पिछला भाग पढ़े :- सोनिया भाभी की लेली-1
तभी भाभी की चूत मेरे हाथ लग गई। अब मैंने झट से भाभी की चूत को पकड़ लिया और भाभी की चूत मसलने लगा। अब भाभी बेचारी उनकी चूत को बचाने के लिए कोशिश करने लगी। अब तो मेरे हाथ में भाभी के सारे सामान आ चुके थे। मैं भाभी के सभी सामानों को बुरी तरह से रगड़ रहा था। भाभी की चूत बहुत ज्यादा गर्म हो रही थी। मैं भाभी की चूत को उंगलिया डाल कर कुरेद रहा था।
अब भाभी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। तभी मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए भाभी का ब्लॉउज़ खोलना सही समझा। मैं भाभी के बलाऊज़ के हुक खोलने लगा। तभी भाभी मुझे रोकने लगी।
“यार रोहित, अब आगे कुछ मत कर। बात सिर्फ किस करने की हुई थी।”
“भाभी लोहा गर्म है। अब हथौड़ा मारने दो। आप समझ रही हो ना मेरी बात को?”
“लेकिन यार…”
“अब सारे नखरों को ताक में रख दो।”
तभी मैंने भाभी के बलाऊज के हुक खोल उनकी ब्रा को ऊपर सरका दिया, और फिर भाभी के बोबों को आज़ाद कर दिया। भाभी के बोबों को देखते ही मेरे मुंह में पानी आ गया। अब मैं भाभी के बोबों को मुट्ठियों में भर कर कसने लगा। अब भाभी दर्द से तड़पने लगी।
“आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह अआईईई सिससस्स आहा ओह रोहित।”
“ओह भाभी आह्ह बहुत ही मस्त बोबे है। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है इनको दबाने में तो।”
“ओह रोहित आह्ह धीरे-धीरे दबा यार। आह्ह बहुत दर्द हो रहा है।”
“दर्द में ही तो मज़ा आता है भाभी। आह्ह बहुत ही टाईट चूचे है, आह्ह।”
फिर मैंने भाभी के चूचों को बुरी तरह से निचोड़ डाला। अब दर्द के मारे भाभी के चेहरे की हवाइयां उड़ चुकी थी। मैंने भाभी के बोबों को मुंह में भरा, और फिर भाभी की गांड पकड़ कर उनके बोबे चूसने लग गया। आह, भाभी के बोबे चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था। भाभी मेरे बालों को सहला रही थी। मैं उनके खजाने को जम कर लूट रहा था।
“ओह भाभी! बहुत रस भरा है इनमें तो, आह्ह।”
भाभी आराम से मुझे उनके बोबों का रस पिला रही थी। मैं रगड़-रगड़ कर भाभी के बोबे चूस रहा था। भाभी अब उनके खजाने को फ्री कर चुकी थी। फिर थोड़ी देर में ही मैंने भाभी के बोबों को बुरी तरह से चूस डाला। अब मेने भाभी को उठा कर पलंग पर पटक दिया। अब मैं भाभी की टांगो में हाथ डाल कर उनकी चड्डी खोलने लगा। भाभी अब चुप थी।
तभी भाभी ने गांड ऊपर उठा दी, और फिर मैनें भाभी की चड्डी खोल फेंकी। अब मैंने मेरे सारे कपड़े खोल फेंके और नंगा हो गया। अब मैं भाभी की टांगे फैला कर उनकी चूत में लंड सेट करने लगा। भाभी की चूत एक-दम क्लीन थी। शायद भाभी ने दो चार दिन पहले ही चूत की फसल काटी होगी। भाभी मेरी तरफ तरस भरी निगाहों से देख रही थी।
“आराम से चोदना यार। तेरा लंड देख कर तो मुझे भी डर लग रहा है।”
