पता था कि तुमहरा लंड इतना शानदार है कैसे? रमेश ने अपनी सास की चूची को दबाते हुए पूछा तब माया जी बोली कैसे क्या? तुम जब मेरे घर में अपने शादी के बाद आये थे और रोज दोपहर और रात को कविता को नंगी करके चोदते थे तो मैं खिड़की से झांका करती थी और तुम्हारी चुदाई देखा करती थी
उन दिनो से मैं जानती थी कि तुम्हारे लंड का साईज़ क्या है और तुम कैसे चूत चाटते हो और चोदते हो तब रमेश ने अपनी सास की चूची को मसलते हुए पूछा क्या मांजी आपके पति यानि मेरे ससुर जी का लंड इतना मोटा और लम्बा नहीं था? नहीं कविता के पापा का लंड इतना मोटा और लम्बा नहीं था और उनमे सेक्स की भावना बहुत ही कम थी saas ko choda kahani
इस लिए वो मुझको हफ़्ते में केवल 1-2 बार ही चोदते थे माया जी ने बोला थोड़ी देर के बाद रमेश ने अपनी सास को बिस्तर पर लेटा कर उसकी चूत से अपना मुंह लगा दिया और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरु कर दिया चूत में जैसे ही रमेश की जीभ घुसी तो माया जी अपनी कमर उचकाते हुए बोली उम्मम्म अह्हह ऊइ मां राजा अभी छोड़ो ना क्यूं तड़पाते हो
मैं जल रही हूं तुम्हारा लंड मुझे चूसना है तुम्हारा लंड तो घोड़े जैसे है मुझे डर लग रहा है जब तुम मेरे अन्दर मेरी चूत में डालोगे तो मेरी चूत तो फट जायेगी मेरी चूत का छेद बहुत छोटा है और ज्यादा चुदी भी नहीं है आज तुम पहली बार मेरी चूत में अपना लंड डालने जा रहे हो आराम से डालना और बड़े प्यार से मेरी चूत को चोदना
तब रमेश ने अपना लंड अपनी सास की चूत पर लगाते हुए बोला कोई बात नहीं मांजी आपकी चूत को जो भी कमी पहले थी अब उसको मैं पूरा करुंगा मैं अब रोज़ आपकी और आपकी बेटी को एक ही बिस्तर पर लेटा कर आप लोगों की चूत चोदुंगा saas ko choda kahani
यह सुनते ही कविता अपनी मम्मी से बोली मां अब तो तुम खुश हो? अब से रोज़ तुम्हारा दामाद तुमको और मुझको नंगी करके हमारी चूत चोदेगा हां अगर तुम चाहो तो तुम अपनी गांड में भी अपने दामाद का लंड पिलवा सकती हो इतना कह कर कविता ने रमेश से बोली मेरे प्यारे पति अब क्यों देर कर रहे हो
जल्दी से अपना यह खड़ा लंड मेरी मां की चूत में पेल दो और उनको तबियत के साथ खूब चोदो देख नहीं रहे हो कि मेरी मां तुम्हारा लंड अपनी चूत में पिलवाने के कितनी बेकरार है लाओ मैं ही तुम्हारा लंड पकड़ कर पानी मां की चूत में घुसेड़ देती हूं और कविता ने अपने हाथों से पकड़ कर रमेश का लंड उसकी सास की चूत पर लगा दिया
रमेश का लंड चूत से लगते ही माया जी ने अपनी कमर हिलाना शुरु कर दिया और रमेश ने भी अपनी कमर हिला कर अपना लंड अपनी सास की चूत में डाल दिया माया जी की चूत अपने पति के देहान्त के बाद से चुदी नहीं थी और इस लिए बहुत टाईट थी और उसमे अपना लंड डालने में रमेश को बहुत मजा मिल रहा था saas ko choda kahani
