चुत चुदाई के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं राहुल 20 साल का नौजवान लोंडा हूं। मेरा लंड 6 इंच लंबा है जो किसी भी चूत की गहराई में उतर कर उसे अच्छी तरह से नाप सकता है।
मेरे लंड को अक्सर अनुभवी औरतें बहुत ज्यादा पसंद है। चाहे वो भाभी, चाची या आंटी कोई भी हो, सब लंड को भरपूर मज़ा देती है। मौका मिलने पर मैं मस्त नई नवेली कलियों को भी चोद लेता हूं।
मेरे मोहल्ले में रहने वाली मनीषा चाची से मेरा सेटिंग चल रहा था। मैं उनका मस्त मज़ा ले रहा था। फिर एक दिन मैं उन्हें चोदने के लिए चाची के घर गया, तब वो उनके घर पर नहीं मिली। तभी उनके सामने रहने वाली सोनिया भाभी ने मुझे उनके घर बुला लिया।
फिर सोनिया भाभी उस दिन मेरा काम चला दिया, और उनकी सहेली यानी नीलम चाची की चूत दिला दी, जिसके बारे में मैंने पिछली कहानी में बताया था। फिर मैंने नीलम चाची को बहुत बढ़िया तरीके से रगड़ा।
अब अगले दिन मैं फिर से मनीषा चाची को चोदने के लिए गया। लेकिन आज भी चाची उनके मायके से वापस नहीं आई थी। मैं फिर से लंड मसलने लगा। अब मैं सोनिया भाभी के घर चला आया।
सोनिया भाभी लगभग 32 साल की मस्त सेक्सी चिकनी माल है। वो ऊपर से लेकर नीचे तक रसमलाई सी है। भाभी का गदराया जिस्म, मस्त जिस्म, और तड़कती-फड़कती जवानी किसी को भी भरपूर मज़ा देने के लिए काफी है।
भाभी के बोबे लगभग 32″ साइज के है। उनके बोबे एक-दम टाइट और रसभरे है। भाभी अपने बोबों को अच्छे से रखती है। उनके बोबों की कसावट भाभी के बलाऊज में से अच्छी तरह से झलकती है।
भाभी का गौरा चिकना पेट बहुत ही सेक्सी है। पेट के नीचे भाभी की हॉट सेक्सी कमर लगभग 32″ साइज की है। कमर के नीचे भाभी की सेक्सी गांड लगभग 34″ साइज की है। जब भाभी इधर-उधर होती है तो उनकी गांड बहुत ज्यादा मटकती है। मैं भाभी की गांड को देख-कर कई बार लंड मसल लेता था। भाभी घर पर अकेली थी। वो कपड़े धो रही थी।
“और रोहित सुना तेरे हाल-चाल?”
“अब हाल-चाल तो आप जानती ही हो भाभी। ये मनीषा चाची कब तक आयेंगी यार?”
“यार इसके बारे में तो मुझे भी कुछ नहीं पता। शायद शादी में गई है वो। चार-पांच दिन तो लग ही जायेंगे।”
“यार तब तक मैं कैसे टाइम निकलूंगा? समझ में नहीं आ रहा है।”
“हां यार, अब इंतज़ार तो तुझे करना ही पड़ेगा।”
“बस इंतज़ार ही तो नहीं हो रहा है यार भाभी।”
भाभी मेरे आगे गांड करके बैठी हुई थी। उनकी फूली हुई गांड को देख कर मेरा लंड भाभी को चोदने के लिए मचलने लगा। अब मैं लंड को मसलने लगा।
“भाभी कल तो आपने मेरा काम चला दिया था। अब आज भी कोई जुगाड़ करो ना।”
“अब यार रोज जुगाड़ नहीं हो सकता। वो तो कल नीलम चाची तुझे दे गई। सभी इसके लिए तैयार नहीं होती है। अब आज तो वो भी नहीं है यहां।”
“यार भाभी कुछ तो करो।”
“यार आज तो कुछ भी नहीं हो सकता।”
अब मैंने सोचा भाभी कल मेरे लंड के दर्शन कर ही चुकी थी। अब आज भाभी को ही चुदने के लिए पटाया जाये। वैसे आज तक भाभी ने कुछ दिया भी नहीं था।
“भाभी कोई नहीं तो क्या? आप तो हो।”
तभी भाभी एक-दम से चौंक गई?
“मेरा मतलब आप तो मेरा काम चला सकती हो?”
