Aunty Ke Doodh
ये चुदाई की स्टोरी तब की है जब में सिर्फ़ 18 साल का था और मेरे घर में बहुत बड़ा प्रोग्राम था और उस प्रोग्राम में सभी आए हुए थे. मेरी मौसी दिखने में बहुत सेक्सी है, उनका नाम बरखा है, वो सभी औरतों की तरह साड़ी पहनती है और उनका साड़ी पहनने का तरीका दिखने में सबसे जुदा होता है. Aunty Ke Doodh
वो अपनी साड़ी को अपनी मोटी कमर के नीचे पहनती है, वो बहुत ज़्यादा भी मोटी नहीं है, लेकिन साड़ी में उनका सभी मोटापा छुप जाता है, क्योंकि लोगों की नजर उनके बूब्स पर रहती है, उनकी नाभि भी बहुत नाज़ुक है और उसे देखोगे तो उसे चाटने का मन करेगा.
वो पेशे से वकील है और उनकी शादी हो चुकी है, उनके 3 बेटे है, लेकिन फिर भी उनकी जवानी में कमी नहीं है, उनके बूब्स तो जैसे एक-एक तरबूज हो ऐसे है, उन्हें मेरा अपने मुँह में लेकर चूसने का मन करता है और वो साड़ी के ब्लाउज बहुत टाईट पहनती है, जिससे उनके बूब्स और भी तने हुए लगते है.
अब वो प्रोग्राम में स्लीवलेस ब्लाउज पहनकर आई हुई थी और उनकी साड़ी हमेशा की तरह उनकी नाभि के नीचे थी. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि वहीं सबके सामने उन्हें चोद डालूँ. फिर में उनके पास गया और उनसे बातें करने लगा.
वो बोली कि अरे कितना बड़ा हो गया है? बहुत ही अच्छा लग रहा है. तो में मन ही मन में शरमाया और कहा कि मौसी क्या आप कल घर पर है? में आपके यहाँ आना चाहता हूँ. फिर तभी मौसी बोली कि कभी भी आजा और अभी में जब घर जाऊंगी तभी चलना.
फिर में राज़ी हो गया और वहीं सोने का प्लान भी बना लिया. अब प्रोग्राम ख़त्म हो चुका था और अब में और मौसी मेरी स्कूटी पर देर रात को 1 बजे सड़क से जा रहे थे. अब में जब-जब ब्रेक दबा रहा था, तो तब-तब मौसी के बूब्स मेरी पीठ पर लग रहे थे.
अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब में जानबूझकर ज़ोर-जोर से ब्रेक दबाने लगा था. अब मौसी को धीरे-धीरे सब समझ में आ रहा था. फिर मौसी ने अचानक से अपना एक हाथ मेरी कमर पर रख दिया, तो तभी मेरे शरीर में अजीब सा करंट दौड़ा. अब में मौसी को चोदने के लिए और भी पागल हुए जा था.
अब हम घर पहुँच चुके थे, अब हमने खाना तो खा लिया था और अब हमें सिर्फ़ सोने जाना था. अब किस्मत से मौसा जी घर से बाहर ट्रिप पर गये हुए थे और बच्चे भी सो चुके थे. फिर मौसी चेंज करके आ गई, उन्होंने एक नाइटी पहनी थी, जो जामुनी कलर की थी.
मौसी उसमें बहुत सुंदर लग रही थी. मौसी ने गलती से अपनी नाइटी के ऊपर के बटन खुले छोड़ दिए थे फिर मैंने मौसी से कहा कि मौसी आपके स्तनों के ऊपर के दो बटन खुले है, जो कि मुझे अंदर का सभी नज़ारा बता रहे थे. मौसी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और ऐसा लगता था कि जानबूझकर नहीं पहनी थी.
अब मौसी को ऐसा बोलते वक़्त मुझे शर्म भी नहीं आई थी. फिर मौसी ने मेरी तरफ देखकर एक सेक्सी सी स्माइल दी. फिर मौसी ने मुझसे कहा कि तुम भी अब लुंगी पहन लो और मौसी ने तुरंत मुझे मौसा जी की लुंगी लाकर दी. अब मेरा लंड खड़ा ही था, तो मौसी ने उसकी तरफ देखा और अपनी आँखे दूसरी तरफ फैर ली.