माया जी भी अपने दामाद का लंड अपनी चूत में पिलवा कर सातवें आसमान पर पहुंच गई थी और वो बड़बड़ा रही थी आआअह ऊऊह आराम से डालो यार मेरी चूत ज्यादा खुली हुई नहीं है प्लीज पूरा लंड मत डालो नहीं तो मेरी चूत फट जायेगी उई मां मर गई ओह आह मेरी चूत फाड़ दो हां ज़ोर से और जोर से
मादरचोद रमेश आज मेरी चूत फाड़ दो आआअह आआह ऊऊह जोर से डालो और जोर से डालो आज जितना ज्यादा मेरी चूत के साथ खेल सकते हो खेलो राजा यह लंड पूरा मुझे दे दो मैं इस के बिना नहीं रह सकती हूं पूरा लंड डालो उम्मम्मम आआह आआह उम्मम्मम आआह चूत में गुड उम्मम्म अह अह अह ओह्ह ओह नो
मैं चूत खाज से मरी जा रही हूं मुझे जोर जोर से धक्के मार मार कर चोदो थोड़ी देर के बाद माया जी ने अपने दामाद को अपने चारों हाथ और पैर से बांध कर बोली आआअह आआह उम्मम्म चोदो मुझे जोर से उम्मम्म उफ़ मादरचोद बहुत मजा आ रहा है प्लीज रुकना नहीं ओह मुझे रगड़ कर चोदो जोर से चोदो saas ko choda kahani
अपना लंड पूरा मुझको दे दो तुम जैसा कहोगे मैं वैसा ही करूंगी लेकिन मुझे और चोदो तुम बहुत अच्छा चोदते हो मुझे ही आज बहुत ज्यादा चोदो बहनचोद तुम्हारा लंड तो तुम्हारे ससुर से भी बड़ा है चोदो मुझे नहीं तो मैं मर जाऊंगी अभी तो तुमने मेरी गांड भी मारनी है
थोड़ी देर तक माया जी की चूत चोदने के बाद रमेश ने अपनी सास से पूछा मां जी मेरी चुदाई आप को कैसी लग रही है? माया अपने दामाद के लंड से धक्के अपनी चूत में खाती हुई बोली मेरे प्यारे दामाद जी बहुत अच्छा लग रहा है मुझे तुम्हारी चुदाई बहुत अच्छी लग रही है तुम चूत चोदने में बहुत ही माहिर हो
बड़ा मजा आ रहा है मुझे तुमसे चुदवाने में डियर ऊओह्हह्ह डियर तुम बहुत अच्छा चोदते हो आआह्हह ऊऊह्हहह्हह्ह ऊऊओफफ फुदी मारने में तुम बहुत एक्सपर्ट हो तुम्हे मालूम है कि कैसे किसी औरत की चूत की चुदाई की जाती है और तुम्हे यह भी मालूम है कि एक औरत को कैसे कैसे सुख दिया जा सकता है saas ko choda kahani
यूं ही हां डियर यूं ही चोदो मुझे बस चोदते जाओ मुझे अब कुछ नहीं पूछो आज जी भर के चोदो मुझे डियर हां डियर जम कर चुदाई करो मेरी तुम बहुत अच्छे हो बस यूं ही चुदाई करो मेरी ऊऊह्हहह खूब चोदो मुझे और रमेश अपनी सास को अपनी पूरी ताकत के साथ चोदता रहा
रमेश अपनी सास की बात सुन सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और जोर जोर से अपने सास की चूत में अपना लंड पेलने लगा थोड़ी देर के बाद रमेश को लगा कि अब वो झड़ने वाला है तो उसने अपनी सास से बोला सासु मां मैं झड़ने जा रहा हूं तो माया जी बोली राजा प्लीज मेरी चूत के अन्दर ही झड़ो
रमेश अपना लंड पूरा का पूरा अपनी सास की चूत में लंड ठूस कर लंड की पिचकरी छोड़ दी थोड़ी देर के बाद माया जी भी बिसतर पर से उठ खड़ी हुई और सीधे बाथरूम में जा कर घुस गई थोड़ी देर के बाद अपनी चूत धो धा कर माया जी फिर से कमरे घुसी और मुसकुरा कर अपने दामाद से बोली हाय मेरे राजा आज तो तुमने कमाल ही कर दिया saas ko choda kahani