“आराम से ही चोदूंगा भाभी। आप चिंता मत करो।”
अब मैंने भाभी की चूत में लंड सेट कर दिया। भाभी की चूत में लंड सेट होते ही मैंने ज़ोर से भाभी की चूत में लंड ठोक दिया। तभी मेरा लंड भाभी की टाइट चूत के अस्थि पंजर को तोड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। चूत में लंड का आगमन होते ही भाभी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
“आईईईई मम्मी मर्रर्रर्र गईईईई, आईईईईई आईईईईई ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई मर्रर्रर्रर्र गईईईई। प्लीज लंड बाहर निकाल।”
तभी मैंने लंड बाहर निकाला, और फिर से भाभी की चूत में लंड ठोक दिया। मेरा लंड फिर से भाभी की चूत की जड़ तक पहुंच चुका था। भाभी फिर से ज़ोर से चीख पड़ी।
“आईईईईई आईईईईई आईईईईई ओह मम्मी।”
अब मैं भाभी की टांगे पकड़ कर भाभी को झमाझम चोदने लगा। आह्ह कितना अच्छा लगता है जब लंड चूत में घुसता है तो। आह्ह! भाभी बुरी तरह से चिल्ला रही थी। भाभी की चीखे पूरे कमरे में गूंज रही थी।
“आईईईईई आईईईईई आह्ह आहा आह्ह आईईईईई आईईईई आह्ह आह्ह आहाहा।”
“ओह भाभी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह बहुत ही मस्त चूत है आपकी। मज़ा आ गया।”
“ओह आह्ह। सिससस्स आहा ओह रोहित धीरे-धीरे चोद यार, आह्ह आह्ह।”
“धीरे-धीरे ही चोद रहा हूं भाभी।”
मैं भाभी को बुरी तरह से चोद रहा था। भाभी की छोटी सी चूत पर मेरा मोटा तगड़ा काला लंड बहुत भारी पड़ रहा था। मेरा मोटा लंड भाभी की चूत की चटनी बना रहा था। मुझे तो भाभी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“आईईईई आईएईई आईईईई आह्ह आह्ह आह्ह धीरे धीरेरेरे आह्ह आह्ह।”
भाभी धीरे-धीरे चोदने के लिए बोल रही थी, लेकिन जब चूत मिलती है तो कौन धीरे-धीरे चोदता है यार? मैं तो भाभी को जम कर बजा रहा था। मेरे लंड के ताबड़-तोड़ धक्कों से भाभी बुरी तरह से हिल रहे थी। तभी भाभी की चीखे रुक सी गई और भाभी का पानी निकल गया। अब मेरा लंड भाभी के पानी में नहा गया। मैं फिर भी भाभी की जम कर ठुकाई कर रहा था।
“आह्ह आह्ह आईईईईई आह्ह आह्ह आह्ह ओह मम्मी आह्ह धीरे-धीरे आह्ह आह्ह।”
“आह्ह भाभी बहुत मज़ा आ रहा है। आहा आहा।”
मैं गांड हिला-हिला कर भाभी की चूत में लंड डाल रहा था। भाभी पलंग पर बुरी तरह से चुद रही थी। अब मैंने भाभी के पेटिकोट और साड़ी को खोल फेंका। अब भाभी नीचे से नंगी हो चुकी थी। मैंने भाभी को मुझसे चिपका लिया, और मैं भाभी को चिपका कर झमा-झम चोदने लगा। अब भाभी की टांगे हवा में लहरा रही थी।
“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आईईईई आईईईई।”
“ओह भाभी बहुत मस्त माल हो आप। आह, बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है आपको चोदने में आह्ह।”
“मैं भाभी के छेद में जम कर लंड पेल रहा था। भाभी के जिस्म से पसीने से अब मैं भी गीला होने लगा था। भाभी मेरी पीठ को सहला रही थी। वो मुझे बाहों में भर रही थी।
