इंटरव्यूअर को अपनी जवानी से दीवाना बना नौकरी पाई

Meri Chudai

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आप सब पाठकों को मेरी मखमली चुच्चीयों के बीच धड़कते दिल से प्यार भरा आदाब मेरा नाम यासीन है. और मैं 24 साल की हू पिछले साल ही मैंने अपना एमबीए कम्प्लीट किया है. मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हू साथ ही मे अल्लाह की मेहरबानी से हुस्न की मल्लिका भी. Hot Pussy XXX

कॉलेज मे मैंने अपनी मटकती गांड और उभरें हुए मम्मों से बहुत सारे प्रोफेसर को पटाया था मार्क्स के लिए यहां तक कि लेट नाइट क्लब से लौटने के बाद हॉस्टल में एंट्री के लिए गार्ड भईया को भी पटाया था अपने हुस्न के जादू से.

मैं अहमदाबाद की रहने वाली हू ये कहानी तब कि है जब मैं हू हैदराबाद की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में अपनी सीवी लेकर गई जॉब इंटरव्यू के लिए पर पहुचने मे मुझे लेट हो गया था मैं बेचैन हो गई और पूरा पसीना पसीना हुई जा रही थी.

एक तो उस दिन बारिश भी हो रही थी मेरे जिस्म से उत्तेजक जिस्म की सुगंध बाकी इंटरव्यू देने वाले लड़कों को भी मेरा दीवाना बना रही थी. मैं हिजाब नहीं पहनती तो पसीने और पानी मे भीगने की वजह से मेरी कुर्ती पूरी पारदर्शी हो गई थी.

और लोगों को मेरे सुडोल हुस्न की बनावट की बारीकियों को निहारने का पूरा मौका दे रही थी मेरी बारी सबसे अंत में आयी क्युकी मैं लेट थी. पर मैं खुश थी क्युकी लेट होने के बावजूद मुझे मौका दिया जा रहा था जब तक मेरी बारी आती ऑफिस के ज्यादातर लोग घर जा चुके थे.

और बाहर बारिश और तेज हो गई थी अब ऑफिस मे सिर्फ मैं इंटरव्यूअर्स और रिसेप्शनिस्ट बची थी जो मुझे कैबिन मे ले गई हमारे जाते ही दोनों इंटरव्यूअर्स (जगत और रमन) ने रिसेप्शनिस्ट को भी घर जाने को कह दिया रात के 8 बज चुके थे मुझे थोड़ा अजीब लगा पर मैंने नज़रंदाज कर दिया फिर मैं उनकी इजाज़त लेकर चेयर पर बैठ गयी मेरा इंटरव्यू शुरू हुआ.

जगत – आप अपनी सीवी लायी हैं.

मैं अपनी सीवी जगत सर को दे ही रही थी कि वो नीचे गिर गई मैं उठाने को झुकी तो मेरी कमीज मे से मेरे बड़े बड़े स्तन बाहर बहने लगे मैंने देखा दोनों इंटरव्यूअर्स मेरे हुस्न घूर रहे थे मैंने जगत सर को सीवी दी उन्होंने उसे बहुत देर तक पढ़ा.

और रमन सर से मुझे देख देख कर कुछ डिस्कस करने लगे मैं और भी घबरा गई थी क्युकी ये जॉब मेरे लिए बहुत मायने रखती थीं जगत – ये जॉब आपके लिए कितनी जरूरी है अगर मैं आज आपको रिजेक्ट कर देता हू तो ये सुन मैं घबरा के बोली नहीं नहीं सर मुझे ये जॉब चाहिए और इसके लिए मैं कुछ भी करूंगी.

ये अल्फाज़ मेरी जुबां से सुनकर रमन सर ने एक तिरछी मुस्कान के साथ बोले रमन – कुछ भी से आपका क्या मतलब है बताइए जरा ये – बोलते हुए उन्होंने जगत सर की ओर देख कर मुस्कुराया मैं भी अपने अल्फाजों पर गौर फरमाते हुए सोच सोच हसने लगी.

मैंने बोली – सर सुहाना मौसम है हम तीनों अकेले है ये तेज गरजते बदल फिज़ा की आग को और भड़का रहे.