तुम तो सिरफ एक बार झड़े लेकिन मैं तुम्हारी चुदाई से तीन बार झड़ी हूं इतनी जोरदार चुदाई मैंने कभी नहीं की मेरी चूत तो अब दुख रही है तभी कविता जो कि अपने पति और अपनी मां की चुदाई देख रही थी बोली मां अपने दामाद का लंड अपनी चूत में पिलवा कर मजा आया? मेरी शादी की पहली रात तो मैं बिल्कुल मर सी गई थी और अब इस लंड से बिना चुदवा कर मुझे तो रात को नीद ही नहीं आती
मैं रोज़ कम से कम एक बार इस मोटे तगड़े लंड से अपनी चूत जरूर चुदवती हूं या अपनी गांड मरवाती हूं तभी रमेश ने अपनी सास को अपनी बाहों में भर कर बोला मां जी एक बार और हो जाये आपकी चूत की चुदाई मैं जब कम से कम 2 या 3 बार नहीं चोद लेता हूं मेरा मन ही नहीं भरता है
माया जी बोली अरे थोड़ा रुको मेरी चूत तुम्हारी चुदाई से तो अब तक कुलबुला रही है अब तुम एक बार कविता की चूत चोद डालो नहीं मां जी मैं तो इस वक्त आपकी चूत या गांड में अपना पेलना चाहता हूं आपकी लड़की की चूत तो मैं रोज़ रात को चोदता हूं मुझे तो इस समय आपकी चूत या गांड चोदने की इच्छा है saas ko choda kahani
तब कविता अपनी मां से बोली मां चुदवा लो ना और एक बार अगर चूत बहुत ही कुलबुला रही है तो अपनी गांड में ले लो अपने दामाद का लंड कसम से बहुत मजा मिलेगा तब माया जी बोली ठीक है जब तुम दोनों की यही इच्छा है तो यह लो मैं एक बार फिर से चुदवा लेती हूं लेकिन इस बार मैं गांड में रमेश का लंड लेना चाहती हूं
2 मिनट रुक जओ मुझे बहुत प्यास लगी है मैं अभी पानी पीकर आती हूं तब कविता अपनी मां से बोली अरे मां रमेश का लंड बहुत देर से खड़ा है और आप पानी पीने जा रही हो? इस बिस्तर पर लेटो मैं तुमहरी प्यास अपनी मूत से बुझा देती हूं इतना सुनते ही माया जी बोली ठीक है ला अपना मूत ही मुझे पिला
मैं प्यास से मरी जा रही हूं और वो बिसतर पर लेट गई मां को बिस्तर पर लेटा देख कर कविता भी बिस्तर पर चढ गई और अपने दोनों पैर मां के सर के दोनों तरफ करके बैठ गई और अपनी चूत माया जी के मुंह से भिड़ा दिया माया जी ने भी अपना मुंह खोल दिया मुंह खुलते ही कविता ने पिशाब की धार अपनी मां के मुंह पर छोड़ दी और माया जी अपनी बेटी की मूत बड़े चाव से पीने लगी saas ko choda kahani
पिशाब पूरा होने पर कविता अपनी मां के ऊपर से उठ खड़ी हो गई और माया जी के बगल में जाकर बैठ गई तब रमेश ने अपने सास की बाहों को पकड़ कर उनको बिस्तर पर उल्टा लेटा दिया और उनकी कमर को पकड़ कर उनके चूतड़ को उपर कर दिया जैसे माया जी घोड़ी सी बन कर बिस्तर पर आसन लिया
रमेश ने अपने मुंह से थोड़ा सा थूक निकाल कर अपने सास की गांड पर लगा दिया और अपने लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी सास की गांड के छेद पर लगा दिया माया जी तब अपने हाथों से अपनी बेटी की चूची को मसलते हुए बोली रमेश मेरे राजा मैंने आज तक कभी गांड नहीं चुदवाई है और मुझको पता है कि गांड मरवाने में पहले बहुत दर्द होता है