“आहा ओह सिससस्स आह्ह सिसस्ससस्स ओह रोहित आहा सिससस्स आह्ह बससस्स ऐसे हो चोद मुझे, आह्ह। ”
“हां भाभी, आपको भी मोटे तगड़े लंड की सख्त जरूरत थी।”
“हां यार, तेरे भैया को तो अब टाइम ही नहीं मिलता है।”
“कोई बात नहीं भाभी। अब आपका सैया आपको चोदेगा।”
मैं भाभी को बजाये जा रहा था। भाभी भी अब टांगे खोल कर खूब चुदवा रही थी। तभी भाभी की चूत में उबाल आ गया, और एक बार फिर से भाभी का पानी निकल गया। अब मैंने भाभी से घोड़ी बनने के लिए कहा। अब भाभी बिना कोई नखरे दिखाये घोड़ी बन गई। अब मैंने भाभी की चूत में लंड सेट किया और भाभी की कमर पकड़ कर चोदने लगा।
“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह उन्ह आह्ह ओह आह्ह।”
“ओह मेरी घोड़ी आह्ह ,खूब बजाऊंगा आज तुझे।”
“बजा ले मेरे सैया। मैं अब तुझे नहीं रोकूंगी।”
मेरा लंड धमा-धम भाभी की चूत की सैर कर रहा था। भाभी घोड़ी बन कर मेरा लंड ले रही थी। मैं भी घोड़ा बन कर भाभी की चूत में जम कर लंड पेल रहा था। भाभी को घोड़ी बना कर पेलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“आह्ह आहा अहह आहाहा सिसस्ससस्स उन्ह आज आहाहाह आहाहा आह्ह ओह उन्ह।”
“बजाने दो भाभी।”
मैं गांड हिला-हिला कर भाभी की चूत में लंड डाल रहा था। अब मैंने भाभी की कमर को छोड़ दिया और फिर भाभी के बालों को पकड़ लिया। अब मैं भाभी जी के बाल पकड़ कर उन्हें जम कर बजा रहा था।
“ओह आह्ह आहा आह्ह आईईईई साले कुत्ते कमीने बहुत दर्द हो रहा है।”
“साली मां की लौड़ी। दर्द तो होगा ही ना।”
मैं भाभी की चूत में दे दना दन लंड ठोके जा रहा था। भाभी भी घोड़ी बन कर अच्छी तरह से चुद रही थी। तभी भाभी का फिर से पानी निकल गया। अब भाभी पसीने से भीग चुकी थी। मैं भाभी को बजाये जा रहा था। फिर मैंने भाभी को बहुत देर तक बजाया।
अब मैंने भाभी को पलट कर वापस सीधा कर लिया। मैंने फिर से भाभी की चूत में लंड डाल दिया। अब मैं फिर से ताबड़-तोड़ भाभी चूत में लंड उतार रहा था। मैं भाभी की टांगे पकड़ कर उन्हें चोद रहा था। वो कस कर जम कर चूत बजवा रही थी।
“ओह आह्ह सिससस्स आहा ओह उन्ह आहा बहुत मज़ा आ रहा है रोहित। आह्ह। बहुत मज़ेदार लंड है तेरा।”
“खूब मज़ा दूंगा भाभी आपको।”
“ओह आहा सिसस्ससस्स आह्ह आईईईई।”
ताबड़-तोड़ ठुकाई से अब मेरा लंड भी कांपने सा लगा। तभी मैंने भाभी को अच्छी तरह से कस लिया और फिर भाभी की चूत को मेरे लंड के गाढ़े पानी से भर दिया।
भाभी की चूत भरने के बाद मेरे लंड को बहुत ज्यादा ख़ुशी मिल रही थी। जिस भाभी ने मेरा सेटिंग नीलम चाची से करवायी थी, आज वो भाभी मेरे लंड के नीचे थी। हम दोनों एक-दूसरे की बाहों में। लिपटे पड़े थे। फिर थोड़ी देर बाद मैं फिर से शुरू हो गया।
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