ये बोल मैं अपनी चेयर से उठी और रमन और जगत सर के सामने टेबल पर बैठ गयी मैंने अपने पैर फैला दिए जिसकी वजह से मेरे पसीने से भीगे हुए सलवार और कच्छी की उत्तेजक महक दोनों को मेरा दीवाना बनाने लगी जगत – अच्छा ये काबिलियत है आप में इतनी काबिलियत मे शायद ही मैं आपको अपॉइन्ट करू हमें और हुनर देखने है.

उनकी बातें मैं पूरी तरह समझ रही थी मैंने बोला – क्यूँ ना सर आप ही लोग खुद मेरी काबिलियत अपने हाथों से परख ले.

मेरे ये बोलते ही रमन सर बोले लगता है हमें पहले आपकी स्किल्स इत्मीनान से देखनी मैं भी उनकी बातें बखूबी समझ रही थी मैं अपने दोनों मुम्में हवा में उछालती हुई टेबल से उतरी और बोली क्युं नहीं सर मैं काम करने के लिए ही तो आयी हू.

ये देख और सुनकर रमन सर बोले रमन – आप मेहनती तो हो आपकी दोनों मेहनत के फल चीख चीख के हमे ये बता रहें है कि आपने बहुत लोगों को अपनी काबिलियत से खुश किया है… ये कह कर दोनों हसने लगे.

मैं ये सब सुन और कामुक हुई जा रही थी रमन सर चेयर से उठे और धीरे धीरे मेरी ओर बढ़ने लगे मैं टेबल से लग कर खड़ी हो गई. उन्होंने धीरे से मेरी गर्दन पर हाथ रखा और मुझे अपनी ओर खींचकर हौले हौले किस करना शुरू किया मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी.

मैं भी उनके शर्ट की बटन खोलने लगी उनका तगड़ा मर्दाना जिस्म का स्पर्श मुझे अपनी सारी सीमाएं भूलाने पर मजबूर कर दे रहा था. उन्होंने मेरे जिस्म को चूमना शुरू किया तो मैं मानो जन्नत में थी और मेरे जिस्म का जन्नत का दरवाजा भीगा जा रहा था.

पीछे से जगत सर आए और मेरी कुर्ती अपने हाथों मे पकड़ कर फाड़ दी और मेरी पीठ अपनी गिली जुबान और दांतों से काटने चाटने लगे. मेरी चूत उत्तेजित हो कर पानी छोड़ने लगी थी जिससे मेरी सलवार गिली हो रही थी.

ये देख रमन सर ने अपना हाथ मेरी सलवार मे सरकाया और मेरी बहती चूत पर अपनी उँगलियाँ घुमाई जवाब मे मेरी जुबान भी आहें भर रही थी. उन्होंने मेरी चूत से बहती धार को उँगलियों में लपेटा और मस्ती से अपनी जुबान से उसका स्वाद ली ये देख मैं शर्म से लाल हुई जा रही थी.

वो धीरे से मेरी ओर झुके और मेरी सलवार के ऊपर से मेरी दरारों से बहते यौवन रस का सुख भोगना शुरू किया. जगत सर ने मुझे टेबल पर लिटा दिया और मुझे अपना 13 इंच का हथियार जुबां से खेलने को दिया नीचे रमन सर मेरी सलवार और कच्छी निकाल दी और पूरी नज़ाकत से मेरी योनि मे अपनी जुबान चलाने लगे थे.

जिससे मेरी सब्र का बांध टूटने को था ऊपर जगत मेरे मुह को बेरहमी से चोदने लगे थे मैं सांस के लिए छटपटा रही थी पर मेरा जिस्म इस दर्द को पूरी सिद्दत से कुबूल कर रहा था 20 मिनट बाद मेरे जुबाँ को जगत सर के गाढ़े नमकीन वीर्य का तोहफा नसीब हुआ. “Hot Pussy XXX”

नीचे रमन सर ने मेरी योनि को अपनी उँगलियों और जुबान की प्यार की निशानियों से पूरा लाल कर दिया था. वो तेजी से मेरी चूत मे अपनी उँगलियाँ अंदर बाहर करते हर एक झटके के साथ मेरी चूत और रस छोड़ती जा रही थी और अंत मे उनकी उँगलियों की तेज रफ्तार के आगे मेरी चूत ने हथियार डाल दिए और एक लंबी पानी की धार छोड़ दी मैं पूरी झड़ गई थी.