इस लिए तुम आराम से मेरी गांड में अपना लंड डालना जैसे ही रमेश ने जोर लगा कर अपना लंड का सुपारा अपनी सास की गांड में घुसेड़ा तो माया जी चिल्ला उठी आआह ऊऊह आआह क्या कर रहा हो मैं मार जाऊंगी राजा तुम तो मेरी गान्ड फाड़ कर रख दोगे मैंने पहले कभी गांड नहीं मरवाई है प्लीज़ मेरे लल्ला आहिस्ता से करो saas ko choda kahani
अपनी मां को चिल्लाते देख कविता रमेश से बोली क्या कर रहे हो धीरे धीरे आराम से पेलो ना अपना लंड देख नहीं रहे हो मेरी मां मरी जा रही है मां कोई भागी थोड़ी ना जा रही है रमेश इतना सुन कर अपनी बीवी से बोला क्यों चिन्ता कर रही हो तुमको अपनी बात याद नहीं जब मैंने पहली बार अपना लंड तुम्हारी गांड में पेला था
तो तुम कितना चिल्लाई थी और बाद में तुम्ही मुझसे बोल रही थी और जोर से पेलो पेलो जितना ताकत है फाड़ दो मेरी गांड मुझको बहुत मजा मिल रहा है और मैं तो अब से रोज तुमसे अपनी गांड में लंड पिलवाऊंगी कविता अपने पति की बात सुन कर अपनी मां से बोली मां थोड़ा सा सबर करो अभी तुम्हारी गांड का दर्द खतम हो जयेगा और तुमको बहुत मजा मिलेगा
रमेश जैसा लंड पेल रहा है उसको पेलने दो तब माया जी बोली वो तो ठीक है लेकिन अभी तो लग रहा था कि मेरी गांड फटी जा रही है और मुझको अब पिशाब भी करना है रमेश अपनी सास की बात सुन कर कविता से बोला कविता तुम जलदी से किचन में से एक जग लेकर आओ और उसको अपनी मां की चूत के नीचे पकड़ो saas ko choda kahani
कविता जल्दी से किचन में से एक जग उठा कर लाई और उसको अपनी मां की चूत के नीचे रख कर मां से बोली लो अब मूतो मेरी प्यारी मां तुम भी मां एक अजीब ही हो उधर तुम्हारे दामाद ने अपना लंड तुम्हारी गांड में घुसेड़ रखा है और तुमको पिशाब करना है माया जी कुछ नहीं बोली और अपने एक हाथ से जग को अपनी चूत के ठीक नीचे लकर चर चर करके मूतने लगी
राजनी को वाकई ही बहुत पिशाब लगी थी क्योंकि जग करीब करीब पूरा का पूरा भर गया था जब माया जी का पिशाब रुक गया तो कविता ने जग हटा लिया और जग को उठा कर अपने मुंह से लगा कर अपनी मां का पिशाब पीने लगी यह देख कर रमेश माया जी से बोला अरे क्या कर रही हो थोड़ा मेरे लिए भी छोड़ देना
मुझको भी अपने सेक्सी सास की चूत से निकला हुआ मूत पीना है कविता तब बोली चिंता मत करो मैं तुम्हारे लिए आधा जग छोड़ देती हूं थोड़ी देर के बाद माया जी अपने दामाद से बोली बेटा मैं फिर से तैयार हूं तुम मुझे आज एक रण्डी की तरह चोदो मेरी गांड फाड़ दो मैं बहुत ही गर्म हो गई हूं saas ko choda kahani
मेरी गांड भी मेरी चूत की तरह बिल्कुल प्यासी है अभी लो मेरी सेक्सी सासु मां मैं अभी तुम्हारी गांड अपने लंड की चोटों से फाड़ता हूं और यह कह कर रमेश ने अपना लंड फिर से अपने सास की गांड में पेल दिया गांड में लंड घुसते ही माया जी फिर जोर से चिल्लने लगी हाय फाड़ डाला रे मेरी गांड फाड़ डाला रे अरे कोई मुझे बचाओ रे