“नहीं यार। बस ये काम ही मैं नहीं करती हूं।”
“यार प्लीज भाभी। आज आप ही मेरा काम चला दो। बस आज। कल मैं आपसे नहीं लूंगा। वैसे भी कल आपका ही नंबर था, लेकिन आपने बीच में ही चाची को चुदवा दिया।”
“वो तो मैंने कुछ भी किया हो लेकिन तुझे चूत तो दिलवा दी थी ना।”
“हां लेकिन आपने तो नहीं दी थी ना। वो तो भला हो चाची का जिसने मेरे लंड की प्यास बुझा दी। अब आपकी बारी है। दो चूत।”
“नहीं यार रोहित। चाहे में इस तरह की बातें कर लेती हूं। लेकिन किसी दूसरे के लेने के बारे में मैं सोचती भी नहीं हूं।”
“तो आज सोच लो ना भाभी। मस्त बजाऊंगा आपको जैसे कल नीलम चाची को बजाया था।”
“नहीं यार, मुझे करवाना ही नहीं है।”
अब भाभी उठी और कपड़े सुखाने लग गई। वो आधी गीली हो चुकी थी। अब मैं भाभी के सेक्सी फिगर को निहार रहा था।
“ओह भाभी बहुत मस्त फिगर है आपका। एक-दम सेक्सी लुक। आपका फिगर तो किसी भी लंड में आग लगा सकता है।”
“कुछ भी कहे लेकिन मैं आज तुझसे पटने वाली नहीं हूं।”
“सब पट जाओगी आप तो।”
“अच्छा!” हां भाभी।
अब मैं भाभी के पास जाकर खड़ा हो गया और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगा।
“रोहित यार काम करने दे मुझे। परेशान मत कर।”
“मैं भी आपको काम कराने के लिए तो बोल रहा हूं लेकिन आप तो नखरे ही बहुत दिखा रही हो भाभी।”
“अब मेरी चीज़ है तो नखरे तो दिखाउंगी ना।”
“हां बेशक आप नखरे दिखाओ लेकिन थोड़ी मेरे ऊपर भी दया दिखाओ भाभी।”
“बस दया ही नहीं दिखा सकती मैं।”
अब भाभी सारे कपड़े सुखा चुकी थी। अब भाभी अंदर से कुछ कपड़े और ले आई और फिर उसे भी धोने बैठ गई। इधर मेरा लंड भाभी की चूत के लिए तड़प रहा था।
“भाभी ये काम तो होता रहेगा। आप पहले मेरा काम भी कर दो ना।”
“यार वो काम मैं नही कर सकती।।”
मैं भाभी को पटाने की बहुत कोशिश कर रहा था, लेकिन भाभी जान-बूझ कर नखरे दिखा रही थी। अब मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और उन्हें अंदर लाने लगा।
तभी भाभी मुस्कुराती हुई उठ खड़ी हुई “रोहित यार ये क्या कर रहा है तू? पागल है क्या?”
“वो ही कर रहा हूं जो मुझे करना चाहिए भाभी।”
“ये तो गलत बात है रोहित। जो हेल्प करे फिर उसकी ही ले लो।”
“ऐसा सब करते है भाभी। आप तो अंदर चलो।”
भाभी अंदर जाने को तैयार नहीं हो रही थी। भाभी मुस्कुरा रही थी। मैं भाभी को धक्के देते हुए अंदर ले जा रहा था। मेरा हाथ उनकी गांड को सहला रहा था।
“तू मुझे अंदर तो ले जा रहा है लेकिन मैं किस करने के आगे कुछ नहीं करने दूंगी।”
“हां आप तो किस ही करवा लो।”
तभी मैं भाभी को कमरे के अंदर ले आया।अब। मैंने गेट बंद कर दिया। भाभी मेरे सामने खड़ी थी। तभी मैंने भाभी की कमर पर हाथ रखा, और उनके रसीले होंठो पर हमला कर दिया।
अब भाभी मुझे समभाल रही थी। मैं उनके रसीले होंठो को बुरी तरह से चूस रहा था। अब मेरा हाथ भाभी की कमर से होता हुआ उनकी मस्त गांड पर पहुंच चुका था।
तभी भाभी उनकी गांड पर से मेरे हाथ को हटाने की कोशिश करने लगी। मैं भाभी की गांड को अच्छी तरह से कस रहा था। अब कमरे में किस करने से ऑउच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े आ रही थी।
तभी भाभी सरकती हुई दीवार से जा सेट हो गई। अब मैं भाभी के बोबों को मसलने लगा। भाभी उनके बोबों को बचाने की कोशिश करने लगी।
इधर मेरा लंड भाभी की चूत फाड़ने के लिए बुरी तरह से कुलबुला रहा था। मैं भाभी के होंठों को चूसे जा रहा था। तभी मैंने भाभी के बलाऊज के अन्दर हाथ घुसा दिया और भाभी के चूचों को अच्छी तरह से कसने लगा।
अब बेचारी भाभी कहां तक उनके कबूतरों को बचाती? मैं भाभी के कबूतरों को उड़ा रहा था। भाभी मेरे हाथ को पकड़े हुए थी। अब मैं दूसरे हाथ को उनकी पेटिकोट में घुसाने लगा। भाभी पेटिकोट में हाथ नहीं डालने दे रही थी। लेकिन मेरा तो पक्का इरादा था। तभी मैंने भाभी के पेटिकोट में हाथ घुसा दिया। भाभी मेरे हाथ को पकड़ते ही रह गई।
अब मैं भाभी की चूत ढूंढने लगा। इधर मैं भाभी के होंठो को चूस रहा था और नीचे से मैं भाभी की चड्डी में हाथ डालने की कोशिश कर रहा था।
इसके आगे की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी। मेल करें –