रमन और जगत ने मुझे टेबल से उठाया और सोफ़े पर जा फेंका मैं अपने जिंदगी के सबसे तगड़े और जालिम आशिकों के सामने इतरा इतरा अपने कामुक हुस्न को छूकर इठला रही थी मैंने देखा तो मेरी फुद्दी पूरी फुल गई थी मुझे सोफ़े पर फेंकते ही वो मुझपर टूट पड़े मैं भी उन्हें अपनी बाहों में कश कर अपने जिस्म को मस्ती से रगड़वा रही थी.

अब जगत सर ने अपना लंबा तगड़ा मेरी लार से सना हुआ लंड अपने हाथों से मसलते हुए मेरी तरफ बढ़े. दूसरी तरफ रमन सर मेरे मुह पर अपना 12 इंच का लंड रगड़ने लगे और मेरे बालों को पकड़ मेरे मुह को अपने लोहे के लोडे को घुसा अंदर बाहर करने लगे.

नीचे जगत ने एक जोरदार झटके में मेरी चूत को चीरते हुए मेरे कमसिन जिस्म की आग और भड़का दी और जोर जोर से बेरहमी से मेरी जवानी का लुफ्त उठाने लगा मैं भी अपनी गांड मटका मटका उनको पूरा मजा देने की कोशिश करती.

ऊपर रमन मेरे गले तक अपने लंड को ले जाता और ले आता मैं किसी जन्नत की हूर सा मेहसूस करती जो अपने मालिकों को खुश करने मे लगी थी. उन्होंने मेरे ब्रा की तरफ देखा और एक झटके मे मेरे दोनों मखमली स्तनों को मेरी ब्रा की कैद से आज़ाद कर अपने हाथों से मसलने लगे. “Hot Pussy XXX”

मुझे मेरी आहों को थामने का मौका ही ना मिला मैं भी मस्ती में झूम झूम चुद रही थी उन्होंने झटकों के साथ मेरे स्तनों को अपने मुंह मे भरके चूस रहे थे और रह रह कर काट रहे थे मेरी चूत ने पानी छोड़ छोड़ कर सोफ़े को हमारे प्यार की बारिश में भिगो दिया था.

फिर रमन सर ने भी मेरी चूत को बेदर्दी से रगड़ा उनका लंड मेरी बच्चेदानी तक जा रहा था मैं पूरा जोर लगा कर चीख चीख कर अपनी जिस्म की गर्मी को उनपर लुटा रही थी रमन ने मुझे जमीन पर घसीटा और जमीन पर लेट कर मुझे अपने लोडे पर बैठा हवा मे उछालने लगे पीछे से जगत मेरी गांड मे अपना लंड डालकर अंदर बाहर करने लगा था.

मैं मेरी गांठ और चूत की बर्बादी का जमकर लुफ्त उठा रही थी उन्होंने अपनी जगह मे अदला बदली की और फिर से लगभग 2 घण्टे मेरी जोरदार खिदमत की उनकी खिदमत के बाद मैं सोफ़े और फर्श पर पड़े उनके वीर्य और मेरी चूत से हुई बारिश की ढेर सारे छीटों से नहाई हुई फिज़ा के नजारे को अपनी आँखों में समेट रही थी.

मैं उनके लंड से निकली प्यार की फुहारों को अपनी योनि और गांड मे भरकर अपने नाजुक जिस्म मे समा लिया मेरे स्तन पूरे लाल होकर सूझ गए थे और आकार मे बड़े लग रहे थे मेरी योनि फट कर और चौड़ी हो गई थी और उसमे से मर्दाना वीर्य की मनमोहक सुगंध आ रही थी. “Hot Pussy XXX”

मैं बेसुध होकर एक इत्मीनान कि मुस्कान के साथ वही लेट गई अगले दिन मैं जब उठी तो मेरे पास मेरा अपॉइंटमेंट लेटर रखा हुआ था मैं बहुत खुश थी मैंने स्टाफ़ के आने से पहले अपने फटे कपड़े अपने जिस्म पर डाले और छिपते छिपाते अपने घर आयी.

मैंने अपने कल रात की प्यार की निसानियों को बहुत प्यार से अपने जिस्म पर से मिटाया और अगले सुबह सज धज कर पूरे एतिमाद के साथ अपनी जॉब जॉइन की मैं हमेशा बिना ब्रा बैकलेस क्रॉप टॉप और डेनिम हॉट पैंट पहन कर ऑफिस जाने लगी कंपनी के बहुत सारे क्लाइंट्स को भी रमन सर के कहने पर मैं पर्सनल सर्विसेस देती हू अपनी राय देने के लिए मेल करें। शुक्रिया.

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