मेरा दामाद और मेरी बेटी दोनों मिल कर मेरी गांड फाड़ डाली तब कविता अपनी मां से बोली अरे मां क्यों एक रण्डी की तरह चिल्ला रही हो चुप हो जाओ और चुपचाप अपने दामाद से अपनी गांड में लंड पिलवाती रहो थोड़ी देर के बाद तुमको बहुत मजा मिलेगा
अपनी बेटी की बात सुन कर माया जी चुप हो गई लेकिन फिर भी उसकी मुंह से तरह तरह की आवाजे निकल रही थी
आआह्हह्ह उह्ह्ह ऊऊउफफफ ईईइस्सा स्सास्सह्हह्हह ऊऊओह्हह आआह्हह उफ्फ यह लंड बहुत मोटा और लम्बा है ऊऊओमम्म्मा आआह्हह है मैं मरी जा रही हूं ऊऊउह्हहह्हह प्लीज़ आआअ उफफ्फ धीरे जरा धीरे पेलो मैं मरी जा रही हूं अरे बेटी अपने पति से बोल ना कि वो जरा मेरी गांड में अपना लंड धीरे धीरे पेले saas ko choda kahani
मुझे तो लग रहा कि मेरी चूत और गांड दोनों एक हो जायेंगी थोड़ी देर के बाद रमेश अपना हाथ अपनी सास के सामने ले जकर उनकी चूत को सहलाने लगा और फिर अपनी अंगुलियों से उनकी चूत की घुण्डी को पकड़ कर मसलने लगा अपनी चूत पर रमेश का हाथ पड़ते ही माया जी बिलबिला उठी और अपनी कमर हिला हिला कर रमेश के लंड पर ठोकर मारने लगी
यह देख कर रमेश ने कविता से कहा देख तेरी रण्डी मां कैसे अपनी कमर हिला कर मेरे लंड को अपनी गांड में पिलवा रही है क्या तुम्हारी यही मां अभी थोड़ी देर पहले अपनी गांड मरवाने पर नहीं चिल्ला रही थी? यह सुन कर कविता बोली ओह्ह रमेश क्या बात है देखो मेरी मां क्या मज़े से अपनी गांड से तुम्हारा लंड खा रही है
देखो मेरी मां कैसे गांड मरवा रही है मारो मारो रमेश मेरी मां की गांड में अपना लंड खूब जोर जोर से पेलो इसके पूरे बदन में लंड के लिए खुजली भरी पड़ी है चोदो रमेश साली की गांड मारो बड़ी खुजली हो रही थी माया जी अपनी गांड में दामाद का लंड पिलवा कर सातवे आसमान पर थी और बड़बड़ा रही थी saas ko choda kahani
ओह्हह्ह देखो कविता मेरी बेटी तुम्हारी मां गांड में लंड लेकर चुदवा रही है तुम ने आखिर अपने मरद से मेरी चूत गांड चुदवा ही दी देखो साला रमेश कैसे चोद रहा है साला सच्चा मरद है डाल और डाल रे चोद मेरी गांड मार मेरी बेटी को दिखा आह्हह ऊह्हहह चोद चोद चोद उईई
रमेश अपनी बीवी और अपनी सास की बात सुनता जा रहा था और अपनी कमर हिला हिला कर अपनी सास की गांड में अपना लंड पेलता रहा थोड़ी देर तक माया जी की गांड मारने के बाद रमेश एक बार जोर से अपना पूरा का पूरा लंड माया जी की गांड घुसेड़ दिया और माया जी को जोर से अपने हाथों से जकड़ कर
अपना लंड का पानी अपने सास की गांड में छोड़ दिया झड़ने के बाद रमेश ने अपना लंड अपने सास की गांड से बाहर निकाल लिया saas ko choda kahani
कविता ने अपनी मां को प्यार से गले लगा लिया रमेश ने भी अपनी सासू मां के चरण स्पर्श किया और फिर तीनो साथ ही एक ही बिस्तर पर यह वादा करके लेट गए कि अब पूरे घर में ऐसा ही प्यार भरा माहौल बना रहे