फिर मैंने अपना एक हाथ अंदर डालकर उसे सुला दिया तो मैंने फिर से देखा तो वो फिर से खड़ा दिख रहा था. फिर तभी मौसी बोली कि अरे ये क्या बार-बार अंदर हाथ डाल रहे हो? मैंने कहा कि कुछ नहीं खुजली हो रही है.
फिर मौसी तुरंत मेरे पास आकर बोली कि बताओ में देखती हूँ और फिर मौसी ने एक झटके में मेरी लुंगी निकाल दी. अब मेरा लंड अंडरवियर के नीचे से और बड़ा दिख रहा था और आस पास के बाल भी दिख रहे थे. फिर मौसी बोली अरे तेरे वहाँ पर बाल भी उग आए, तो में बोला कि हाँ और लंड भी बड़ा हो गया है.
फिर मौसी बोली कि अच्छा तो तू समझ गया कि में तुझे यहाँ क्यों लेकर आई हूँ? अब पता चल ही गया है तो डर क्यों कर रहा है? चल चोद डाल अपनी माँ की बहन को, जो तुझे बचपन में अपनी गोद में खिला चुकी है और तब से तेरा बड़े होने का इंतज़ार कर रही है.
अब मौसी मेरे करीब थी और मुझे चूमने लगी थी. अब मौसी ने मुझे चूम-चूमकर पूरा गीला कर दिया था. अब में भी बहुत मज़ा ले रहा था. अब मौसी मेरे लंड को अपने हाथों से मसल रही थी. अब में पूरा नंगा हो चुका था, लेकिन मौसी अभी तक कपड़ो में ही थी.
फिर मैंने मौसी से कहा कि चलो अब में तुम्हारे कपड़े उतारूँगा. फिर मौसी हँसते हुए बोली कि उतार दे, चोद डाल मुझे, मेरे बूब्स को मसलकर उन्हें अपने मुँह में लेकर पी जा, मेरा सारा दूध. फिर में मौसी की नाइटी पीछे से धीरे-धीरे उतारने लगा. अब मौसी की आँखें हवस से भरी हुई थी.
अब मैंने मौसी के पूरे कपड़े उतार दिए थे और उनके बूब्स को चूसने लगा था और उसमें से आता थोड़ा-थोड़ा दूध भी पीने लगा था. अब में बहुत पागल हो चुका था. अब में मौसी के बूब्स को एक तरबूज की तरह काट और चूस रहा था. अब मौसी भी हवस से पूरी लथपथ थी. “Aunty Ke Doodh”
फिर मैंने मौसी के मुँह में अपना लंड दे दिया, तो वो पहले तो हिचकिचाने लगी, क्योंकि उन्होंने शायद पहले अपने मुँह में नहीं लिया था इसलिए. फिर मैंने मौसी से कहा कि एक बार लेकर देखो बहुत मज़ा आएगा. फिर मौसी मेरे लंड को अपने मुँह में लेने लगी और केले की तरह चूसने लगी थी. अब में नाहह, हुउऊउउ करने लगा था.
अब मौसी के मुँह में मेरा सारा पानी भरने लगा था और वो उसे मज़े से पीने लगी थी. फिर मैंने मौसी को रुकाया और अब अपने लंड को उनके चूतड़ में घुसा दिया और ज़ोर-ज़ोर से डालने लगा. अब मौसी आआहह करने लगी थी. अब में मौसी को चोदते-चोदते उनके बूब्स का दूध भी पी रहा था. फिर 10 मिनट के बाद मैंने अपना वीर्य मौसी की चूत में ही छोड़ दिया और फिर हम दोनों वैसे ही अपने बिस्तर पर सो गये. फिर जब हम सुबह उठे तो मौसा जी सामने बैठकर जूस पी रहे थे, तो मैंने चौंककर मौसी की तरफ देखा, तो वो काफ़ी सामान्य लग रही थी.